जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
मानसून सत्र 2025 की शुरुआत सोमवार, 21 जुलाई से हुई, और पहले ही दिन संसद में ज़बरदस्त हलचल देखी गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सत्र शुरू होने से पहले संसद भवन परिसर में मीडिया को संबोधित करते हुए एक अहम घोषणा की — “ऑपरेशन सिंदूर” की सफलता। पीएम मोदी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय सेना ने आतंकियों के ठिकानों को महज़ 22 मिनट में पूरी तरह नेस्तनाबूद कर दिया। उन्होंने इस ऑपरेशन को मेड इन इंडिया सैन्यशक्ति का प्रतीक बताते हुए कहा कि इससे भारत का सामरिक सामर्थ्य पूरी दुनिया के सामने एक बार फिर साबित हो गया है।
प्रधानमंत्री ने बताया कि ऑपरेशन के सभी लक्ष्य 100% हासिल किए गए। यह इस बात का प्रमाण है कि आज भारत की सेना केवल जवाबी कार्रवाई नहीं, बल्कि योजनाबद्ध सटीक हमले करने में सक्षम है। उन्होंने कहा कि “विश्व में आज ‘मेड इन इंडिया’ डिफेंस टेक्नोलॉजी के प्रति आकर्षण तेजी से बढ़ रहा है।” पीएम ने संसद से अपील की कि जब सारा सदन एक स्वर में अपनी विजयगाथा का यशगान करेगा, तब यह हर देशवासी के आत्मविश्वास को नया बल देगा।
प्रधानमंत्री ने आगे देश में घट रही नक्सलवादी और माओवादी गतिविधियों पर भी टिप्पणी की। उन्होंने बताया कि भारत अब बम, बंदूक और पिस्तौल की नहीं, संविधान की ताकत से जीत रहा है। उन्होंने कहा कि आज जो क्षेत्र कल तक रेड कॉरिडोर कहे जाते थे, वो अब “ग्रीन कॉरिडोर” में तब्दील हो रहे हैं — यह भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों की बड़ी जीत है।
इस बीच पीएम मोदी ने अंतरिक्ष जगत में भारत की ऐतिहासिक उपलब्धि का भी जिक्र किया। उन्होंने भारतीय एस्ट्रोनॉट शुभांशु को बधाई दी, जिन्होंने पहली बार इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पर तिरंगा लहराया। उन्होंने कहा कि यह भारत की विज्ञान और टेक्नोलॉजी में बढ़ती ताकत का प्रतीक है।
प्रधानमंत्री ने अर्थव्यवस्था पर बात करते हुए कहा कि 2014 से पहले भारत विश्व की 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था, लेकिन आज हम तीसरे नंबर की अर्थव्यवस्था बनने की ओर तेज़ी से अग्रसर हैं। उन्होंने बताया कि महंगाई दर जो पहले डबल डिजिट में थी, अब 2% के करीब है। “हाई ग्रोथ और लो इन्फ्लेशन” की यह स्थिति देश के विकास पथ को दर्शाती है।
हालांकि, संसद के भीतर का माहौल उतना शांत नहीं रहा। जैसे ही संसद की कार्यवाही शुरू हुई, विपक्ष ने पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर सरकार से जवाब की मांग करते हुए जोरदार हंगामा किया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने राज्यसभा में कहा कि पहलगाम हमले के आतंकवादी अभी तक पकड़े नहीं गए हैं, और जम्मू-कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर ने खुद स्वीकार किया है कि इंटेलिजेंस में फेलियर हुआ।
विपक्ष के दबाव के बीच केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि सरकार इन सभी मुद्दों पर चर्चा को तैयार है। उन्होंने स्पष्ट किया कि “देश में यह संदेश नहीं जाना चाहिए कि सरकार चर्चा से भाग रही है।” लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भी विपक्ष को समझाते हुए कहा कि प्रश्नकाल के बाद ऑपरेशन सिंदूर पर विस्तृत चर्चा होगी, लेकिन पहले दिन का ऐसा आचरण अनुचित है और हमें पुराने मिथकों को तोड़ना होगा।
विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. ने पहले ही तय रणनीति के तहत केंद्र को घेरने की योजना बनाई थी। बात दें, सत्र से पहले I.N.D.I.A. गठबंधन ने बैठक की थी। इस बैठक में ऑपरेशन सिंदूर, पाकिस्तान के साथ संघर्ष विराम, ट्रम्प के युद्ध रोकने के दावे, और बिहार वोटर लिस्ट जैसे संवेदनशील मुद्दों पर सरकार से जवाब मांगने की रणनीति तय की गई थी।
मानसून सत्र की रूपरेखा पर भी एक नज़र डालें तो— यह सत्र 21 जुलाई से 21 अगस्त तक चलेगा, यानी कुल 32 दिन। इन 32 दिनों में 18 बैठकें होंगी और केंद्र सरकार 8 नए बिल पेश करेगी, जबकि 7 लंबित विधेयकों पर चर्चा होगी। स्वतंत्रता दिवस समारोह के चलते 13 और 14 अगस्त को संसद की कार्यवाही नहीं होगी।
सत्र के पहले दिन एक अहम विधेयक — नया इनकम टैक्स बिल — संसद में चर्चा के लिए लाया गया। यह बिल 1961 के पुराने इनकम टैक्स एक्ट की जगह लेगा। संसदीय कमेटी ने इस बिल पर 285 सुझाव दिए हैं और यह 622 पन्नों का है।