पायलट की आख़िरी पुकार: ‘नहीं बचेंगे’! Air India हादसे की जांच शुरू, हादसे में अब तक 275 की मौत; अभी भी जारी है DNA सैंपलिंग का काम!

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

अहमदाबाद में हुए भीषण प्लेन हादसे को चार दिन बीत चुके हैं, लेकिन दर्द अब भी हर कोने में महसूस हो रहा है। शनिवार को मलबे से एक और शव बरामद किया गया, जो विमान की टेल में फंसा हुआ था। आशंका है कि यह शव एयर होस्टेस का हो सकता है। जैसे-जैसे मलबा हट रहा है, वैसे-वैसे मौत का मंजर और भी साफ होता जा रहा है।

इस हादसे में मारे गए लोगों की DNA सैंपलिंग का काम अब भी जारी है। सिविल अस्पताल के बाहर परिजनों की भीड़ लगातार लगी हुई है। सुरक्षा के सख्त इंतज़ाम हैं और पोस्टमॉर्टम यूनिट में बाहरी लोगों की एंट्री बंद है। अभी तक 270 से ज्यादा शवों का पोस्टमॉर्टम हो चुका है और 230 से अधिक लोगों की DNA सैंपलिंग की जा चुकी है। 8 शवों की शिनाख्त हो गई है, जिन्हें परिजनों को सौंपा गया है। गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के बेटे ऋषभ रूपाणी भी DNA सैंपल देने पहुंचे।

इस हादसे का सबसे दिल दहला देने वाला हिस्सा पायलट का आखिरी मैसेज है, जो उसने एयर ट्रैफिक कंट्रोल को भेजा था। 4-5 सेकंड के इस संदेश में पायलट सुमित सभरवाल कह रहे थे – “मेडे, मेडे, मेडे… थ्रस्ट नहीं मिल रहा। पावर कम हो रही है, प्लेन उठ नहीं रहा। नहीं बचेंगे।” यह शब्द बताते हैं कि पायलट ने आखिरी वक्त तक जान बचाने की पूरी कोशिश की, लेकिन इंजन ने साथ छोड़ दिया।

प्लेन बीजे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल पर गिरा, जहां उस समय 60 से ज्यादा डॉक्टर और स्टूडेंट्स मौजूद थे। कुछ छात्र घायल हुए, कुछ की मौके पर ही मौत हो गई। अब हादसे में मारे गए लोगों के परिजन विदेशों से भी अहमदाबाद पहुंच रहे हैं, जिनके DNA सैंपल लिए जा रहे हैं। इस बीच, DNA टेस्टिंग का काम बेहद चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि करीब 50% शव बुरी तरह जल चुके हैं। NFSU और FSL की टीमें दिन-रात काम कर रही हैं। हड्डी, दांत और मांसपेशियों से सैंपल लेकर टेस्ट किए जा रहे हैं। अब तक 250 से ज्यादा शवों और 241 परिवारों के सैंपल लिए जा चुके हैं।

वहीं, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने टाटा ग्रुप से मृतकों और घायलों के लिए आर्थिक मदद की अपील की है। उन्होंने BJMC हॉस्टल के रेनोवेशन में मदद के लिए आभार जताया, और कहा कि छात्रों को भी आर्थिक सहायता मिलनी चाहिए।

विमान की पुरानी तकनीकी हालत पर भी सवाल उठ रहे हैं। हादसे वाला बोइंग ड्रीमलाइनर VT-ANB साल 2019 में 7 महीने तक ग्राउंडेड रहा था। यह सामान्य मेंटेनेंस नहीं बल्कि गंभीर तकनीकी कारण हो सकते हैं, जिनकी जानकारी आज तक सार्वजनिक नहीं की गई। सरकार ने इस हादसे की जांच के लिए हाई लेवल कमेटी बनाई है, जिसमें DGCA, NTSB (USA), FAA, NIA, ATS, AAIB, UK-AAIB जैसी आठ एजेंसियां शामिल हैं। यह कमेटी SOPs की समीक्षा करेगी और भविष्य में ऐसे हादसों को रोकने के लिए दिशा-निर्देश देगी।

वहीं, DGCA ने एअर इंडिया के सभी बोइंग 787 विमानों की जांच के आदेश दिए हैं। अब हर उड़ान से पहले उनकी जांच होगी, और अतिरिक्त रखरखाव भी किया जाएगा। घटना के बाद एअर इंडिया के सीईओ कैंपबेल विल्सन अहमदाबाद पहुंचे और कहा, “यह हमारे लिए एक बहुत बड़ा नुकसान है। हमारी तकनीकी और हेल्प टीम घटनास्थल पर है और हम मृतकों के परिजनों को हरसंभव सहायता दे रहे हैं।”

एयर इंडिया के CEO कैंपबेल विल्सन ने अहमदाबाद से बयान दिया कि उनकी टीम – जिसमें 100 से ज्यादा केयरगिवर्स और 40 इंजीनियर्स हैं – लगातार प्रभावित परिवारों की मदद कर रही है और हादसे के कारणों की जांच में तकनीकी सहायता दे रही है।

राजकोट में इस घटना का खास असर देखा गया। पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी को श्रद्धांजलि देने के लिए शनिवार को 650 स्कूल बंद रहे। इस पूरे प्रकरण ने एक बार फिर भारत की एविएशन सुरक्षा पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं।

इस हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। मृतकों के माता-पिता, जैसे कि रॉजर क्रिश्चियन के पिता, सरकार से गहराई से जांच और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि उनके बेटे और बहू के सपने अधूरे रह गए, लेकिन वे नहीं चाहते कि ऐसा हादसा किसी और के साथ हो।

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