त्रिची में रोड शो कर पीएम मोदी ने जनता से किया सीधा संवाद, शिवभक्ति और राष्ट्रभक्ति को बताया अभिन्न; राजेंद्र चोल प्रथम की 1000वीं जयंती पर पीएम मोदी ने किया नमन!

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का तमिलनाडु दौरा ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और विकास की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण रहा। दौरे के दूसरे दिन, रविवार को प्रधानमंत्री ने त्रिची में रोड शो कर राज्य की जनता से सीधा संवाद स्थापित किया। इसके बाद वे अरियालुर जिले के गंगईकोंड चोलपुरम पहुंचे, जहां उन्होंने चोल सम्राट राजेंद्र चोल प्रथम की 1000वीं जयंती पर आयोजित भव्य समारोह में हिस्सा लिया। इस दौरान पीएम मोदी ने न सिर्फ चोल वंश के गौरवशाली अतीत की सराहना की, बल्कि वर्तमान भारत के वैश्विक उदय को भी उस विरासत का विस्तार बताया।

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि चोल वंश का शासन भारत के सबसे स्वर्णिम युगों में से एक था। उन्होंने राजा राजेंद्र चोल को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि यह भूमि शिवभक्ति की शक्ति से ओतप्रोत है और यहां की संस्कृति ने हमेशा भारत की परंपरा को आगे बढ़ाया है। अपने संसदीय क्षेत्र काशी से जुड़ाव को जोड़ते हुए उन्होंने कहा कि जब वे “ऊं नमः शिवाय” सुनते हैं, तो वह ऊर्जा शरीर को रोमांचित कर देती है।

इस ऐतिहासिक अवसर पर प्रधानमंत्री ने राजेंद्र चोल प्रथम के सम्मान में एक विशेष स्मृति सिक्का भी जारी किया। यह सिक्का न केवल उस महान सम्राट की याद को संजोने का माध्यम है, बल्कि भारत के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक गौरव का प्रतीक भी है।

गौरतलब है कि यह कार्यक्रम सिर्फ एक जयंती उत्सव नहीं था, बल्कि राजेंद्र चोल के समुद्री अभियानों की 1000वीं वर्षगांठ और गंगईकोंड चोलपुरम मंदिर की स्थापना के प्रतीक के रूप में मनाया गया। यहां 23 से 27 जुलाई तक ‘आदि तिरुवथिरई महोत्सव’ आयोजित किया जा रहा है, जिसमें प्रधानमंत्री के साथ देशभर से आए तमिल शैव मठों के प्रमुख (अधीनम) भी शामिल हुए।

अपने तमिलनाडु प्रवास के पहले दिन प्रधानमंत्री मोदी ने तूतीकोरिन में ₹4,900 करोड़ से अधिक की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इनमें नया एयरपोर्ट टर्मिनल, हाईवे विस्तार, पोर्ट डेवलपमेंट, रेलवे नेटवर्क और पावर ट्रांसमिशन जैसी परियोजनाएं शामिल थीं। प्रधानमंत्री ने कहा कि ये प्रोजेक्ट न केवल तमिलनाडु की कनेक्टिविटी और रोजगार में वृद्धि करेंगे, बल्कि आत्मनिर्भर भारत के विजन को भी मजबूती देंगे।

अपने भाषण में पीएम मोदी ने ‘मेक इन इंडिया’ अभियान की प्रशंसा करते हुए कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत में बने स्वदेशी हथियारों ने आतंक के ठिकानों को नेस्तनाबूद करने में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि अब दुनिया भारत के आत्मविश्वास और निर्माण क्षमता पर विश्वास कर रही है।

प्रधानमंत्री ने अपने हालिया ब्रिटेन दौरे की जानकारी साझा करते हुए बताया कि भारत और ब्रिटेन के बीच ऐतिहासिक फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर सहमति बनी है। इस समझौते के तहत ब्रिटेन में बिकने वाले 99% भारतीय उत्पाद टैक्स फ्री होंगे। इसका सीधा लाभ तमिलनाडु के MSME, लघु उद्योगों और स्टार्टअप्स को मिलेगा, जिससे राज्य की आर्थिक गतिविधियों को नई गति मिल सकती है।

अपने भाषण में प्रधानमंत्री मोदी ने काशी और तमिलनाडु की सांस्कृतिक कड़ी को भी रेखांकित किया। उन्होंने महान कवि सुब्रह्मण्यम भारती और बाबू चिदंबरम जैसे स्वतंत्रता सेनानियों का उल्लेख करते हुए कहा कि यह भूमि सदियों से भारत के सशक्त, आत्मनिर्भर और समृद्ध भविष्य की नींव रही है।

प्रधानमंत्री के दौरे के दौरान तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन उनके कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सके। उन्होंने अस्पताल में भर्ती होने की वजह से अपनी अनुपस्थिति जताई और एक याचिका राज्य के मुख्य सचिव के माध्यम से प्रधानमंत्री को भेजी। यह याचिका राज्य से जुड़ी आवश्यकताओं और विकास कार्यों पर केंद्र का सहयोग सुनिश्चित करने हेतु सौंपी गई।

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने पिछले दौरे की चर्चा करते हुए एशिया के पहले वर्टिकल लिफ्ट स्पैन रेलवे ब्रिज — नया पम्बन ब्रिज — के उद्घाटन की बात भी की। यह पुल तमिलनाडु की मुख्य भूमि को पम्बन द्वीप से जोड़ता है और इसका निर्माण आधुनिक तकनीक के साथ भविष्य को ध्यान में रखकर किया गया है।

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