जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
मध्य प्रदेश के खजुराहो से सांसद और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष, वीडी शर्मा को एक अहम जिम्मेदारी सौंपी गई है। बीजेपी आलाकमान ने उन्हें ‘एक देश, एक चुनाव’ के लिए बनी ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी यानी JPC का सदस्य नियुक्त किया है। गौर करने वाली बात ये है कि मध्य प्रदेश से केवल वीडी शर्मा को इस समिति में जगह मिली है। इस संयुक्त संसदीय समिति में 21 लोकसभा और 10 राज्यसभा के सदस्य शामिल हैं।
इस समिति का उद्देश्य ‘एक देश, एक चुनाव’ की अवधारणा पर ठोस सिफारिशें देना है। वहीं, जेपीसी का मुख्य कार्य लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने के प्रस्ताव पर विचार करना है। लेकिन अब बड़ा सवाल ये है कि क्या देश लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने के लिए तैयार है?
आपको बता दें, ‘एक देश, एक चुनाव’ का विचार पहली बार 1980 के दशक में सामने आया था। 1999 में न्यायमूर्ति बीपी जीवन रेड्डी की अध्यक्षता वाले विधि आयोग ने अपनी रिपोर्ट में यह सुझाव दिया था कि हमें लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने के पुराने मॉडल पर लौटना चाहिए। वहीं अब केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल ने मंगलवार को लोकसभा में संविधान (129वां संशोधन) विधेयक, 2024 और संघ शासित प्रदेश कानून (संशोधन) विधेयक, 2024 पेश किया था। दिलचस्प बात यह है कि इस बिल के पक्ष में 269 सांसदों ने वोट दिया, जबकि 196 ने इसका विरोध किया।
तो क्या ‘एक देश, एक चुनाव’ देश के लोकतंत्र को मजबूत करेगा या इसके सामने नई चुनौतियां खड़ी होंगी? आपकी क्या राय है? हमें जरूर बताएं।