जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से देश को संबोधित करते हुए दो महत्वपूर्ण घोषणाएं की हैं। उन्होंने ‘प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना’ की शुरुआत की और दिवाली तक GST रिफॉर्म्स लागू करने की जानकारी दी।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “आज मैं आपके लिए खुशखबरी लेकर आया हूँ। 15 अगस्त के दिन हमारे युवाओं के लिए 1 लाख करोड़ रुपए की योजना शुरू की जा रही है। इससे करीब 3.5 करोड़ नौजवानों को रोजगार मिलेगा।”
साथ ही उन्होंने आम जनता के लिए भी राहत की खबर दी। पीएम मोदी ने कहा कि GST लागू हुए 8 साल पूरे हो चुके हैं, और इसके रिव्यू के बाद अब इसे और सरल बनाया जाएगा। उन्होंने बताया कि 12% GST वाले कुछ आइटम्स 5% स्लैब में आ सकते हैं, जिससे रोजमर्रा की चीजें सस्ती होंगी। इस योजना में टूथपेस्ट, बर्तन, कपड़े, जूते और अन्य आम इस्तेमाल के सामान शामिल हैं।
वित्त मंत्रालय ने बताया कि केंद्र सरकार ने GST दरों के सरलीकरण और सुधारों का प्रस्ताव GST काउंसिल के मंत्रियों के समूह (GoM) को भेजा है। इसके तहत GST के चार स्लैब को घटाकर केवल दो स्लैब में बदलने का प्रस्ताव है।
सुधार तीन मुख्य आधारों पर केंद्रित हैं:
-
ढांचागत सुधार: इन्वर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर को संतुलित करना ताकि कच्चे माल और तैयार माल पर टैक्स का अंतर कम हो, जिससे घरेलू उत्पादकों को बढ़ावा मिलेगा।
-
टैक्स रेट का सरलीकरण: आम और महत्वाकांक्षी सामानों पर टैक्स कम किया जाएगा। टू-टियर स्लैब सिस्टम में एक सामान्य और एक रियायती स्लैब होगा, जिससे टैक्सेशन आसान और पारदर्शी बनेगा। इसके अलावा, कंपनसेशन सेस समाप्त होने से सरकार को दरों को संतुलित करने की सुविधा मिली है।
-
जीवन को आसान बनाना: छोटे व्यवसायों के लिए आसान और तकनीक आधारित रजिस्ट्रेशन, पहले से भरे हुए रिटर्न, और निर्यातकों के लिए तेज रिफंड प्रक्रिया लागू की जाएगी।
PM मोदी के इस ऐलान के साथ ही वित्त मंत्रालय ने कहा कि GST काउंसिल की अगली बैठक में इन सुधारों पर चर्चा होगी और जल्द लागू करने की कोशिश की जाएगी।
GST लागू हुए 8 साल, टैक्स कलेक्शन में रिकॉर्ड:
1 जुलाई 2017 को लागू हुए GST ने केंद्र और राज्य के 17 करों तथा 13 उपकरों को समाप्त कर दिया। इस 8 साल के दौरान देश का GST कलेक्शन 5 साल में लगभग दोगुना हुआ है। वित्त वर्ष 2024-25 में ग्रॉस GST कलेक्शन 22.08 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गया, जबकि 2020-21 में यह 11.37 लाख करोड़ रुपए था। टैक्सपेयर्स की संख्या भी 65 लाख से बढ़कर 1.51 करोड़ से अधिक हो गई है।
GST कलेक्शन न केवल टैक्स सिस्टम की पारदर्शिता बढ़ाता है, बल्कि यह देश की आर्थिक सेहत का महत्वपूर्ण संकेतक भी है। KPMG के नेशनल हेड अभिषेक जैन ने कहा कि अब तक का हाईएस्ट GST कलेक्शन मजबूत घरेलू अर्थव्यवस्था और बढ़ते उपभोक्ता खर्च को दर्शाता है।