अब लाड़ली बहनों को मिलेंगे 5 हजार रुपए! मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भोपाल में किया ‘उद्यम सेतु’ का लोकार्पण, महिला श्रमिकों के लिए की बड़ी घोषणा; सरकार जोड़ेगी 5 हजार रुपए, आय होगी 13 हजार तक!

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

भोपाल के गोविंदपुरा औद्योगिक क्षेत्र में रविवार को लघु उद्योग भारती के नवनिर्मित प्रदेश कार्यालय ‘उद्यम सेतु’ का मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने लोकार्पण किया। करीब 4 करोड़ रुपए की लागत से बने इस भवन के उद्घाटन के साथ ही लघु उद्योग भारती का द्विवार्षिक प्रादेशिक सम्मेलन और स्टार्टअप एवं लघु उद्यमी महाकुंभ-2025 भी आयोजित किया गया।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने उद्योग और रोजगार से जुड़े कई बड़े ऐलान किए और स्पष्ट संदेश दिया कि प्रदेश की समृद्धि केवल इंदौर और भोपाल जैसे बड़े शहरों तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि छोटे जिलों और कस्बों तक इसका विस्तार होगा।

“लघु और कुटीर उद्योग भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़” – सीएम

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि उद्योगों के हित में ही राष्ट्र का हित निहित है। सीमित संसाधनों के बावजूद लघु और कुटीर उद्योग देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता के अमृत काल में लघु उद्योग भारती के प्रदेश कार्यालय का लोकार्पण हमारे उत्कर्ष को दर्शाता है।

सीएम ने कहा कि संतुलित विकास तभी संभव है जब पूरे प्रदेश और देश के हर क्षेत्र में समान रूप से उद्योग स्थापित हों। उन्होंने वादा किया कि सरकार उद्योगपतियों के साथ कदम से कदम मिलाकर चलेगी और हर वर्ग के हितों का ध्यान रखा जाएगा।

लाड़ली बहनों के लिए नई सौगात : उद्योगों में काम करेंगी तो 5 हजार रुपए अतिरिक्त

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर महिलाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए एक बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा कि अगर ‘लाड़ली बहना’ योजना की महिलाएं उद्योगों में काम करेंगी, तो सरकार की ओर से उन्हें 5 हजार रुपए अतिरिक्त सहायता दी जाएगी।

इस प्रावधान के तहत यदि उद्योगपति महिला श्रमिक को 8 हजार रुपए देंगे, तो सरकार की ओर से मिलने वाले 5 हजार रुपए मिलाकर कुल 12 से 13 हजार रुपए तक की आय महिला श्रमिक को होगी। सीएम ने कहा कि यह पहल महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और परिवार की आमदनी बढ़ाने में अहम साबित होगी।

मॉर्टगेज, फायर एनओसी और मल्टी-स्टोरी इंडस्ट्रियल प्लांट्स पर राहत

सीएम डॉ. यादव ने उद्योगों से जुड़ी कई पुरानी समस्याओं के समाधान की भी घोषणा की।

  • मॉर्टगेज पर डबल ड्यूटी खत्म : पहले बैंक लोन चुकाने के बाद भी किसानों और उद्योगपतियों को बार-बार मॉर्टगेज की ड्यूटी देनी पड़ती थी। अब जैसे ही लोन चुकता होगा, संबंधित संपत्ति स्वतः मुक्त हो जाएगी। यह सुविधा एमएसएमई उद्योगों को भी मिलेगी।

  • फायर एनओसी आसान होगी : उद्योगपतियों द्वारा उठाई गई इस समस्या का समाधान करने के लिए दिसंबर सत्र में नया बिल लाया जाएगा, जिससे प्रक्रिया समयबद्ध और सरल हो जाएगी।

  • मल्टी-स्टोरी इंडस्ट्रियल प्लांट्स : मंडीदीप और अचारपुरा में मल्टी-स्टोरी इंडस्ट्रियल प्लांट्स पर काम शुरू हो गया है। सीएम ने कहा कि सरकार के लिए 1 लाख करोड़ का निवेश उतना ही अहम है जितना 1 लाख रुपए का।

उद्योगों के विस्तार पर सरकार का फोकस

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में एमएसएमई और लघु उद्योगों की स्थापना से जुड़ी सभी अनुमतियां अब समयबद्ध तरीके से दी जाएंगी। रोजगार आधारित उद्योग लगाने वाले उद्योगपतियों को प्रोत्साहन मिलेगा।

  • प्रदेश में नए आईटीआई, पॉलिटेक्निक और इंजीनियरिंग कॉलेज खोलने के लिए नीति के तहत सब्सिडी दी जाएगी।

  • आईआईटी इंदौर में रिसर्च वर्क को बढ़ावा देने के लिए देशी और विदेशी संस्थानों के स्टडी सेंटर खोलने की दिशा में चर्चा चल रही है।

  • कपड़ा उद्योग को बढ़ावा देने के लिए निमाड़ क्षेत्र में नए उद्योग स्थापित किए जाएंगे।

“लघु उद्योग सिर्फ कारखाने नहीं, करोड़ों परिवारों की आशा”

मुख्यमंत्री ने कहा कि लघु उद्योग केवल कारोबार नहीं हैं, बल्कि यह करोड़ों परिवारों की आत्मनिर्भरता और सम्मान का आधार हैं।

उन्होंने बताया कि भारत में 6 करोड़ से अधिक एमएसएमई हैं, जो देश की जीडीपी में 30 प्रतिशत से अधिक योगदान देते हैं और निर्यात में 45 प्रतिशत हिस्सेदारी रखते हैं। विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने में इनकी बड़ी भूमिका है।

सीएम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ और ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान का उल्लेख करते हुए कहा कि आत्मनिर्भर भारत का मार्ग बड़े उद्योगों से नहीं, बल्कि घर-घर की चौखट पर चलने वाले छोटे उद्योगों से ही निकलता है।

“दाम कम, दम ज्यादा” – उद्यमियों को मंत्र

मुख्यमंत्री ने उद्यमियों से कहा कि वे “दाम कम, दम ज्यादा” के मंत्र पर चलें और अपनी विश्वसनीयता बनाएं। तकनीक से जुड़ें, मार्केटिंग सीखें और अपने उत्पादों को ऑनलाइन और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर उपलब्ध कराकर लोकल से ग्लोबल बनाएं।

उन्होंने कहा कि लघु उद्योगों में मातृशक्ति की भागीदारी सबसे अहम है। कौशल भारत अभियान और नई शिक्षा नीति इस दिशा में बड़ा कदम हैं। वर्ष 2047 तक भारत के विकसित राष्ट्र बनने में लघु उद्योगों की भूमिका निर्णायक होगी।

उद्योगों से जुड़ी चुनौतियों का जिक्र

सीएम ने कार्यक्रम में अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि कई बार दुर्घटनाओं में उद्योगपतियों पर दबाव बनाकर हत्या के मुकदमे दर्ज कर दिए जाते हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि ऐसी घटनाओं को दुर्घटना की तरह देखा जाना चाहिए, न कि अपराध की तरह।

उन्होंने बताया कि सरकार बने 19-20 महीने हुए हैं, जिनमें से ढाई महीने का समय विशेष रूप से उद्योगों को दिया गया। सरकार का पूरा फोकस एमएसएमई, लघु, कुटीर और हैवी इंडस्ट्रीज पर है।

“पूरे प्रदेश को समृद्ध बनाना है, केवल बड़े शहरों को नहीं”

मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश की समृद्धि केवल भोपाल और इंदौर तक सीमित नहीं होनी चाहिए। कटनी, नर्मदापुरम और शहडोल जैसे छोटे जिलों में भी उद्योगों का विस्तार होना चाहिए।

उन्होंने बताया कि पहली बार भोपाल में ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट (GIS) आयोजित हुई, जिससे नए निवेशकों का भरोसा बढ़ा है। ग्वालियर और जबलपुर में पहली बार इंडस्ट्री कॉन्क्लेव होने से भी बड़े उद्योगपति प्रदेश के अन्य हिस्सों में निवेश करने की ओर आकर्षित हुए हैं।

“लघु उद्योग समाज और पर्यावरण दोनों के रक्षक” – डॉ. कृष्ण गोपाल

कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर कार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल ने कहा कि लघु उद्योग न केवल रोजगार के अवसर देते हैं बल्कि समाज की संरचना और पर्यावरण की सुरक्षा भी करते हैं।

उन्होंने कहा कि लघु उद्योगों से कार्बन उत्सर्जन नहीं होता और यह समाज के कमजोर वर्गों को रोजगार देते हैं। मजदूरों और कारीगरों का सम्मान होना चाहिए और करों का पालन करना हर उद्यमी की जिम्मेदारी है।

डॉ. कृष्ण गोपाल ने यह भी बताया कि लघु उद्योग भारती द्वारा प्रदेश के पांच आईटीआई को मॉडल आईटीआई के रूप में विकसित किया गया है।

कार्यक्रम में शामिल रहे प्रमुख लोग

इस मौके पर सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री चैतन्य काश्यप, खेल एवं युवक कल्याण मंत्री विश्वास कैलाश सारंग, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री कृष्णा गौर, लघु उद्योग भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष घनश्याम ओझा, प्रांताध्यक्ष राजेश मिश्रा और संगठन मंत्री प्रकाश चंद्र सहित बड़ी संख्या में उद्योगपति और उद्यमी मौजूद रहे।

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