जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
पहलगाम आतंकी हमले और उसके बाद भारत द्वारा चलाए गए निर्णायक “ऑपरेशन सिंदूर” के जवाब में पाकिस्तान की भूमिका को बेनकाब करने के लिए भारत ने वैश्विक कूटनीति के मोर्चे पर बड़ी पहल की है। भारत से भेजे गए 7 हाई-लेवल डेलीगेशन अब दुनिया के अलग-अलग देशों में पाकिस्तान की आतंक परस्त नीतियों की सच्चाई को उजागर कर रहे हैं। यह पहला मौका है जब भारत ने विपक्षी नेताओं को भी इस मुहिम का हिस्सा बनाकर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर “राष्ट्रीय एकजुटता” का शक्तिशाली संदेश दिया है।
न्यूयॉर्क पहुंचे कांग्रेस सांसद डॉ. शशि थरूर ने दुनिया के सामने भारत की स्पष्ट नीति रखते हुए कहा – “मैं विपक्ष का सांसद हूं, सरकार का नहीं। लेकिन जब बात देश की सुरक्षा की आती है, तो पूरा भारत एकजुट है। पाकिस्तान को जो जवाब मिला, वह एकदम सही था। हमें युद्ध नहीं चाहिए, हम अपनी अर्थव्यवस्था और विकास पर ध्यान देना चाहते हैं, लेकिन यदि कोई देश आतंक फैलाएगा तो हम चुप नहीं बैठेंगे।”
इसी तरह बहरीन पहुंचे डेलीगेशन में शामिल AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा – “हमारी सरकार ने हमें भेजा है ताकि दुनिया को बताया जा सके कि भारत दशकों से पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का शिकार है। आतंकवाद की जड़ें पाकिस्तान में हैं। जब तक वह आतंकवादी समूहों को समर्थन देना बंद नहीं करता, शांति संभव नहीं।”
बता दें, भारत सरकार ने पूरी रणनीति के तहत दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में 7 डेलीगेशन रवाना किए हैं। इनमें से दो 21 मई को, एक 22 मई को, तीन 24 मई को और एक 25 मई को विदेश गया है। इसके अलावा भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद के नेतृत्व में एक और डेलीगेशन 25 मई से 7 जून तक यूरोप के 6 देशों – फ्रांस, इटली, डेनमार्क, इंग्लैंड, बेल्जियम और जर्मनी का दौरा करेगा। डेलीगेशन में शामिल शिवसेना (यूबीटी) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने तीखा हमला करते हुए कहा – “आज पाकिस्तान ‘आतंकिस्तान’ बन चुका है। हम पूरी दुनिया को यह बताने निकले हैं कि आतंक की जड़ें कहां से फूटती हैं। आतंकवाद पर हमारा जीरो टॉलरेंस पाकिस्तान को कमजोर करेगा।”
उधर जम्मू-कश्मीर के कठुआ ज़िले में सेना की दो ब्रिगेड और मोबाइल नेटवर्क को बिलावर क्षेत्र में स्थापित किया गया है ताकि आतंकवाद पर निगरानी बढ़ाई जा सके। ब्रिगेडियर और जिला मजिस्ट्रेट 24×7 संपर्क में रहेंगे। यह कदम घाटी में आतंकवाद की जड़ों को जमीनी स्तर पर नष्ट करने की योजना का हिस्सा है।
डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आज़ाद पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आज़ाद ने भी बहरीन से पाकिस्तान को चेतावनी दी – “हम पाकिस्तान को खत्म नहीं करना चाहते, लेकिन हम चाहते हैं कि वह आतंकवाद के ढांचे को खत्म करे और इन आतंकियों पर कार्रवाई करे। हमें OIC जैसे मंचों पर अंतरराष्ट्रीय समर्थन चाहिए।”
AIMIM चीफ ओवैसी ने एक और अहम बयान देते हुए कहा – “देश के अंदर राजनीतिक मतभेद हो सकते हैं, लेकिन जब बात भारत की एकता और सुरक्षा की आती है, तो हम सभी एक हैं। यह एकता ही भारत की सबसे बड़ी ताकत है।”