मध्यप्रदेश में मानसून की जबरदस्त एंट्री, सतना-रीवा संभाग में यलो अलर्ट जारी; 5 दिन तक भारी बारिश का अलर्ट!

You are currently viewing मध्यप्रदेश में मानसून की जबरदस्त एंट्री, सतना-रीवा संभाग में यलो अलर्ट जारी; 5 दिन तक भारी बारिश का अलर्ट!

जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

मध्यप्रदेश में इस समय मौसम का मिजाज पूरी तरह से बदला हुआ है। दो सक्रिय टर्फ लाइनों के गुजरने की वजह से प्रदेश में बारिश का बेहद स्ट्रॉन्ग सिस्टम एक्टिव है, जिसने हालात को अचानक बदलकर रख दिया है। शुक्रवार को कई जिलों में जमकर बारिश हुई और शनिवार को भी मौसम विभाग ने प्रदेश के 7 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। सबसे बड़ा डर यह है कि अगले 5 दिनों तक यही दौर जारी रहने की संभावना है। मौसम विभाग ने साफ चेतावनी दी है कि निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर के खजुराहो, दमोह, कटनी, शिवपुरी और पन्ना में आकाशीय बिजली गिरने और चमकने के साथ मध्यम से भारी बारिश हो सकती है। वहीं अशोकनगर, ओरछा, सतना, सागर, बालाघाट, मंडला, सिवनी, छिंदवाड़ा, मैहर, जबलपुर, रीवा, मऊगंज, उज्जैन, भिंड, नरसिंहपुर और डिंडोरी में भी अच्छी बारिश की पूरी संभावना जताई गई है।

शनिवार सुबह की बात करें तो बड़वानी जिले के सेंधवा में बारिश के चलते पूरा इलाका धुंध की चादर में लिपटा नजर आया। मुंबई-आगरा नेशनल हाईवे पर बिजासन घाट के आसपास इतना घना कोहरा था कि वाहनों को हेड लाइट जलाकर चलना पड़ा। बिजासन घाट सतपुड़ा की पहाड़ियों से घिरा हुआ है, यहां बारिश और हरियाली के संगम ने दृश्य को और भी मनमोहक बना दिया। लोग यहां रुककर मोबाइल कैमरे में नजारे कैद करते दिखे। घाट पर बड़ी बिजासन माता का प्रसिद्ध मंदिर है, जहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुँचते हैं।

डिंडौरी में पिछले 24 घंटे से रुक-रुक कर बारिश जारी है। इसी दौरान मेहदवानी इलाके में दनदना बांध की नहर फूट गई, जिससे आसपास के इलाकों में पानी फैल गया। उधर सतना जिले के चित्रकूट में महज दो घंटे में इतनी तेज बारिश हुई कि पहाड़ी से पानी का तेज बहाव नीचे की ओर बढ़ गया। श्रद्धालुओं की सुरक्षा के मद्देनजर प्रशासन को गुप्त गोदावरी गुफा को बंद करना पड़ा।

पन्ना जिले में हरसा नाले में पानी का बहाव इतना तेज हो गया कि पुल के ऊपर से दो फीट पानी गुजरने लगा। फिर भी लोग जान हथेली पर रखकर इस नाले को पार करते नजर आए। कई बाइक सवार अपनी बाइक को लकड़ी के सहारे उठाकर दूसरी ओर ले जाते दिखे। श्योपुर जिले के बड़ौदा के कलमुण्डा गांव में बारिश के बीच अचानक एक मगरमच्छ घुस आया। ग्रामीणों ने डर के मारे वन विभाग को सूचना दी, जिसके बाद टीम ने मगरमच्छ को सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया।

बड़वानी में खराब सड़कों की वजह से भी लोगों को भारी दिक्कतें उठानी पड़ रही हैं। बस स्टैंड से राजघाट रोड पर मिट्टी के ट्रैक्टर-ट्रॉलियों की आवाजाही से पूरा इलाका कीचड़ से लथपथ हो गया। शनिवार को बारिश के बाद यहां कई बाइक सवार फिसलकर गिर पड़े।

अब बात करते हैं मानसून की एंट्री की — इस बार मानसून देश में सामान्य से 8 दिन पहले ही पहुंच गया था। महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में भी यह समय से पहले पहुंच गया। ऐसे में माना जा रहा था कि मध्यप्रदेश में जून के पहले सप्ताह में ही मानसून प्रवेश कर जाएगा, लेकिन पिछले 15 दिन तक मानसून महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ में ही ठहरा रहा, जिसकी वजह से एमपी में यह देर से आया। आखिरकार 13-14 जून को मानसून आगे बढ़ा और एक दिन की देरी से मध्यप्रदेश पहुंचा। खास बात यह रही कि महज 3 दिन में ही मानसून ने प्रदेश के 53 जिलों को कवर कर लिया। उसके बाद ठहराव के बावजूद बचे हुए दो जिले — भिंड और मऊगंज भी मानसून की गिरफ्त में आ गए। इस तरह 5 दिन के भीतर ही पूरे मध्यप्रदेश में मानसून सक्रिय हो गया। गौर करने वाली बात है कि एमपी में मानसून के प्रवेश की सामान्य तारीख 15 जून ही है। पिछले साल यह 21 जून को आया था।

मानसून के एक्टिव होते ही प्रदेशभर में जोरदार बारिश का दौर शुरू हो गया। सतना जिले में शुक्रवार शाम 6 बजे से बारिश का सिलसिला जारी है। कहीं तेज तो कहीं रुक-रुक कर मध्यम बारिश हो रही है। शनिवार सुबह भी बारिश जारी रही। मौसम विभाग ने सतना और रीवा संभाग के लिए यलो अलर्ट जारी किया है। शुक्रवार को सतना में अधिकतम तापमान सामान्य से 2 डिग्री नीचे गिरकर 33.2 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।

भोपाल समेत बड़े शहरों की बात करें तो पिछले 10 सालों में जून महीने में गर्मी और बारिश का मिला-जुला ट्रेंड देखने को मिला है। कई बार 15 जून से पहले तापमान 45 डिग्री के पार पहुंच गया, तो वहीं रात का तापमान 17 डिग्री तक गिरा। साल 2020 में जून में सबसे ज्यादा 16 इंच बारिश दर्ज हुई थी। पिछले साल 2024 में भी पूरे जून में करीब 10.9 इंच बारिश रिकॉर्ड की गई, जो 10 साल में दूसरी सबसे ज्यादा थी। उस समय 24 घंटे में करीब 5 इंच पानी गिरा था।

फिलहाल मध्यप्रदेश में तेज बारिश के साथ मौसम सुहाना तो है, लेकिन नदियों-नालों के उफान, टूटते पुल, मगरमच्छों के आबादी में घुसने और जगह-जगह फिसलन से हादसे की आशंका ने चिंताएं बढ़ा दी हैं। प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने और अनावश्यक यात्रा से बचने की अपील की है।

Leave a Reply