कानपुर पहुंचे पीएम मोदी, शहीद शुभम द्विवेदी के परिजनों से मिलकर हुए भावुक; PM ने किया ₹47,574 करोड़ की परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को अपने 11 साल के PM कार्यकाल में आठवें दौरे पर कानपुर पहुंचे, लेकिन इस बार का दौरा कुछ अलग और भावुक रहा। जैसे ही उनका विमान चकेरी एयरपोर्ट पर उतरा, उन्होंने सबसे पहले उस परिवार से मुलाकात की, जिसने हाल ही में आतंकवाद के खिलाफ जंग में अपना बेटा खोया है। पीएम मोदी ने पहलगाम आतंकी हमले में शहीद हुए शुभम द्विवेदी की पत्नी ऐशन्या, मां सीमा और पिता संजय द्विवेदी से मुलाकात की। शुभम के चाचा मनोज द्विवेदी के मुताबिक, पीएम की आंखें नम हो गईं। जब ऐशन्या और शुभम के पिता के आंसू बहने लगे तो प्रधानमंत्री ने उन्हें ढांढस बंधाया और साफ कहा – “ऑपरेशन सिंदूर रुका नहीं है, यह जारी रहेगा। हम आगे भी आपसे मिलते रहेंगे।”

शहीद के परिजनों से मुलाकात के बाद पीएम मोदी चंद्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय पहुंचे, जहां उन्होंने एक विशाल जनसभा को संबोधित किया और ₹47,574 करोड़ की परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया। इनमें कानपुर मेट्रो का अंडरग्राउंड सेक्शन, पनकी पावर प्लांट और नियवेली प्रोजेक्ट्स शामिल हैं। मंच पर उनके साथ राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक सहित कई मंत्री और भाजपा पदाधिकारी मौजूद रहे।

बता दें, प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए थ्री-लेयर सिक्योरिटी तैनात की गई थी। SPG कमांडो, PAC, पुलिस और RAF की टीमें हर मोर्चे पर मुस्तैद थीं। 5 हेलीपैड बनाए गए, जिनमें से 3 पीएम के लिए रिजर्व थे। सुरक्षा व्यवस्था में 13 SP, 17 एडिशनल SP, 58 DSP, 92 इंस्पेक्टर, 688 दरोगा, 1007 कॉन्स्टेबल और 16 PAC कंपनियां शामिल रहीं।

पीएम मोदी ने कानपुर मेट्रो के अंडरग्राउंड रूट का उद्घाटन किया, जो अब आईआईटी से सेंट्रल स्टेशन तक पहुंचेगा। इसमें 5 नए स्टेशन जुड़े हैं और स्टेशन की कुल संख्या अब 14 हो गई है। जनता को यह सुविधा 31 मई की सुबह 6 बजे से मिलेगी। पहले सफर का मौका स्कूली बच्चों को दिया गया है, जो साहवेस संस्था और स्कॉलर्स प्लेवेज स्कूल से होंगे। 2025 के अंत तक यह मेट्रो नौबस्ता तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।

वहीं,  कार्यक्रम स्थल पर 30 ब्लॉक बनाए गए, हर ब्लॉक में कूलर लगाए गए और भाजपा के 10-10 कार्यकर्ता लोगों को सुविधाएं देने के लिए तैनात रहे। अनुमान है कि करीब 50 हजार से ज्यादा लोग पीएम मोदी को सुनने पहुंचे, जिनमें कई लोग 2 किलोमीटर पैदल चलकर आए। यूनिवर्सिटी के मुख्य द्वारों को महापुरुषों – डॉ. भीमराव आंबेडकर, रानी अहिल्याबाई होल्कर, पं. दीनदयाल उपाध्याय आदि – के नाम पर सजाया गया। जनसभा में शामिल होने पहुंचे हजारों लोग ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की टी-शर्ट पहनकर आए, यह बताता है कि शुभम द्विवेदी की शहादत सिर्फ एक घटना नहीं, एक जन-आंदोलन में तब्दील हो रही है। वहीं, सुरक्षा को देखते हुए काले कपड़े पहनकर आने वालों को जनसभा में प्रवेश नहीं दिया गया।

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