लाल किले से पीएम मोदी 12वीं बार फहराया तिरंगा, 79वें स्वतंत्रता दिवस पर 104 मिनट तक देश को किया संबोधित; ऑपरेशन सिंदूर से GST रिफॉर्म तक किए बड़े एलान!

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

दिल्ली के लाल किले की प्राचीर से 79वें स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगातार 12वीं बार तिरंगा फहराकर देश को संबोधित किया। यह मौका न केवल राष्ट्रीय गर्व का प्रतीक बना बल्कि एक नए रिकॉर्ड का भी साक्षी रहा—पीएम मोदी ने 104 मिनट तक भाषण देकर अब तक का सबसे लंबा स्वतंत्रता दिवस संबोधन दिया। यह भाषण समय के लिहाज से ही नहीं, बल्कि विषयों की व्यापकता और गहराई के कारण भी ऐतिहासिक रहा।

भाषण की शुरुआत में प्रधानमंत्री ने इसे 140 करोड़ देशवासियों का पर्व बताते हुए कहा कि आजादी का यह उत्सव सामूहिक उपलब्धियों और गर्व का क्षण है। उन्होंने संविधान को देश का मार्गदर्शक प्रकाशस्तंभ बताया और डॉ. राजेंद्र प्रसाद, बाबा साहेब आंबेडकर, पंडित नेहरू, सरदार पटेल, राधाकृष्णन समेत नारी शक्ति के योगदान को याद किया।

हर साल की तरह इस बार भी प्रधानमंत्री के पहनावे और विशेष रूप से उनकी पगड़ी ने सभी का ध्यान खींचा। इस वर्ष पीएम मोदी ने केसरिया रंग की पगड़ी पहनी, जो उनकी चौथी बार केसरिया पगड़ी पहनने की परंपरा को आगे बढ़ाती है। इससे पहले वे 2021, 2020 और 2018 में भी इसी रंग की पगड़ी पहन चुके हैं।

प्रधानमंत्री मोदी का भाषण इस बार ऐतिहासिक रहा। उन्होंने 104 मिनट तक देशवासियों को संबोधित किया, जो स्वतंत्रता दिवस के इतिहास में किसी भी प्रधानमंत्री का अब तक का सबसे लंबा भाषण है। यह पहला मौका है जब पीएम मोदी ने 100 मिनट से ज्यादा का संबोधन दिया। इससे पहले उन्होंने 2023 में 98 मिनट का भाषण दिया था, जो तब तक उनका सबसे लंबा रिकॉर्ड था। 2016 में उन्होंने 96 मिनट तक भाषण दिया था, जबकि उनका सबसे छोटा संबोधन 2017 में रहा, जो 56 मिनट का था।

पिछले एक दशक में प्रधानमंत्री मोदी ने चार बार (2019, 2020, 2023, 2024) 90 मिनट से अधिक समय तक देश को संबोधित किया है। 2014 में, जब उन्होंने पहली बार लाल किले से भाषण दिया, तो वह 65 मिनट का था। इस वर्ष का संबोधन न केवल समय की दृष्टि से ऐतिहासिक रहा, बल्कि इसमें सरकार की उपलब्धियों, आने वाली चुनौतियों और भारत के भविष्य के रोडमैप पर विस्तार से चर्चा की गई।

पीएम मोदी के इस भाषण में देश की आर्थिक प्रगति, डिजिटल इंडिया, महिला सशक्तिकरण, आत्मनिर्भर भारत अभियान, कृषि सुधार, बुनियादी ढांचा विकास और वैश्विक मंच पर भारत की बढ़ती भूमिका जैसे विषय प्रमुख रहे। साथ ही उन्होंने देशवासियों से एकजुट होकर विकसित भारत के सपने को साकार करने का संकल्प लेने का आह्वान किया।

पीएम मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से की, जिस पर उन्होंने 13 मिनट से अधिक समय तक विस्तार से बात की। उन्होंने बताया कि सेना ने दुश्मन की धरती पर सैकड़ों किलोमीटर अंदर जाकर आतंकियों को खत्म किया और पाकिस्तान को गहरी चोट दी। उन्होंने स्पष्ट किया कि अब भारत आतंकवाद और उसे संरक्षण देने वालों के बीच कोई भेद नहीं करेगा, और “खून और पानी एक साथ नहीं बहेगा” का संकल्प दोहराया।

आर्थिक सुधार और युवाओं के लिए बड़े ऐलान

देश की अर्थव्यवस्था और रोजगार के मोर्चे पर दो बड़े कदमों की घोषणा की गई। पहला, इस दिवाली पर आने वाला GST रिफॉर्म, जिससे आम लोगों को टैक्स में राहत मिलने की उम्मीद है। दूसरा, प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना, जिसके तहत निजी क्षेत्र में पहली नौकरी पाने वाले युवाओं को 15 हजार रुपये की सरकारी सहायता मिलेगी। इस योजना का लक्ष्य 3.5 करोड़ युवाओं के लिए रोजगार के अवसर सृजित करना है।

RSS का उल्लेख और राष्ट्र निर्माण का संकल्प

लाल किले से अपने संबोधन में पहली बार पीएम मोदी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) का नाम लेते हुए इसे दुनिया का सबसे बड़ा एनजीओ बताया। उन्होंने संगठन की 100 साल की सेवा और अनुशासन को राष्ट्र निर्माण के लिए प्रेरणादायक बताया।

विदेश नीति पर सख्त रुख

अमेरिका के साथ चल रही व्यापार वार्ता का अप्रत्यक्ष जिक्र करते हुए पीएम ने कहा कि किसानों, पशुपालकों और मछुआरों के हित में किसी भी ‘अहितकारी नीति’ के आगे भारत झुकेगा नहीं। उनका यह बयान अमेरिकी कृषि और डेयरी उत्पादों के लिए भारत के बाजार में अधिक पहुंच देने की मांग के संदर्भ में अहम माना जा रहा है।

स्वास्थ्य और जीवनशैली पर अपील

मोटापे को बढ़ती राष्ट्रीय चुनौती बताते हुए प्रधानमंत्री ने घर-घर में खाने के तेल के उपयोग को 10% कम करने की अपील की। उन्होंने इसे एक सामूहिक स्वास्थ्य मिशन के रूप में अपनाने का आह्वान किया।

आत्मनिर्भरता और तकनीकी प्रगति पर जोर

पीएम मोदी ने भारत में बने उत्पादों को अपनाने की अपील करते हुए कहा—“दाम कम, लेकिन दम ज्यादा”। उन्होंने भारत के अपने जेट इंजन और स्पेस स्टेशन निर्माण के लक्ष्य को भी साझा किया, जो 2047 तक विकसित भारत के संकल्प का हिस्सा है।

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