मप्र कैबिनेट का बड़ा फैसला: अब कन्याओं की शादी के लिए 55 हज़ार की सरकारी मदद, बफर ज़ोन के विकास के लिए 145 करोड़ मंजूर; गर्मी में पेयजल संकट से निपटने को लेकर CM ने मंत्रियों को दिए कड़े निर्देश

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार के बाद अब मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की नई सरकार ने भी समाज के कमजोर तबके को राहत देने वाले बड़े फैसले लिए हैं। मंगलवार को मंत्रालय में हुई कैबिनेट बैठक में दो ऐसे प्रस्तावों को मंजूरी दी गई, जिनका सीधा असर प्रदेश की बेटियों और जंगलों में रहने वाले वन्यजीवों पर पड़ेगा। इसके अलावा ढाई साल के लंबे इंतजार के बाद मध्यप्रदेश सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए 1 से 31 मई तक सरकारी कर्मचारियों के तबादलों की अनुमति दे दी है। इस फैसले ने राज्य के करीब 7.5 लाख कर्मचारियों में हलचल मचा दी है, जिनमें से लगभग 1.5 से 2 लाख कर्मचारी सीधे तौर पर प्रभावित हो सकते हैं। मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक के बाद डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल ने इस घोषणा की पुष्टि की। इससे पहले सीएम डॉ. मोहन यादव ने भी तबादला नीति को लेकर संकेत दे दिए थे।

दरअसल, राज्य में अक्टूबर 2022 के बाद से तबादलों पर रोक थी। केवल विशेष मामलों जैसे गंभीर बीमारी या पारिवारिक परिस्थितियों में ही तबादले की अनुमति दी जा रही थी, वो भी प्रभारी मंत्री की सहमति से। इस प्रतिबंध के पीछे सरकार का यह तर्क था कि शैक्षणिक सत्र के दौरान शिक्षकों का तबादला करने से बच्चों की पढ़ाई पर असर पड़ता है और साथ ही कर्मचारियों के बच्चों को बीच सत्र में स्कूल बदलने की मजबूरी झेलनी पड़ती है।

अब जब यह रोक हटाई गई है, तो उम्मीद की जा रही है कि सरकार जल्द ही नई तबादला नीति को अंतिम रूप देकर अगली कैबिनेट बैठक में प्रस्तुत करेगी। इस फैसले से ना केवल कर्मचारियों में संतोष है, बल्कि प्रशासनिक कामकाज में भी गति आने की संभावना जताई जा रही है।

गरीब बेटियों की शादी में अब सरकार देगी 55,000 रुपये की मदद

मुख्यमंत्री कन्या विवाह एवं निकाह योजना को लेकर सरकार ने नई आर्थिक सहायता नीति लागू करने का फैसला लिया है। इस योजना के अंतर्गत गरीबी रेखा से नीचे (BPL) जीवन यापन करने वाले परिवारों की बेटियों की शादी या निकाह में सरकार की ओर से प्रति वधू ₹55,000 की सहायता दी जाएगी।

इसमें से ₹49,000 की राशि सीधे वधू के खाते में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के जरिए दी जाएगी, और ₹6,000 सामूहिक विवाह समारोह की व्यवस्थाओं पर खर्च के लिए संबंधित निकाय को प्रदान किए जाएंगे।

सामूहिक विवाह सम्मेलन में एक साथ कम से कम 11 और अधिकतम 200 जोड़ियों के विवाह करवाए जाएंगे। यह आयोजन संभागवार चक्रीय कैलेंडर के आधार पर होंगे, जिनमें स्थानीय जन-प्रतिनिधियों और सामाजिक संगठनों की भागीदारी भी सुनिश्चित की जाएगी।

इसके लिए वर-वधू की आधार ई-केवाईसी और BPL सत्यापन अनिवार्य होगा। यह निर्णय प्रदेश के लाखों गरीब परिवारों को सामाजिक सम्मान और वित्तीय सहारा देने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

9 टाइगर रिजर्व के बफर जोन के विकास पर सरकार खर्च करेगी ₹145 करोड़

मप्र सरकार ने वन्यजीव संरक्षण और मानव-वन्यजीव संघर्ष को रोकने के लिए भी एक ऐतिहासिक फैसला लिया है। कैबिनेट ने 2025 से 2028 तक की नई योजना को हरी झंडी दे दी है, जिसके तहत 9 टाइगर रिजर्व के बफर जोन में विकास कार्यों के लिए ₹145 करोड़ की सैद्धांतिक मंजूरी दी गई है।

यह योजना खासतौर पर उन बफर जोन में लागू की जाएगी जहां टाइगर और इंसानों के बीच टकराव की घटनाएं बढ़ी हैं। पिछले चार वर्षों में टाइगर की संख्या 526 से बढ़कर 785 हो गई है, जिससे यह ज़रूरत और अधिक महत्वपूर्ण हो गई है।

योजना के तहत चेनलिंक फेंसिंग, अग्नि सुरक्षा उपाय, जल स्रोत और चारागाहों का विकास, वन्य प्राणियों का स्वास्थ्य परीक्षण, और स्थानीय नागरिकों के लिए स्किल ट्रेनिंग जैसे महत्वपूर्ण कार्य किए जाएंगे। इस पहल से न केवल टाइगरों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी, बल्कि बफर क्षेत्रों में रहने वाले ग्रामीणों की भी आजीविका बेहतर होगी।

कैबिनेट ब्रीफिंग में डिप्टी सीएम ने चीता रि-लोकेशन प्रोजेक्ट की भी चर्चा की, जिसमें मध्यप्रदेश ने एक बड़ी सफलता हासिल की है। कूनो नेशनल पार्क में चीतों की वंशवृद्धि और हाल ही में गांधीसागर अभयारण्य में दो चीतों की सफल शिफ्टिंग ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मप्र की सराहना कराई है। वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में यह प्रोजेक्ट एक मॉडल की तरह देखा जा रहा है

गर्मी में पेयजल संकट पर सख्ती, मंत्रियों को मिली जिम्मेदारी

कैबिनेट बैठक में गर्मी के मौसम में पेयजल व्यवस्था की निगरानी के निर्देश भी दिए गए। मुख्यमंत्री ने सभी प्रभारी मंत्रियों को अपने-अपने जिलों में पेयजल व्यवस्था की नियमित समीक्षा करने को कहा है। साथ ही 16 जून तक चलने वाले जलगंगा संवर्धन अभियान के तहत तालाब गहरीकरण, जल स्रोतों का संरक्षण और जल बचाव की रणनीतियों पर फोकस करने के निर्देश दिए गए हैं।

गेहूं खरीदी में एमपी बना अव्वल, किसानों को 10 हजार करोड़ से ज्यादा भुगतान

सरकार की गेहूं खरीदी योजना भी जोरों पर है। अब तक 50 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा गेहूं खरीदा जा चुका है और 5 मई तक 60 लाख मीट्रिक टन का लक्ष्य भी पूरा होने की उम्मीद है। किसानों को MSP 2425 रुपए प्रति क्विंटल के साथ 175 रुपए बोनस मिल रहा है। अब तक किसानों के खातों में 10562 करोड़ रुपए से अधिक की राशि पहुंच चुकी है, जो किसानों के लिए आर्थिक राहत का बड़ा कदम माना जा रहा है।

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