जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
गीतांजलि जेम्स का मालिक और ₹13,850 करोड़ के PNB घोटाले का मास्टरमाइंड मेहुल चोकसी फिलहाल बेल्जियम के एंटवर्प शहर में “F रेजीडेंसी कार्ड” पर अपनी पत्नी प्रीति चोकसी के साथ रह रहा है। 2018 में भारत से फरार होने के बाद वह पहले एंटीगुआ-बारबुडा भागा था। अब भारतीय एजेंसियां बेल्जियम सरकार से उसका प्रत्यर्पण कराने के लिए दबाव बना रही हैं ताकि उसे वापस लाकर न्यायिक प्रक्रिया शुरू की जा सके।
हालाँकि रिपोर्ट्स के अनुसार, मेहुल चोकसी ने बेल्जियम में शरण पाने के लिए फर्जी और झूठे दस्तावेज पेश किए। उसने अपनी भारतीय और एंटीगुआ की नागरिकता छिपाई ताकि उसे भारत प्रत्यर्पित न किया जा सके। रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि मेहुल चोकसी अब स्विट्जरलैंड भागने की योजना बना रहा है। वह कैंसर अस्पताल में इलाज का बहाना बनाकर प्रत्यर्पण से बचने की कोशिश में है।
बता दें, मेहुल चोकसी और उसके भतीजे नीरव मोदी ने पंजाब नेशनल बैंक (PNB) की मुंबई स्थित ब्रेडी हाउस ब्रांच में ₹13,850 करोड़ की धोखाधड़ी की। बैंकिंग सिस्टम में फर्जी LoU (लेटर ऑफ अंडरटेकिंग) और गारंटी के जरिए उन्होंने सरकारी बैंक को सबसे बड़े वित्तीय घोटाले का शिकार बनाया।
भारत छोड़ने से पहले पूरी प्लानिंग
2017 में ही चोकसी ने एंटीगुआ-बारबुडा की नागरिकता हासिल कर ली। 2018 में PNB घोटाला सामने आते ही वह भारत से फरार हो गया। हर बार खराब सेहत का बहाना बनाकर वह भारत आने से इनकार करता रहा।
डोमिनिका की जेल में 51 दिन की कैद
- मई 2021: चोकसी अचानक एंटीगुआ से गायब होकर डोमिनिका पहुंचा, जहां उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
- CBI की टीम उसे भारत प्रत्यर्पित कराने के लिए तुरंत डोमिनिका पहुंची।
- लेकिन ब्रिटिश क्वीन की प्रिवी काउंसिल ने उसे राहत दे दी और उसे वापस एंटीगुआ भेज दिया गया।
- डोमिनिका की जेल में उसे 51 दिन कैद रहना पड़ा, जहां उसने न्यूरोलॉजिस्ट से इलाज की मजबूरी बताकर खुद को निर्दोष साबित करने की कोशिश की।
फिलहाल भारत सरकार ने बेल्जियम सरकार से उसके प्रत्यर्पण की प्रक्रिया तेज करने का आग्रह किया है। अब सवाल यह है— क्या मेहुल चोकसी कानून के शिकंजे से बचने में फिर सफल होगा या भारत उसे वापस लाकर घोटाले का पूरा सच उजागर करेगा?