यूट्यूबर ज्योति केस में पुलिस को मिली चार दिन की अतिरिक्त रिमांड, जासूसी के आरोप में ज्योति मल्होत्रा हुई थी गिरफ्तार; NIA और IB कर रही हैं गहन जांच!

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

हरियाणा की यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा को लेकर जासूसी के शक में जो खुलासे सामने आ रहे हैं, वे न केवल चौंकाने वाले हैं, बल्कि देश की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल भी खड़े कर रहे हैं। 16 मई को गिरफ्तार हुई ज्योति को गुरुवार सुबह हिसार कोर्ट में पेश किया गया, जहां करीब डेढ़ घंटे तक चली बहस के बाद पुलिस को उसकी चार दिन की अतिरिक्त रिमांड मिल गई। लेकिन पेशी के बाद जो हुआ, वह किसी फिल्मी सीन से कम नहीं था—पुलिस ने काले शीशों वाली स्कॉर्पियो मंगवाई, कोर्ट का गेट बंद कराया और मीडिया की नजरों से बचाकर ज्योति को चुपचाप वहां से रवाना कर दिया।

ज्योति फिलहाल हिसार पुलिस की हिरासत में है, और उसके खिलाफ NIA, मिलिट्री इंटेलिजेंस, IB जैसी देश की टॉप जांच एजेंसियां गंभीर जांच में जुटी हैं। एनआईए सूत्रों के अनुसार, जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले से पहले और बाद में ज्योति की गतिविधियां शक के घेरे में हैं। खासकर यह बात सामने आई है कि हमले से करीब तीन महीने पहले यानी 5 जनवरी को ज्योति कश्मीर गई थी और वहां गुलमर्ग, डल लेक, लद्दाख, पैंगॉन्ग झील और पहलगाम जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में वीडियो बनाए। जांच एजेंसियां इस बात की तह तक जाने में लगी हैं कि क्या ये वीडियो केवल ट्रैवलिंग के इरादे से बनाए गए थे या फिर इनमें कोई खुफिया कोड छिपा हुआ था?

सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि क्या यूट्यूब चैनल “Travel with Jo” के जरिए ज्योति पाकिस्तान के लिए जमीन से जुड़ी जासूसी कर रही थी? एनआईए को शक है कि कश्मीर में सेना की गतिविधियों को नजरअंदाज करते हुए उसने उन लोकेशनों को शूट किया, जहां सैन्य मूवमेंट नहीं था—यह संकेत है कि वह खुद को जांच से बचाने के लिए सुरक्षित स्पॉट चुनती थी, और इन वीडियोज के ज़रिए पाकिस्तानी एजेंसियों को इनडायरेक्ट मैसेज या जानकारी भेजती थी।

हिसार के एसपी शशांक कुमार सावन ने भी पुष्टि की कि ज्योति मल्होत्रा पाकिस्तानी इंटेलिजेंस ऑफिसर्स (PIOs) के संपर्क में थी और उसने कुछ सूचनाएं साझा की हैं। हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि अब तक की जांच में उसकी पहुंच किसी सैन्य या रणनीतिक दस्तावेज़ तक नहीं पाई गई है। पुलिस ने उसके मोबाइल फोन, लैपटॉप सहित कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त कर लिए हैं, जिनकी फोरेंसिक जांच जारी है।

जांच में अब तक सामने आए तथ्यों में यह भी सामने आया कि ज्योति के चार बैंक अकाउंट मिले हैं, जिनमें से कुछ में कश्मीर टूर के दौरान संदिग्ध लेन-देन हुए हैं। हालांकि पुलिस फिलहाल इन पैसों की प्रकृति पर कोई टिप्पणी करने से बच रही है। ज्योति की वॉट्सऐप चैट भी जांच के घेरे में है, खासकर एक व्यक्ति अली हसन के साथ उसकी बातचीत, जिसमें वो पाकिस्तान में शादी करने की बात कर रही थी और अंडरकवर एजेंट के बारे में पूछताछ भी की जा रही थी। हालांकि पुलिस का कहना है कि ये कथित डायरी या चैट पुलिस के पास नहीं, बल्कि सोशल मीडिया पर वायरल हुए अंश हैं।

गौरतलब है कि ज्योति ने पहलगाम हमले के बाद एक वीडियो स्टेटमेंट भी दिया था जिसमें उसने सरकार और पर्यटकों को घटना का जिम्मेदार बताया था। उसने कहा था, “अगर इतनी सिक्योरिटी के बावजूद हमला हुआ है, तो हम सब कसूरवार हैं।” अब सवाल यह उठ रहा है कि क्या यह बयान भी हमले के बाद किसी पूर्व नियोजित प्रोपेगेंडा का हिस्सा था?

जांच एजेंसियों ने संकेत दिए हैं कि वे ज्योति को पहलगाम ले जाकर मौके की पुष्टि भी कर सकती हैं। इस बीच मीडिया से दूरी बनाकर रखी जा रही ज्योति ने एजेंसियों से पूछताछ में दावा किया कि वह केवल ट्रैवलिंग कर रही थी और उसका मकसद सिर्फ लोगों को खूबसूरत जगहें दिखाना था। उसने यह भी कहा कि अगर कुछ छिपाना होता, तो वह वो वीडियो अपने यूट्यूब चैनल पर क्यों अपलोड करती?

हालांकि एजेंसियों को उसका यह तर्क स्वीकार नहीं। क्योंकि कई बार खुला दिखाया गया कंटेंट ही असली एजेंडा छिपाने का हथियार होता है। यदि उसके वीडियोज़ में कोई कोडेड भाषा, लोकेशन हाइलाइटिंग या पाकिस्तानी इंटेलिजेंस के लिए उपयोगी संकेत हैं, तो यह सॉफ्ट इंटेलिजेंस ट्रांसफर का मामला बन सकता है। अब जबकि पुलिस को चार दिन की रिमांड और मिल चुकी है, आने वाले दिनों में इस केस में कई और चौंकाने वाले राज खुल सकते हैं।

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