जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
मध्यप्रदेश में मानसून अभी थमने का नाम नहीं ले रहा है। प्रदेश के कई हिस्सों में लगातार हो रही बारिश से नदियां उफान पर हैं और बांधों का पानी खतरे के स्तर से ऊपर बह रहा है। मौसम विभाग ने आने वाले 24 घंटों के लिए राज्य के कई जिलों में हल्की से मध्यम वर्षा की संभावना जताई है। हालांकि इस दौरान कहीं भी अति भारी बारिश का अलर्ट जारी नहीं किया गया है।
किन जिलों में बरसेंगे बादल
मौसम विभाग के अनुसार रविवार को उज्जैन, इंदौर, देवास, बड़वानी, बैतूल, बुरहानपुर, खरगोन, खंडवा, मंदसौर, नीमच, भोपाल और रायसेन जिलों में हल्की से मध्यम बारिश होने के आसार हैं। वहीं ग्वालियर-चंबल संभाग, जबलपुर और आसपास के जिलों में रिमझिम बारिश का अनुमान जताया गया है।
सक्रिय मानसून ट्रफ और चक्रवाती सिस्टम
भारत मौसम विज्ञान केंद्र, भोपाल की वैज्ञानिक के मुताबिक वर्तमान में मानसून ट्रफ राजस्थान से होकर बंगाल की खाड़ी तक सक्रिय है। इसके अलावा एक चक्रवाती प्रणाली राजस्थान से गुजरते हुए मध्यप्रदेश और झारखंड की ओर बढ़ रही है। इस सिस्टम की वजह से इंदौर और उसके आसपास के जिलों में गरज-चमक के साथ तेज बारिश हो सकती है। वहीं भोपाल, उज्जैन, ग्वालियर और जबलपुर संभाग में हल्की बारिश का दौर जारी रहेगा।
48 घंटे बाद फिर सक्रिय होगा मानसून
मौसम विभाग ने बताया कि 6 सितंबर तक प्रदेश में बारिश का सिलसिला जारी रहेगा। इसके बाद 7 सितंबर को कुछ जिलों में राहत मिल सकती है। हालांकि 9 सितंबर से फिर से भारी बारिश की संभावना है। इस दौरान मानसून का तांडव दोबारा देखने को मिल सकता है। वर्तमान में मानसून की टर्फ लाइन प्रदेश के ऊपर से गुजर रही है, जिसके चलते वेदर सिस्टम सक्रिय है और झमाझम बारिश हो रही है। लगातार बारिश के कारण प्रदेश के कई बांध इस समय ओवरफ्लो की स्थिति में हैं।
औसत से अधिक वर्षा
इस सीजन में अब तक मध्यप्रदेश में औसतन 40.6 इंच बारिश हो चुकी है, जबकि सामान्य वर्षा 32.8 इंच होनी चाहिए थी। यानी अब तक प्रदेश में 111 प्रतिशत बारिश दर्ज की गई है। सामान्य औसत 37 इंच है, जबकि पिछले मानसून सीजन में 44 इंच वर्षा हुई थी। आंकड़ों के अनुसार, अब तक 22 जिलों में सीजन की औसत बारिश पूरी हो चुकी है।
बड़वानी में लैंडस्लाइड, सड़क बाधित
लगातार बारिश का असर बड़वानी जिले की सीमा से लगे प्रसिद्ध पर्यटन स्थल तोरणमाल में भी देखने को मिला। शनिवार को यहां पहाड़ी से बड़ी-बड़ी चट्टानें गिरने के कारण लैंडस्लाइड हो गया। चट्टानों के सड़क पर गिरने से रास्ता घंटों तक बंद रहा और दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। पुलिस और प्रशासन की टीम ने कई घंटों की मशक्कत के बाद सड़क को साफ कराया और यातायात बहाल किया।
मुख्यमंत्री ने भी संभाली कमान
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बीते दिन यानी शनिवार को मंत्रालय स्थित स्टेट सिचुएशन रूम से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर प्रदेश के सभी कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों से बारिश की स्थिति पर चर्चा की। उन्होंने अनंत चतुर्दशी पर्व के मौके पर गणेश प्रतिमा विसर्जन के लिए की गई व्यवस्थाओं का लाइव प्रदर्शन भी देखा।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि—
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सभी जिले अलर्ट मोड में रहें और पूरी सतर्कता बरतें।
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गणेश विसर्जन की व्यवस्थाएं अपडेट रहें और रात तक पूरी तरह संपन्न हों।
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भारी बारिश की स्थिति में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की तैयारी रहे।
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बाढ़ आपदा राहत दल क्विक रिस्पॉन्स करते हुए प्रभावितों को रेस्क्यू करें।
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पूरे अमले को संवेदनशीलता और मानवीयता के साथ जिम्मेदारी निभानी होगी।
उच्चस्तरीय बैठक
बैठक में मुख्य सचिव अनुराग जैन, अपर मुख्य सचिव गृह शिव शेखर शुक्ला, पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाना, एडीजी सिविल डिफेंस प्रज्ञा श्रीवास्तव, एडीजी इंटेलिजेंस ए. साईं मनोहर, सचिव एवं आयुक्त जनसंपर्क डॉ. सुदाम खाड़े और मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारी आलोक सिंह मौजूद रहे।