हरियाली की नई क्रांति: 23 लाख पौधों से महका मध्यप्रदेश, 7,800 महिलाएं बनेंगी पेड़ों की संरक्षक; 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस से शुरू था यह अभियान!

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

मध्यप्रदेश के शहरी इलाकों में इन दिनों हरियाली की एक नई लहर दौड़ रही है। नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने इस वर्ष अमृत हरित महाअभियान की शुरुआत की है, जो न केवल पौधरोपण तक सीमित है, बल्कि शहरवासियों को पर्यावरण संरक्षण की दिशा में सक्रिय भागीदार भी बना रहा है।

अब तक प्रदेश के 10 संभागों में करीब 23 लाख पौधे लगाए जा चुके हैं। ये पौधे केवल संख्या नहीं, बल्कि शहरों की साँसों को ताज़गी देने वाले नए साथी हैं। जबलपुर, शहडोल, भोपाल, नर्मदापुरम्, ग्वालियर, चंबल, उज्जैन, इंदौर, सागर और रीवा—इन सभी संभागों के शहरी क्षेत्रों में सामूहिक पौधरोपण कार्यक्रम लगातार आयोजित हो रहे हैं।

इस अभियान की सबसे ख़ास बात है महिलाओं की भागीदारी। पौधे लगाने जितना ही ज़रूरी है उनकी देखभाल करना। यही जिम्मेदारी “वूमेन्स फॉर ट्री” अमृत मित्र महिला समूह को सौंपी गई है। प्रदेश की करीब 7,800 महिलाएँ अगले दो वर्षों तक लगाए गए पौधों की देखभाल करेंगी। इन महिलाओं को न केवल प्रशिक्षण दिया गया है बल्कि पौधों की सुरक्षा के लिए ज़रूरी किट भी उपलब्ध कराई गई है। कई नगरीय निकायों ने तो पार्कों के रखरखाव का जिम्मा भी इन महिला समूहों को सौंप दिया है। यानी अब शहर की हरियाली महिलाओं के भरोसे और समर्पण से और भी सुरक्षित है।

स्कूल से लेकर उद्योग तक – सबकी भागीदारी

यह महाअभियान केवल सरकारी योजना भर नहीं है, बल्कि इसमें छात्रों, युवाओं, जनप्रतिनिधियों और विशेष रूप से महिला जनप्रतिनिधियों की सक्रिय भागीदारी है। यही कारण है कि पौधरोपण सामूहिक उत्सव की तरह मनाया जा रहा है।

सिर्फ शहरी पार्क ही नहीं, बल्कि औद्योगिक क्षेत्रों में भी पौधरोपण पर जोर दिया जा रहा है। छायादार और फलदार वृक्ष लगाकर औद्योगिक इलाकों को भी प्रदूषण से राहत और संतुलन देने की कोशिश हो रही है।

यह अभियान 5 जून 2025 को विश्व पर्यावरण दिवस से शुरू हुआ और 30 सितंबर तक जारी रहेगा। यानी पूरे चार महीने का समय केवल हरियाली को समर्पित।

नगरीय प्रशासन एवं विकास आयुक्त संकेत भोंडवे ने भी जनता और जनप्रतिनिधियों से अपील की है कि इसे केवल सरकारी कार्यक्रम न समझें, बल्कि जन-अभियान की तरह अपनाएँ। हर नागरिक अपने क्षेत्र में अधिक से अधिक पौधे लगाए और उनकी देखभाल का संकल्प ले।

क्यों है ये अभियान खास?

  • 23 लाख पौधों का सामूहिक रोपण

  • 7,800 महिलाओं की सक्रिय भागीदारी

  • स्कूलों, कॉलेजों, जनप्रतिनिधियों और उद्योगों तक फैली जिम्मेदारी

  • शहरी पर्यावरण को स्वच्छ और संतुलित बनाने की दिशा में ठोस पहल

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