विवादित बयानों से हिला एमपी: मंत्री से विधायक तक फंसे, कांग्रेस आज भी कई जिलों में कर रही विरोध प्रदर्शन की तैयारी!

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

मध्यप्रदेश की राजनीति इस वक्त बयानों की आग में झुलस रही है। एक के बाद एक बीजेपी नेताओं के विवादित और संवेदनशील मुद्दों पर दिए गए बयानों ने प्रदेश में सियासी तूफान ला दिया है। पहले कैबिनेट मंत्री विजय शाह का कर्नल सोफिया कुरैशी को आतंकवादियों की बहन बताकर शर्मनाक टिप्पणी करना, फिर डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा द्वारा सेना को लेकर अति श्रद्धावादी भाषण देना, और अब सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते और विधायक नरेन्द्र प्रजापति की आपत्तिजनक टिप्पणियों ने राज्य सरकार की किरकिरी कर दी है।

इस पूरे विवाद की शुरुआत हुई मंत्री विजय शाह के उस बयान से, जिसमें उन्होंने एक महिला सैन्य अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी को “आतंकियों की बहन” बताते हुए बेहद अशोभनीय भाषा का प्रयोग किया। उनके शब्द थे— “मोदी जी ने उनकी बहन को उनकी ऐसी की तैसी करने उनके घर भेजा।” यह टिप्पणी न सिर्फ महिला अधिकारी का अपमान थी, बल्कि एक भारतीय सैनिक पर सार्वजनिक मंच से की गई अश्लील टिप्पणी भी मानी गई। इस बयान पर विरोध बढ़ा तो मामला हाईकोर्ट तक पहुंचा और अदालत के निर्देश पर उनके खिलाफ FIR दर्ज की गई। अब विजय शाह ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है, जिस पर सुनवाई 19 मई को होगी।

इसके बाद एक के बाद एक बीजेपी नेताओं की जुबान फिसलती चली गई। डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा ने जबलपुर में सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स के प्रशिक्षण कार्यक्रम में कहा— “पूरा देश, देश की वो सेना, वो सैनिक… उनके चरणों में नतमस्तक है।” ये बयान विपक्ष के निशाने पर आ गया, क्योंकि एक लोकतांत्रिक देश में सेना की संस्थागत गरिमा को ‘चरणों में नतमस्तक’ जैसे शब्दों से जोड़ा जाना अनुचित और अतिशयोक्तिपूर्ण माना जा रहा है।

इसके बाद मंडला के सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने मीडिया से बातचीत में आतंकियों को ही ‘हमारे’ कह दिया। उनके बयान के शब्द थे— “पाकिस्तान के जो हमारे आतंकवादी हैं… उन्हें मुंहतोड़ जवाब दिया है।” कुलस्ते की यह ‘जुबान फिसल’ जैसी बात अब सोशल मीडिया पर वायरल हो चुकी है और विपक्ष इस पर खुलकर सरकार पर हमला बोल रहा है।

ताजा मामला रीवा ज़िले के मनगवां से विधायक नरेन्द्र प्रजापति का है। उन्होंने तिरंगा यात्रा के मंच से भाषण देते हुए कहा— “अगर यूनाइटेड नेशन से सीजफायर का आदेश न आता तो मोदी जी पाकिस्तान को साफ कर देते।” यह बयान अंतरराष्ट्रीय कूटनीति और राष्ट्र की विदेश नीति को लेकर बेहद गैर-जिम्मेदाराना माना जा रहा है।

अब विपक्ष इन सभी नेताओं के खिलाफ सड़कों पर उतर चुका है। कांग्रेस सहित तमाम दल इन बयानों को “सैनिकों का अपमान”, “अभद्र भाषा का चरम”, और “सत्ता के अहंकार की पराकाष्ठा” बता रहे हैं। भोपाल, इंदौर, जबलपुर, मंडला, रीवा सहित कई जिलों में आज विरोध प्रदर्शन की तैयारी की गई है।

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