जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
मध्यप्रदेश के भिंड जिले के गोहद कस्बे में गुरुवार शाम उस समय हड़कंप मच गया जब लंदन से आए एनआरआई दंपति और उनके परिवार पर रास्ते में हमला कर दिया गया। बदमाशों ने डंडों से चलती कार पर हमला बोला, जिससे दंपति के बेटे रोहनप्रीत सिंह और बेटी रवनीत कौर घायल हो गए। कार के शीशे और खिड़कियां भी चकनाचूर हो गईं। पूरी घटना का वीडियो शुक्रवार को सामने आया, जिसके बाद मामले ने तूल पकड़ लिया।
विवाद की शुरुआत कैसे हुई?
पीड़ित एनआरआई डॉक्टर विक्रमजीत सिंह मूलतः अशोकनगर के रहने वाले हैं और लंदन में बस गए हैं। ढाई साल बाद वे अपनी पत्नी राजवीर कौर और बच्चों के साथ ससुराल, फतेहपुर गांव आए थे। गुरुवार को गोहद कस्बे के स्टेशन रोड पर उन्होंने कार खड़ी कर कुछ फल खरीदे। इसी दौरान सिविल ड्रेस में थाने का आरक्षक कुलदीप कुशवाहा आया और कथित रूप से अभद्र भाषा में कहा – “ओए सरदार, गाड़ी हटा।”
विक्रमजीत सिंह ने विरोध किया और आईडी दिखाने की मांग की। तभी आरक्षक ने कार और परिवार का वीडियो बनाना शुरू कर दिया। जब दंपति ने इसका विरोध किया तो आरोप है कि आरक्षक ने फोन कर अपने साथियों को बुलाया और धमकी दी कि “हथियार लेकर जल्दी आओ।”
इसके बाद परिवार कार से फतेहपुर की ओर रवाना हो गया। आरोप है कि रास्ते में ढाबे के पास कुछ युवक डंडे लेकर खड़े थे। उन्होंने पहले कार रोकने की कोशिश की और न रुकने पर कार पर हमला कर दिया। हमले में विक्रमजीत के बेटे रोहनप्रीत सिंह के चेहरे पर चोट लगी और बेटी रवनीत कौर का हाथ जख्मी हो गया। हमलावर शीशे तोड़कर मौके से भाग निकले।
घटना के बाद पीड़ित परिवार ने गोहद थाने में शिकायत दर्ज कराई। लेकिन आरोप है कि थाना प्रभारी ने मामले को गंभीरता से लेने के बजाय पीड़ित को ही उल्टा दोषी ठहराने की कोशिश की। इस पर डॉ. विक्रमजीत ने साफ कहा कि उनकी कार में डिजिटल कैमरे लगे हैं और पूरी वारदात रिकॉर्ड हुई है। जब स्थानीय स्तर पर न्याय नहीं मिला तो उन्होंने इस मामले की शिकायत इंडियन एम्बेसी में कर दी, जिसके बाद मामला हाई-लेवल तक पहुंच गया।
घटना के बाद शुक्रवार और शनिवार को सिख समाज और ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा। शनिवार दोपहर करीब 200 से ज्यादा ग्रामीण रैली निकालकर गोहद चौराहा थाने पहुंचे और जमकर नारेबाजी की। लोगों ने जमीन पर बैठकर ‘वाहे गुरु’ का जाप करते हुए आरक्षक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने और थाना प्रभारी को हटाने की मांग की।
एसडीओपी महेंद्र सिंह गौतम और थाना प्रभारी रोहित गुप्ता खुद प्रदर्शनकारियों के बीच जमीन पर बैठकर चर्चा करते नजर आए। अधिकारियों ने लोगों को न्याय दिलाने का आश्वासन दिया, लेकिन ग्रामीण अड़े रहे कि जब तक एफआईआर दर्ज नहीं होती और थाना प्रभारी नहीं हटते, आंदोलन जारी रहेगा।
मामले की गंभीरता को देखते हुए भिंड एसपी असित यादव ने आरोपी आरक्षक कुलदीप कुशवाहा को तत्काल लाइन अटैच कर दिया। वहीं, गोहद विधायक केशव देसाई भी मौके पर पहुंचे और सिख समाज का समर्थन किया। उन्होंने दावा किया कि उक्त आरक्षक के खिलाफ पहले भी कई शिकायतें रही हैं।
थाना प्रभारी रोहित गुप्ता ने कहा कि आरक्षक को लेकर लोगों में असंतोष है और हमलावरों की पहचान की जा रही है। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है।