जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
22 अप्रैल को कश्मीर की बायसरन घाटी, जो आमतौर पर अपनी खूबसूरती के लिए मशहूर है, उस दिन आतंक की खौफनाक तस्वीर बन गई जब अज्ञात आतंकियों ने टूरिस्ट्स पर अंधाधुंध गोलीबारी कर दी। इस दर्दनाक घटना में 26 पर्यटकों की मौत हो गई और 17 अन्य गंभीर रूप से घायल हुए। इस हमले ने न केवल देश को झकझोर कर रख दिया, बल्कि सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों की तैयारियों पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
सूत्रों के मुताबिक, हमले को अंजाम देने वाले आतंकी अभी भी दक्षिण कश्मीर के घने जंगलों में छिपे हुए हैं। उनके पास पर्याप्त राशन और पानी है, जिससे यह अंदेशा है कि वे लंबी अवधि तक इन इलाकों में छिपे रह सकते हैं। इस बीच, NIA चीफ सदानंद दाते खुद बायसरन पहुंचे और तीन घंटे तक ग्राउंड लेवल पर जांच की। उन्होंने वहां से लौटकर CISF कैंप में उच्च स्तरीय मीटिंग की।
गृह मंत्री अमित शाह ने स्पष्ट शब्दों में कहा है – “आतंकियों को चुन-चुन कर मारेंगे, यह लड़ाई तब तक जारी रहेगी जब तक आतंक का सफाया नहीं हो जाता।” भारत की जीरो टॉलरेंस नीति अब और भी आक्रामक रूप ले चुकी है। हालाँकि घटना के बाद न केवल कश्मीर में, बल्कि देशभर के साइबर सिस्टम पर भी हमला हुआ। महाराष्ट्र साइबर विभाग के मुताबिक, पहलगाम हमले के अगले ही दिन 10 लाख से ज्यादा साइबर अटैक दर्ज किए गए, जिनमें भारतीय वेबसाइट्स और पोर्टल्स को निशाना बनाया गया। इन हमलों के पीछे कथित इस्लामिक हैकिंग ग्रुप्स का हाथ बताया जा रहा है।
पहलगाम आतंकी हमले के बाद सीमा पर तनाव का माहौल और पाकिस्तान की सैन्य गतिविधियां भी तेज हो गई हैं। LoC पर लगातार 8वें दिन सीजफायर का उल्लंघन हुआ है और इंटरनेशनल बॉर्डर पर भी जम्मू-कश्मीर के 5 इलाकों में फायरिंग दर्ज की गई है। इसके चलते बंकर तैयार किए जा रहे हैं ताकि आम लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
इस हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। अमेरिका की विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने भारत के साथ खड़े होने की बात कही, वहीं राष्ट्रपति ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी को आतंकवाद के खिलाफ पूरा समर्थन देने की प्रतिबद्धता जताई है। वहीं, जानकारी के अनुसार भारत-पाक मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में भी जल्द बैठक हो सकती है। ग्रीस के स्थायी प्रतिनिधि इवानगेलोस सेकेरीस ने कहा है कि यदि भारत-पाक तनाव को समय रहते नियंत्रित नहीं किया गया तो इसके गंभीर क्षेत्रीय परिणाम हो सकते हैं।
इसी बीच भारत की सैन्य तैयारी भी तेज हो गई है। इंडियन एयरफोर्स ने गंगा एक्सप्रेसवे पर बनी 3.5 KM लंबी हवाई पट्टी पर नाइट लैंडिंग का अभ्यास किया है। इसमें राफेल, मिराज-2000, Su-30 MKI जैसे अत्याधुनिक फाइटर जेट्स ने हिस्सा लिया, जिससे भारत की युद्धकालीन तैयारी का स्तर स्पष्ट हो गया।