जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
भोपाल की सबसे बड़ी और चौंकाने वाली मनी लॉन्ड्रिंग की इस कहानी ने अब एक और बड़ा मोड़ ले लिया है। आरटीओ में आरक्षक की कुर्सी से अरबों की ब्लैक मनी की इमारत खड़ी करने वाले सौरभ शर्मा और उसके गैंग की जड़ें अब और भी गहराई से खोदी जा रही हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) पहले ही इस मामले में मुख्य आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर चुकी है, लेकिन अब नए खुलासों के बाद जांच एजेंसी एक और पूरक चालान पेश करने जा रही है — और इस बार लपेटे में आ सकते हैं कई ऐसे चेहरे, जो अब तक पर्दे के पीछे से खेल रच रहे थे।
ईडी की जांच में सामने आया है कि सौरभ शर्मा के कुछ बेहद करीबी रिश्तेदार और भोपाल के रसूखदार सर्राफा कारोबारी इस गोरखधंधे में उसकी रीढ़ की हड्डी की तरह शामिल थे। सूत्रों के अनुसार, इन लोगों के जरिए न केवल भारी मात्रा में सोना खरीदा गया, बल्कि हवाला नेटवर्क के जरिए देश-विदेश से आई ब्लैक मनी को सफेद करने का काम भी किया गया। यह मामला अब सिर्फ एक भ्रष्ट आरक्षक का नहीं रहा, बल्कि पूरे एक संगठित आपराधिक सिंडिकेट का बन चुका है।
ईडी द्वारा 8 अप्रैल को दाखिल की गई चार्जशीट में भले ही सौरभ की सास रेखा तिवारी, साले की पत्नी अनुभा तिवारी, शरद जायसवाल की मां कृष्णा जायसवाल, एक ट्रस्ट के उपाध्यक्ष दीपक अरोरा और सदस्य शुभम तिवारी को आरोपी नहीं बनाया गया हो, लेकिन जांच में मिले डिजिटल साक्ष्य और बैंकिंग रिकॉर्ड्स के आधार पर अब इन सभी को समन जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया जा रहा है। यदि इनका जुड़ाव वित्तीय लेन-देन या ब्लैक मनी के रूट से साबित होता है, तो इन पर भी केस दर्ज कर गिरफ्तारी की तलवार लटक सकती है।
इस पूरे मामले का सबसे विस्फोटक पहलू 19 दिसंबर 2023 को सामने आया था, जब मेंडोरी क्षेत्र में विनय हासवानी के प्लॉट से एक इनोवा कार बरामद हुई थी। उस कार से बरामद हुआ 52 किलो सोना आज इस पूरे स्कैम की धुरी बन चुका है। जांच में सामने आया है कि ये सोना भोपाल और इंदौर के कुछ बड़े ज्वैलर्स से खरीदा गया था। अब ईडी इन ज्वैलर्स की भूमिका को लेकर गहराई से पूछताछ करने जा रही है — खासतौर पर पुराने भोपाल और अरेरा कॉलोनी के दो शोरूम संचालक एजेंसी के निशाने पर हैं।
जांच अधिकारियों का मानना है कि यह सोना विदेशों से अवैध तरीके से आया, लेकिन उसकी डिलीवरी और भुगतान लोकल नेटवर्क और हवाला के जरिए सौरभ तक पहुंचाया गया। यही वजह है कि अब हमीदिया रोड और अरेरा कॉलोनी में हवाला नेटवर्क चलाने वाले दो और कारोबारियों से पूछताछ की तैयारी भी पूरी कर ली गई है। ईडी के पास सौरभ शर्मा और उसके परिजनों के मोबाइल की सीडीआर रिपोर्ट भी है, जो इस काले कारोबार के नेटवर्क को बारीकी से जोड़ती जा रही है।
जानकारों के अनुसार, जांच एजेंसियों को कानूनी अधिकार है कि जैसे-जैसे नए तथ्य सामने आते हैं, वे एक से अधिक बार पूरक चालान पेश कर सकते हैं। यही कारण है कि सौरभ के केस में यह दूसरा पूरक चालान कई नए नामों को बेनकाब कर सकता है। फिलहाल, सौरभ शर्मा, उसका राइट हैंड शरद जायसवाल और चेतन सिंह गौर भोपाल की केंद्रीय जेल में न्यायिक रिमांड पर बंद हैं और 24 अप्रैल तक उनकी हिरासत बढ़ाई गई है। वहीं, सौरभ की मां उमा शर्मा, पत्नी दिव्या तिवारी, साले रोहित तिवारी और जीजा विनय हासवानी को 10-10 लाख रुपए के मुचलके पर जमानत दी गई है, लेकिन ईडी ने सभी के पासपोर्ट जब्त कर लिए हैं ताकि वे देश छोड़कर फरार न हो सकें।