Prayagraj Maha Kumbh: महाकुंभ में श्री पंचायती नया उदासीन अखाड़े की भव्य पेशवाई; गले में अजगर और नरमुंड की माला, शिव रूप में कलाकार की झांकी!

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

प्रयागराज महाकुंभ, एक ऐसा स्थल जहाँ धर्म, आस्था और संस्कृति का अद्वितीय संगम होता है। यहां हर 12 साल में लाखों श्रद्धालु एकत्रित होते हैं, और एक ऐसी यात्रा का हिस्सा बनते हैं जो समय और स्थान की सीमाओं से परे है। और इस यात्रा का हिस्सा बने, श्री पंचायती नया उदासीन अखाड़े के साधु-संत। जिनकी पेशवाई (छावनी प्रवेश) ने कुंभ के वातावरण में और भी भव्यता भर दी है।

जी हाँ, आज शुक्रवार को श्री पंचायती नया उदासीन अखाड़े की पेशवाई भव्यता के साथ निकाली जा रही है। जिसमें 500 से ज्यादा साधु-संत, गुरुबाणी का पाठ करते हुए चल रहे हैं। इस शानदार पेशवाई में झांकी भी है, जिसमें कलाकार ने शिव का रूप धारण किया है और उसके गले में एक अजगर लिपटा हुआ है, साथ ही उसने नरमुंड की माला भी पहन रखी है।

हरिद्वार के कनखल में स्थित श्री पंचायती नया उदासीन अखाड़ा, करीब 111 साल पुराना है। इस अखाड़े का रजिस्ट्रेशन 1913 में हुआ था, और इसे महात्मा सूरदास जी की प्रेरणा से स्थापित किया गया था। अखाड़ों के महंतों का कहना है कि जब बड़े उदासीन अखाड़ा के संतों के बीच विचारों में मतभेद हुआ, तो महात्मा सूरदास जी की प्रेरणा से एक नया अखाड़ा बनाया गया। इसे श्री पंचायती नया उदासीन अखाड़ा (हरिद्वार) का नाम दिया गया, और इसका मुख्य केंद्र हरिद्वार के कनखल में है।

जानकारी के लिए बता दें, आस्था, आध्यात्मिकता, भव्यता और दिव्यता का प्रतीक महाकुंभ साल 2025 में 13 जनवरी से शुरू हो रहा है, जोकि 26 फरवरी तक चलेगा। अनुमान है कि इस बार प्रयागराज महाकुंभ में देश-विदेश से करीब 40 करोड़ तक श्रद्धालु शामिल होंगे।

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