“मेरी जान खतरे में!” राहुल गांधी ने नाथूराम गोडसे के वंशजों के कारण जताया जान का खतरा, पुणे एमपी/एमएलए कोर्ट में सावरकर केस में प्रिवेंटिव सुरक्षा की मांग की

You are currently viewing “मेरी जान खतरे में!” राहुल गांधी ने नाथूराम गोडसे के वंशजों के कारण जताया जान का खतरा, पुणे एमपी/एमएलए कोर्ट में सावरकर केस में प्रिवेंटिव सुरक्षा की मांग की

जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

पुणे की एमपी/एमएलए स्पेशल कोर्ट में बुधवार को कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने एक गंभीर दावा करते हुए कहा कि उन्हें अपनी जान का खतरा है। यह खतरा उन्होंने सावरकर मानहानि केस से जोड़ा, जिसमें उनके खिलाफ शिकायत दर्ज करने वाले को उन्होंने नाथूराम गोडसे का वंशज बताया। राहुल ने अदालत से अपील की कि उनकी सुरक्षा और केस की निष्पक्ष सुनवाई सुनिश्चित करने के लिए उन्हें “प्रिवेंटिव प्रोटेक्शन” प्रदान की जाए, जिसे राज्य की संवैधानिक जिम्मेदारी बताया गया। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 10 सितंबर को तय की है।

राहुल गांधी ने अदालत के समक्ष कहा कि महात्मा गांधी की हत्या एक योजनाबद्ध साजिश थी और इस पारिवारिक पृष्ठभूमि के चलते उन्हें नुकसान पहुंचने या फर्जी मुकदमे में फंसाए जाने का खतरा है। उन्होंने हाल के अपने राजनीतिक बयानों का भी उल्लेख किया, जिनमें 11 अगस्त को संसद में दिया गया नारा “वोट चोर कुर्सी छोड़” और चुनावी गड़बड़ियों से संबंधित दस्तावेज पेश करना शामिल है। राहुल के अनुसार, इन घटनाओं से उनके राजनीतिक विरोधियों की नाराजगी बढ़ी है।

उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने सार्वजनिक मंचों पर स्पष्ट किया है कि “सच्चा हिंदू न हिंसा करता है, न नफरत फैलाता है”, लेकिन बीजेपी नफरत और हिंसा को बढ़ावा देती है। इस बयान के बाद बीजेपी नेताओं ने उन पर हिंदू समुदाय का अपमान करने का आरोप लगाया।

सावरकर विवाद का सिलसिला मार्च 2023 में तब शुरू हुआ, जब लंदन में दिए एक भाषण में राहुल ने दावा किया कि वी.डी. सावरकर ने अपनी एक पुस्तक में लिखा था कि उन्होंने और उनके साथियों ने एक मुस्लिम व्यक्ति की पिटाई की थी और इसे लेकर खुशी जताई थी। इस बयान के आधार पर सावरकर के पोते सत्यकी सावरकर ने उनके खिलाफ मानहानि का केस दर्ज कराया। हालांकि, 3 जुलाई 2024 को पुणे कोर्ट ने सत्यकी सावरकर की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने राहुल से वह पुस्तक पेश करने की मांग की थी। अदालत ने कहा कि किसी को किताब पेश करने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।

यह पहला मौका नहीं है जब राहुल गांधी ने सावरकर पर विवादित टिप्पणी की हो। नवंबर 2022 में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान अकोला में उन्होंने एक चिट्ठी दिखाते हुए आरोप लगाया था कि सावरकर ने अंग्रेजों को पत्र लिखकर माफी मांगी थी और खुद को उनका ‘नौकर’ बताया था। राहुल ने कहा था कि गांधी, नेहरू और पटेल जैसे नेताओं ने जेल में वर्षों बिताए लेकिन कभी ऐसी चिट्ठी पर हस्ताक्षर नहीं किए।

सावरकर टिप्पणी को लेकर 26 अप्रैल 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को कड़ी चेतावनी दी थी। कोर्ट ने कहा था कि स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में गैर-जिम्मेदाराना बयान स्वीकार्य नहीं हैं और भविष्य में इस तरह का कोई भी बयान स्वतः संज्ञान लेकर कार्रवाई का आधार बन सकता है। हालांकि, उसी सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में ट्रायल कोर्ट के समन पर रोक लगा दी थी, जिसे इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पहले खारिज कर दिया था।

राहुल के खिलाफ मानहानि का एक और मामला 14 जून 2023 को दर्ज हुआ, जब लखनऊ के वकील नृपेंद्र पांडे ने अकोला में दिए गए उनके भाषण को आधार बनाकर शिकायत की। पांडे ने आरोप लगाया कि राहुल ने सावरकर को ‘अंग्रेजों का नौकर’ और ‘पेंशनभोगी’ कहकर न केवल उनके सम्मान को ठेस पहुंचाई बल्कि समाज में नफरत और अशांति फैलाने की कोशिश की। अब सावरकर विवाद फिर सुर्खियों में है, लेकिन इस बार राहुल गांधी इसे अपने व्यक्तिगत सुरक्षा खतरे से जोड़ रहे हैं।

Leave a Reply