जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
क्या आप यकीन कर सकते हैं? वो दिन अब दूर नहीं जब भोपाल, इंदौर और ग्वालियर में ही देश के सबसे बड़े कॉर्पोरेट अस्पताल मरीजों को हाई-टेक इलाज देंगे! जी हां, अब कैंसर ट्रीटमेंट हो या ऑर्गन ट्रांसप्लांट, मध्यप्रदेश के मरीजों को बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
दरअसल, मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में 24 और 25 फरवरी को ग्लोबल इन्वेस्टर समिट (GIS) होने वाला है। इस समिट में देश और विदेशों के उद्योगपति और निवेशक आने वाले हैं। इसलिए राज्य में इस समय काफी बड़े स्तर पर ग्लोबल इन्वेस्टर समिट को लेकर तैयारियां चल रही हैं। मुख्यमंत्री मोहन यादव का कहना है कि इस समिट से राज्य के विकास को नए पंख मिलेंगे। GIS में मध्य प्रदेश को एक खास सौगात मिलेगी, जिससे राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था और ज्यादा बेहतर होगी। जी हाँ, जीआईएस के दौरान प्रदेश में 3 प्रमुख कॉर्पोरेट अस्पतालों के निवेश को मंजूरी मिल सकती है।
बता दें, दिल्ली का प्रतिष्ठित सर गंगाराम हॉस्पिटल भोपाल में मल्टी-स्पेशलिटी सेंटर खोलने जा रहा है, जिसमें लिवर, किडनी और बोन मैरो ट्रांसप्लांट यूनिट होगी। वहीं, ग्वालियर में कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी हॉस्पिटल कैंसर ट्रीटमेंट और हाई-टेक कार्डियक केयर पर फोकस करेगा। और सबसे बड़ी बात— अदाणी ग्रुप भी भोपाल या इंदौर में सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल खोलने जा रहा है, जिसमें हाई-टेक ट्रॉमा सेंटर होगा।
खुशी की बात यह है कि प्रदेश सरकार ने स्वास्थ्य क्षेत्र में निवेश बढ़ाने के लिए एक खास हेल्थ पॉलिसी भी तैयार की है और इसे ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में पेश किया जाएगा। सबसे बड़ी बात यह है कि अस्पताल खोलने के लिए जरूरी 20 अनुमतियों को लोक सेवा गारंटी अधिनियम में शामिल कर लिया गया है। यानी, सिंगल विंडो सिस्टम के जरिए सिर्फ 30 से 45 दिनों में मिल जाएंगी। और तो और, पिछड़े और आदिवासी जिलों में अस्पताल खोलने वालों को 40% तक की कैपिटल सब्सिडी मिलेगी। यानी, आधुनिक चिकित्सा सुविधाएं सिर्फ बड़े शहरों तक सीमित नहीं रहेंगी, बल्कि छोटे कस्बों और दूरदराज के इलाकों तक भी पहुंचेंगी।
इन्हें मिलेगा लाभ:
✅ A कैटेगरी – भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर जैसे बड़े शहरों में निवेश पर कोई सब्सिडी नहीं मिलेगी, लेकिन अगर 500 करोड़ से अधिक का निवेश होता है, तो कैबिनेट कमेटी (CCIP) से विशेष छूट मिल सकती है।
✅ B कैटेगरी – कस्बाई जिलों में अगर कोई 100 बेड का मल्टी-स्पेशियलिटी या 50 बेड का सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल खोलता है, तो 30% कैपिटल सब्सिडी दी जाएगी। 75 करोड़ से अधिक के निवेश पर अतिरिक्त छूट का प्रावधान भी होगा!
✅ C कैटेगरी – पिछड़े और आदिवासी जिलों में यह सुविधा और भी शानदार है! यहां 40% तक कैपिटल सब्सिडी दी जाएगी, जिससे ग्रामीण इलाकों में भी अत्याधुनिक स्वास्थ्य सुविधाएं विकसित हो सकें।
सीधे शब्दों में कहें तो – अब बड़े अस्पताल सिर्फ मेट्रो सिटी तक सीमित नहीं रहेंगे। कस्बों और दूरदराज के इलाकों में भी अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाएं मिलेंगी, जिससे प्रदेश का हेल्थ सेक्टर नए मुकाम तक पहुंचेगा।