जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
राष्ट्रीय सिकल सेल उन्मूलन मिशन 2047 के तहत मध्यप्रदेश में चल रहे अभियान को नई ऊर्जा मिलने जा रही है। 19 जून को विश्व सिकल सेल दिवस के अवसर पर बड़वानी जिले के ग्राम पंचायत तलून स्थित खेल स्टेडियम में राज्य स्तरीय कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, जिसकी मुख्य अतिथि होंगी देश की प्रथम नागरिक, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु। कार्यक्रम में राज्यपाल मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, उपमुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल सहित कई मंत्रीगण एवं गणमान्य अतिथि भी मौजूद रहेंगे। यह कार्यक्रम ना केवल एक प्रतीकात्मक आयोजन होगा, बल्कि इसमें कई महत्वपूर्ण नवाचारों और योजनाओं की शुरुआत भी की जाएगी, जिनका सीधा लाभ सिकल सेल से प्रभावित लाखों नागरिकों को मिलेगा।
इस ऐतिहासिक अवसर पर जेनेटिक काउंसलिंग जागरूकता वीडियो और गर्भवती प्रभावित महिलाओं के लिए व्यापक दिशानिर्देश और मॉड्यूल का विमोचन किया जाएगा। इसके साथ ही उन पंचायतों को सम्मानित किया जाएगा जिन्होंने लक्षित आयु वर्ग की 100% स्क्रीनिंग पूरी कर सिकल सेल उन्मूलन के प्रयासों में अग्रणी भूमिका निभाई है। कार्यक्रम की एक अन्य बड़ी पहल होगी “सिकल सेल मित्र” योजना, जिसे मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के एनसीसी निदेशालय के सहयोग से शुरू किया जा रहा है। ये सिकल सेल मित्र युवा समाज में जागरूकता फैलाने के साथ-साथ सेवा प्रदाताओं और आमजन के बीच संवाद का सेतु बनेंगे।
राज्य स्तर पर ही नहीं, प्रदेश के सभी 33 सिकल सेल प्रभावित जिलों में विशेष परामर्श शिविरों का आयोजन किया जाएगा, जहां रोगियों और उनके परिजनों को आनुवंशिक परामर्श, प्रबंधन पद्धतियों, भावी पीढ़ियों को सुरक्षित रखने के उपायों और स्वास्थ्य सेवाओं की जानकारी दी जाएगी। इन शिविरों को उप-केन्द्र से लेकर जिला अस्पताल तक के स्वास्थ्य संस्थानों में व्यापक रूप से संचालित किया जाएगा, ताकि अंतिम व्यक्ति तक स्वास्थ्य सेवा पहुंच सके।
सिकल सेल रोग से पीड़ित लोगों को विशेष रूप से पेन क्राइसिस जैसी जटिल स्थितियों में किस प्रकार राहत दी जाए, इसकी जानकारी भी इन शिविरों के माध्यम से दी जाएगी। साथ ही, राज्य स्तर पर विकसित जेनेटिक काउंसलिंग कार्ड का वितरण भी किया जाएगा, जिससे रोगी और उनका परिवार आनुवंशिक जानकारी को बेहतर ढंग से समझकर इलाज का सही रास्ता अपना सकें।
प्रदेश सरकार ने यूडीआईडी कार्ड के माध्यम से सिकल सेल रोगियों को दिव्यांगता योजनाओं और वित्तीय सहायता से जोड़ने की प्रक्रिया को भी सरल बनाया है। इसके लिए विशेष मेगा शिविर आयोजित किए जाएंगे, जिनमें कार्ड निर्माण से लेकर जानकारी और मार्गदर्शन तक की संपूर्ण सुविधा एक ही स्थान पर उपलब्ध कराई जाएगी।
अब तक राज्य में 1 करोड़ 6 लाख से अधिक नागरिकों की सिकल सेल स्क्रीनिंग की जा चुकी है। इनमें से 2 लाख से अधिक नागरिक वाहक के रूप में चिन्हित हुए हैं, जबकि 29,277 लोग इस बीमारी से ग्रसित पाए गए हैं, जिनका नियमित उपचार चल रहा है। इसके अतिरिक्त, 80 लाख से अधिक सिकल सेल कार्ड वितरित किए जा चुके हैं, जिनकी सहायता से मरीज अपनी स्वास्थ्य स्थिति को समझकर सही उपचार ले पा रहे हैं।
राष्ट्रीय सिकल सेल पोर्टल के माध्यम से स्क्रीनिंग, उपचार और फॉलोअप की निरंतर मॉनिटरिंग की जा रही है। रोगियों को नि:शुल्क औषधियां, जेनेटिक काउंसलिंग, वैक्सीनेशन, और ब्लड ट्रांसफ्यूजन की सुविधाएं भी सुलभ कराई जा रही हैं। अब तक 26,115 रोगियों को हाइड्रॉक्सीयूरिया दवा से उपचार प्रदान किया जा चुका है। इसके साथ-साथ जनजातीय स्कूलों, छात्रावासों और कॉलेजों में भी विशेष स्क्रीनिंग कैंप लगातार चलाए जा रहे हैं।
मध्यप्रदेश में इस मिशन की शुरुआत 15 नवंबर 2021 को अलीराजपुर और झाबुआ में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में हुई थी। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने इस मिशन को 1 जुलाई 2023 को शहडोल से राष्ट्रीय स्तर पर लॉन्च किया। आज यह मिशन प्रदेश के 33 जिलों में सक्रिय है, जिसमें 89 विकासखंडों के अलावा पीएम जनमन योजना के अंतर्गत 13 अतिरिक्त जिलों को भी शामिल किया गया है।
सिकल सेल उन्मूलन की दिशा में प्रदेश ने आधुनिक चिकित्सा तकनीकों का भी समावेश किया है। एम्स भोपाल में नवजात शिशुओं की 72 घंटे में जांच के लिए विशेष लैब स्थापित की गई है। इंदौर मेडिकल कॉलेज में बोन मैरो ट्रांसप्लांट यूनिट के माध्यम से गंभीर मामलों में सर्जरी की सुविधा भी उपलब्ध है, जहां अब तक 100 से अधिक सफल ट्रांसप्लांट हो चुके हैं। वहीं रीवा में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना से उच्चस्तरीय देखभाल को और मजबूती मिली है।