जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
वोटर वेरिफिकेशन और वोट चोरी के मुद्दे पर सोमवार को विपक्षी दलों ने मिलकर चुनाव आयोग (EC) को घेरा। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई, सपा सांसद रामगोपाल यादव और तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुनाव आयोग पर गंभीर सवाल उठाए और कहा कि आयोग अपनी जिम्मेदारी से भाग रहा है।
कांग्रेस का आरोप – 70 लाख नए वोटर्स कहां से आए?
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट में SIR (Systematic Identification and Removal) को लेकर चर्चा हुई थी, जहां EC के सभी तर्कों को कोर्ट ने खारिज कर दिया। इसके बावजूद आयोग ने कल प्रेस कॉन्फ्रेंस में विपक्षी दलों पर सवाल उठाए, लेकिन अपने ऊपर लगे आरोपों पर चुप्पी साधी रही।
गोगोई ने दावा किया कि महाराष्ट्र में लोकसभा और विधानसभा चुनाव के बीच करीब 70 लाख वोटर्स अचानक सूची में जोड़े गए, लेकिन चुनाव आयोग ने इसका कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया। उन्होंने कहा कि महादेवपुर विधानसभा क्षेत्र में करीब एक लाख फर्जी वोट दर्ज किए गए, मगर आयोग ने इस पर भी सफाई नहीं दी।
सपा का तंज – जाति के आधार पर हटाए गए वोटर्स
सपा सांसद रामगोपाल यादव ने कहा कि 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव ने जब वोट कटने की शिकायत की थी, तब चुनाव आयोग ने नोटिस तो दिया, लेकिन हमारी ओर से जमा कराए गए 18 हजार हलफनामों पर कोई कार्रवाई नहीं की।
उन्होंने आगे कहा कि 2024 के उपचुनाव में आयोग ने बीएलओ बदल दिए और यादव व मुस्लिम वोटर्स को सूचियों से हटाकर उनकी जगह दूसरी जातियों के लोगों को जोड़ा गया। इस पर भी आयोग ने कोई कदम नहीं उठाया।
TMC का हमला – “कठपुतली की तरह काम कर रहा आयोग”
टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार को निशाने पर लेते हुए कहा कि प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उनका रवैया बेहद शर्मनाक था। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग का काम विपक्ष पर हमला करना नहीं है, बल्कि अपनी जिम्मेदारी निभाना है। उन्होंने तीखे शब्दों में कहा – “अगर आप सिर्फ राजनीतिक आकाओं के इशारों पर काम कर रहे हैं तो कृपया वहीं वापस चले जाएं।”
राहुल गांधी का बड़ा आरोप – BJP से मिलकर चुनाव चोरी
इस विवाद की शुरुआत 7 अगस्त को हुई थी, जब राहुल गांधी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में चुनाव आयोग पर सीधे आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि महाराष्ट्र चुनाव के नतीजे देखकर उन्हें शक हुआ कि बड़े पैमाने पर वोट चोरी हुई है।
राहुल ने 22 पेज की प्रेजेंटेशन के जरिए दावा किया था कि वोटर लिस्ट में लाखों संदिग्ध नाम मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि मशीन-रीडेबल वोटर लिस्ट न देना इस बात का सबूत है कि चुनाव आयोग भाजपा से मिलकर काम कर रहा है।
चुनाव आयोग की सफाई – आरोप निराधार, हलफनामा दें या माफी मांगे
राहुल गांधी के आरोपों के बाद चुनाव आयोग ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा कि विपक्ष द्वारा दिखाए गए PPT का डेटा आयोग का नहीं है। उन्होंने कहा कि “अगर किसी के पास सबूत हैं तो 7 दिन के भीतर शपथ पत्र (हलफनामा) जमा करें, अन्यथा देश से माफी मांगें।”
ज्ञानेश कुमार ने विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि “वोट चोरी जैसे शब्दों का इस्तेमाल कर जनता को गुमराह किया जा रहा है। यह लोकतंत्र और संविधान का अपमान है।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि “चुनाव आयोग के लिए न कोई पक्ष है और न विपक्ष। सभी राजनीतिक दल हमारे लिए बराबर हैं।”