जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
नेशनल हेराल्ड मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दाखिल चार्जशीट में सोनिया गांधी और राहुल गांधी का नाम सामने आते ही देश की सियासत में जबरदस्त तूफान आ गया है। कांग्रेस पार्टी इसे सियासी बदले की कार्रवाई बता रही है, तो वहीं भारतीय जनता पार्टी इसे भ्रष्टाचार का खुलासा करार दे रही है। एक तरफ जहां कांग्रेस देशभर में ईडी कार्यालयों का घेराव और सड़कों पर प्रदर्शन कर रही है, वहीं बीजेपी भी पूरी आक्रामकता से पलटवार कर रही है।
मध्य प्रदेश में भी इस मुद्दे को लेकर राजनीतिक टकराव चरम पर पहुंच गया है। प्रदेश कांग्रेस के दिग्गज नेता कमलनाथ, दिग्विजय सिंह और जीतू पटवारी ने खुलकर मोर्चा संभालते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी सरकार पर हमला बोला है। इन नेताओं का कहना है कि केंद्र की सरकार विपक्ष की आवाज़ दबाने के लिए ईडी जैसी संस्थाओं का दुरुपयोग कर रही है। कांग्रेस नेताओं ने चेतावनी दी है कि अगर गांधी परिवार को निशाना बनाया गया, तो देशभर में उबाल आ जाएगा।
लेकिन कांग्रेस के इस तेवर पर बीजेपी ने कड़ा प्रहार किया है। मध्य प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा, “यह देश किसी की निजी जागीर नहीं है, और न ही सोनिया गांधी और राहुल गांधी कानून से ऊपर हैं। इन लोगों ने देश की सबसे पुरानी पार्टी को प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में बदल दिया है। नेशनल हेराल्ड, जो कभी आजादी की आवाज़ था, उसे एक प्राइवेट एटीएम में बदल दिया गया। शेयरों की हेराफेरी करके, कंपनी बनाकर, और संपत्ति पर कब्जा करके गांधी परिवार ने जो किया है, वो अब कानून के घेरे में आ गया है।”
वीडी शर्मा यहीं नहीं रुके, उन्होंने कहा कि सोनिया और राहुल गांधी खुद इस मामले में जमानत पर हैं, उन्होंने सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में भी राहत पाने की कोशिश की, लेकिन वहां से भी उन्हें कोई राहत नहीं मिली। उन्होंने बताया कि 1937 में शुरू हुआ नेशनल हेराल्ड अख़बार 2008 में बंद हो गया था। इसके बाद कांग्रेस पार्टी ने अख़बार को 90 करोड़ रुपये का फंड दिया। जब पैसा वापस नहीं मिला, तो यंग इंडिया नाम की एक कंपनी बनाई गई, जिसमें 38-38 प्रतिशत शेयर सोनिया गांधी और राहुल गांधी के पास थे। उन्होंने सवाल उठाया, “क्या कांग्रेस पार्टी का पैसा किसी एक परिवार की संपत्ति में बदलने के लिए होता है?”
इस पूरे मामले को लेकर वीडी शर्मा ने कांग्रेस को सीधी चेतावनी देते हुए कहा, “धरना, प्रदर्शन और नारेबाज़ी से ईडी दबाव में नहीं आने वाली, और न ही आनी चाहिए। मोदी सरकार ने जांच एजेंसियों को स्वतंत्रता दी है और ये एजेंसियां अपना काम पूरी ईमानदारी से कर रही हैं।”
उन्होंने कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन को “कानूनी प्रक्रिया पर हमला” बताया और कहा कि गांधी परिवार खुद को कानून से ऊपर समझता है। उन्होंने कांग्रेस पार्टी की भर्त्सना करते हुए कहा, “जो अखबार कभी देश की आजादी की लड़ाई में लोगों की आवाज़ था, उसे इन लोगों ने सिर्फ मुनाफे और संपत्ति के लिए इस्तेमाल किया। ये दुर्भाग्यपूर्ण ही नहीं, शर्मनाक भी है।”