जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
इंदौर की राजनीति में इस समय जबरदस्त हलचल मची हुई है। नगर निगम में कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे को पुलिस ने रविवार को उनके घर से गिरफ्तार कर लिया। यह गिरफ्तारी एक ऐसे मामले में हुई है, जिसकी शुरुआत शनिवार रात पानी के टैंकर को लेकर बच्चों के मामूली झगड़े से हुई थी, लेकिन कुछ ही घंटों में यह झगड़ा बीजेपी और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच हिंसक टकराव में बदल गया। आरोप इतने संगीन लगाए गए हैं कि पुलिस ने कांग्रेस नेता पर आईपीसी की धारा 307 (हत्या की कोशिश) तक लगा दी है।
पुलिस की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक, शिकायतकर्ता बीजेपी कार्यकर्ता कपिल पाठक ने आरोप लगाया है कि चिंटू चौकसे और उनके साथियों ने फावड़े और लोहे की रॉड से उस पर जानलेवा हमला किया। मेडिकल रिपोर्ट में भी कपिल के सिर में गंभीर चोट की पुष्टि हुई है। हालांकि, कांग्रेस पक्ष की ओर से भी कुछ लोग घायल हुए हैं लेकिन उन्होंने अब तक कोई मामला दर्ज नहीं कराया है। पुलिस ने चिंटू चौकसे और उनके एक साथी सुभाष को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि 6 अन्य आरोपी फरार हैं। उनकी तलाश जारी है।
बता दें, चौकसे को हिरासत में लेकर हीरा नगर थाने लाया गया और फिर मेडिकल चेकअप के लिए एमवाय अस्पताल भेजा गया। इस दौरान उन्होंने मीडिया से बात करते हुए साफ कहा—“यह अंधेर नगरी है और चौपट राजा का राज चल रहा है।” उनका कहना है कि वह घटनास्थल पर मौजूद ही नहीं थे और सियासी दबाव में उन्हें फंसाया जा रहा है। उन्होंने इसे सीधा-सीधा राजनीतिक बदले की कार्रवाई बताया।
मामला इतना तूल पकड़ चुका है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सज्जन सिंह वर्मा खुद कमिश्नर संतोष सिंह से मुलाकात करने पहुंच गए हैं। उनके साथ कांग्रेस शहर अध्यक्ष सुरजीत चड्ढा, जिला अध्यक्ष सदाशिव यादव, पूर्व विधायक अश्विन जोशी और शोभा ओझा भी मौजूद रहीं। थाने के बाहर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी की और भाजपा सरकार पर तानाशाही का आरोप लगाया।