दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल ‘चिनाब ब्रिज’ का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया उद्घाटन, रेलवे के अफसरों और ब्रिज बनाने वाले कर्मचारियों से की मुलाकात; पीएम मोदी ने वंदे भारत को भी दिखाई हरी झंडी!

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

6 जून 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर के विकास और कनेक्टिविटी को एक ऐतिहासिक नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया। शुक्रवार सुबह 11 बजे पीएम मोदी ने चिनाब नदी पर बने दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे आर्च ब्रिज का उद्घाटन किया। इसके साथ ही भारत के पहले केबल-स्टे रेल ब्रिज अंजी ब्रिज का भी उद्घाटन किया। चिनाब ब्रिज 359 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और यह एफिल टॉवर से भी ऊंचा है। इस पर 29,800 मीट्रिक टन स्टील का इस्तेमाल किया गया है। इसे इस तरह डिजाइन किया गया है कि यह रिक्टर स्केल पर 8 तीव्रता के भूकंप और 225 किमी/घंटे की रफ्तार से चलने वाली हवा को भी सह सके। बता दें, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोशल मीडिया पर चिनाब और अंजी ब्रिज की तस्वीरें साझा करते हुए लिखा, “सपने नहीं, हकीकत बुनते हैं।”

प्रधानमंत्री चिनाब आर्च ब्रिज से विशेष रेल इंजन में बैठकर अंजी ब्रिज पहुंचे और वहां परियोजना से जुड़े इंजीनियरों व कर्मचारियों से मुलाकात की। इसके बाद वे कटरा रेलवे स्टेशन पहुंचे और कटरा से श्रीनगर के बीच चलने वाली वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाई। इस रूट की शुरुआत 7 जून से होगी, और यह ट्रेन जम्मू-कश्मीर को भारत के बाकी हिस्सों से सीधी और तेज कनेक्टिविटी देगी।

वंदे भारत ट्रेन सप्ताह में 6 दिन चलेगी और फिलहाल बनिहाल स्टेशन पर रुकेगी। नॉर्दर्न रेलवे के अनुसार, चेयरकार का किराया 715 रुपये और एग्जीक्यूटिव क्लास का 1320 रुपये तय किया गया है। यह ट्रेन कटरा से श्रीनगर के बीच का करीब 10 घंटे का सफर सिर्फ 3 घंटे में पूरा कर देगी। खास बात यह है कि बर्फबारी के मौसम में जब नेशनल हाईवे-44 बंद हो जाता है, तब भी यह ट्रेन घाटी का संपर्क देश से बनाए रखेगी।

इस मौके पर पीएम मोदी ने कटरा स्टेडियम में एक विशाल जनसभा को भी संबोधित किया और जम्मू-कश्मीर के लिए ₹46,000 करोड़ से ज्यादा के विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। उन्होंने कहा कि ये पुल और रेल रूट न सिर्फ इंजीनियरिंग की दृष्टि से चमत्कार हैं, बल्कि ‘नए भारत का आत्मविश्वास’ हैं, जो हर चुनौती को पार कर आगे बढ़ता है।

प्रधानमंत्री के साथ इस ऐतिहासिक समारोह में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह और जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला भी मौजूद रहे। इस परियोजना की शुरुआत 1995 में तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव के कार्यकाल में हुई थी और इसे 2002 में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा दिया था। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने इस अवसर पर कहा कि सरकारों में निरंतरता होती है और कांग्रेस भी इस परियोजना के लिए भारतीय रेलवे को बधाई देती है।

उधमपुर-श्रीनगर-बारामुल्ला रेल लिंक (USBRL) प्रोजेक्ट में कुल 36 सुरंगें और 943 पुल शामिल हैं। खासतौर पर कटरा-बनिहाल सेक्शन में 111 किमी में से 97.42 किमी ट्रैक सुरंगों और पुलों से होकर गुजरता है। सुरक्षा के दृष्टिकोण से पूरे रेल रूट पर कड़ी निगरानी रखी गई है। संगलदान रेलवे स्टेशन पर डॉग स्क्वॉड और अन्य सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है।

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