जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
केन्द्र सरकार ने हाल ही में जीएसटी की दरों में कटौती की है और 22 सितंबर से नई दरें लागू हो चुकी हैं। लेकिन इस बीच मध्यप्रदेश में सियासत उस वक्त गरमा गई, जब पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने दावा किया कि केंद्र ने गोवंशीय पशुओं के मांस (बीफ) को जीएसटी मुक्त कर दिया है। उन्होंने इसे प्रदेश की भाजपा सरकार पर सीधा हमला करने का मौका बताया और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को घेरा।
पटवारी का सवाल—गोमांस पर जीरो जीएसटी का क्या संदेश?
भोपाल में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए पटवारी ने कहा कि “मुख्यमंत्री खुद को गोभक्त कहते हैं, लेकिन गोमांस पर जीएसटी जीरो कर दिया गया। इसका सीधा मतलब है कि दुनिया भर में बीफ एक्सपोर्ट को बढ़ावा मिले।” उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि “बीजेपी गाय की पूजा सिर्फ वोट के लिए करती है, असल में सबसे ज्यादा गोमांस का निर्यात भारत से ही हो रहा है और यह सब मोदी राज में हुआ है। रिकॉर्ड तोड़े जा चुके हैं। अगर गोमाता का मांस दुनिया में भेजा जा रहा है तो इसकी जिम्मेदारी किसकी है?”
बीजेपी का पलटवार—‘लिस्ट में ऐसा कुछ नहीं’
कांग्रेस के आरोपों पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल ने पलटवार किया। उन्होंने कहा कि “मैंने जीएसटी की पूरी लिस्ट कई बार देखी, इसमें ऐसा कुछ नहीं है। पटवारी किस आधार पर आरोप लगा रहे हैं, ये वही जानते होंगे।”
कांग्रेस का ऐलान—26 और 27 सितंबर को प्रदेशव्यापी आंदोलन
पटवारी ने एलान किया कि कांग्रेस इस फैसले का कड़ा विरोध करेगी।
-
26 सितंबर को जिला स्तर पर बाजारों में विरोध प्रदर्शन कर “जीएसटी की लूट” को उजागर किया जाएगा।
-
27 सितंबर को नगर परिषद और छोटे कस्बों में आंदोलन होगा।
उन्होंने कहा कि “कांग्रेस कार्यकर्ता सड़क पर घूम रही गायों को घेरकर कलेक्टर ऑफिस ले जाएंगे, ताकि सरकार को असलियत का आईना दिखा सकें।”
‘माफियाओं की सरकार’ का आरोप
जीतू पटवारी ने प्रदेश सरकार को “माफियाओं की सरकार” करार दिया। उन्होंने कहा कि “वल्लभ भवन की पांचवीं मंजिल पर माफियाओं का कब्जा है। बिना रिश्वत के कोई सरकारी काम नहीं होता। कोई मंत्री ईमानदार नहीं है। भाजपा का विचार ही भ्रष्टाचार से भरा है।”
कांग्रेस नेता ने याद दिलाया कि जब जीएसटी लागू हुआ था, तब राहुल गांधी ने चेताया था कि यह देश की अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर देगा। पटवारी बोले—“8 साल से राहुल गांधी कहते रहे कि जीएसटी गरीबों और छोटे उद्योगों को खत्म कर देगा। अब वही सच साबित हो रहा है। मोदी जी ने देर से सही, राहुल जी की बात मान ली। लेकिन सवाल यह है कि इन 8 सालों में जो लूट हुई उसका जिम्मेदार कौन है?”
यह पूरा मामला अब सियासी बहस का बड़ा मुद्दा बन गया है। जहां कांग्रेस इसे गाय और धर्म से जोड़कर सरकार पर हमलावर है, वहीं भाजपा आरोपों को झूठा और भ्रामक बता रही है। 26 और 27 सितंबर को कांग्रेस के आंदोलन के बाद यह विवाद और तूल पकड़ सकता है।