जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में हाथियों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। हाल ही में एक और दुखद घटना सामने आई है, जिसमें एक छोटे हाथी शावक की जान चली गई। यह घटना पिछले कुछ हफ्तों में हुई 10 हाथियों की मौत के बाद हुई है, जिससे कुल मौतों की संख्या 11 हो गई है।
डिप्टी डायरेक्टर बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व ने बताया कि 8 नवंबर को, यानी तीन दिन पहले, पनपथा बफर रेंज में एक बीमार जंगली हाथी का बच्चा झुंड से बिछड़कर लावारिस हालत में मिला। उसे तुरंत रेस्क्यू करके ताला हाथी कैंप लाया गया, जहां डॉक्टर उसकी देखभाल कर रहे थे। लेकिन आज 10 नवंबर को सुबह 6 बजे हाथी के बच्चे ने दम तोड़ दिया। अब अधिकारियों की निगरानी में उसका पोस्टमार्टम किया जा रहा है।
बता दें, प्रदेश में 10 हाथियों की रहस्यमय मौतों के बाद से हड़कंप मचा हुआ है, और अब एक और हाथी की मौत की खबर ने सबको परेशान कर दिया है। सभी लैब रिपोर्टों में मृत्यु का कारण कोदो के सेवन को बताया गया है। हालांकि, स्थानीय निवासियों का मानना है कि यह सही नहीं है, क्योंकि उनके मवेशी भी उसी कोदो की फसल का सेवन करते हैं और उन्हें कोई समस्या नहीं हुई है। उनका मानना है कि मृत्यु का असली कारण कुछ और हो सकता है। इस मामले की विस्तृत जांच की जानी चाहिए ताकि सच्चाई सामने आ सके। स्थानीय लोगों का कहना है कि बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में हाथियों की इतनी बड़ी संख्या में मृत्यु एक गंभीर समस्या है, जिस पर तुरंत ध्यान देने की आवश्यकता है।