सार
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने 23 जून को दोबारा हुई नीट यूजी परीक्षा का परिणाम रविवार रात को जारी किया, लेकिन वेबसाइट में तकनीकी दिक्कत आने के कारण आवेदक देररात तक परिणाम नहीं देख सके। सोमवार सुबह परिणाम देखा गया। जिले के जिन विद्यार्थियों के ग्रेस मार्क्स के बाद 720 अंक आए थे उनमें जिन विद्यार्थियों ने दोबारा परीक्षा दी थी, उनके 720 अंक इस बार नहीं आए।
शिक्षक और अभिभावकों का कहना है कि पहले जिन बच्चों के 720 नंबर आए थे, उनको उस समय एम्स में दाखिला मिल जाता, लेकिन अब एम्स में दाखिला नहीं मिलेगा। यहां तक कि कुछ बच्चों को पीजीआई में दाखिला नहीं मिलेगा। आसपास के जिलों के मेडिकल कॉलेज में दाखिला जरूर मिल जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार
बच्चे, अभिभावक फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई को लेकर भी इंतजार कर रहे हैं। उनका कहना है कि अभी सुप्रीम कोर्ट का फैसला आना बाकी है। इसके बाद ही अभिभावक अगला कदम उठाएंगे। जरूरत पड़ी तो कुछ बच्चे दोबारा तैयारी कर परीक्षा भी दे सकते हैं।
यह था मामला
नीट की तरफ से 5 मई को बहादुरगढ़ के तीन केंद्रों पर परीक्षा ली गई थी। उस समय कुछ केंद्रों पर दो प्रश्न पत्र बांट दिए गए थे। बाद में एक प्रश्न पत्र विद्यार्थियों को करने के लिए कहा गया था। इसके चलते उनका समय खराब हुआ। इसकी शिकायत अभिभावकों ने एनटीए से की। जब एनटीए ने परीक्षा परिणाम जारी किया तो उसमें झज्जर जिले के चार बच्चों के 720 में से 720 अंक आए। इसके अलावा दो चार छात्र भी टॉप रैंकिंग में आ गए थे।
इसको लेकर विवाद हुआ कि एक ही सेंटर के इतने विद्यार्थी ऑल इंडिया में टॉप रैंक कैसे पा सकते हैं। बाद में सामने आया था कि एनटीए ने कुछ बच्चों को ग्रेस मार्क्स दिए, जिस कारण उनके 720 में से 720 अंक आए। विवाद बढ़ा तो सरकार ने 1563 बच्चों की देश भर में दोबारा परीक्षा करवाई थी। इसमें झज्जर में दो केंद्र बनाए गए थे, जहां 504 बच्चों को परीक्षा देनी थी। इसमें से 287 ने परीक्षा दी थी।