मध्यप्रदेश में मानसून की दस्तक: 19 जिलों में एंट्री, भारी बारिश का अलर्ट जारी; बिजली गिरने से दो बच्चियों की मौत!

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

मध्यप्रदेश में मानसून ने आखिरकार दस्तक दे दी है। प्रदेश के इंदौर सहित 19 जिलों में मानसून सक्रिय हो चुका है और अगले 24 घंटों के भीतर इसके भोपाल, उज्जैन और जबलपुर तक पहुँचने की संभावना जताई जा रही है। भारतीय मौसम विभाग ने बुधवार को राज्य के पश्चिमी हिस्से, विशेषकर गुजरात और राजस्थान से सटे धार, झाबुआ, रतलाम, नीमच और मंदसौर जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।

मौसम विभाग के अनुसार पूरे प्रदेश में आने वाले दिनों में बारिश के साथ तेज आंधी और गरज-चमक का सिलसिला जारी रहेगा। राजधानी भोपाल समेत इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर और जबलपुर जैसे प्रमुख शहरों में भीषण बारिश की संभावना जताई गई है। राज्य में कुल चार अलग-अलग वेदर सिस्टम एक साथ सक्रिय हैं, जिससे मौसम में यह तेजी से बदलाव देखने को मिल रहा है।

प्रदेश के कई जिलों में मंगलवार को ही तेज आंधी और बारिश दर्ज की गई। हालांकि, इसी दौरान सिंगरौली जिले से दुखद खबर सामने आई जहाँ आकाशीय बिजली गिरने से दो मासूम बच्चियों की दर्दनाक मौत हो गई। वहीं दूसरी ओर, भोपाल, राजगढ़, धार, रतलाम, छिंदवाड़ा, जबलपुर, मंडला, सतना और टीकमगढ़ सहित कई जिलों में तेज बारिश हुई।

बारिश के कारण तापमान में भी उल्लेखनीय गिरावट देखी गई। शिवपुरी में दिन का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के साथ सबसे अधिक रहा, जबकि पचमढ़ी में न्यूनतम तापमान 28.2 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। प्रमुख शहरों में भोपाल में 34.4 डिग्री, इंदौर में 32.2 डिग्री, ग्वालियर में 38.5 डिग्री, उज्जैन में 33 डिग्री और जबलपुर में 34.5 डिग्री तापमान दर्ज हुआ।

वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक ने बताया कि इस समय प्रदेश में चार प्रमुख सिस्टम सक्रिय हैं— गुजरात और आसपास के क्षेत्र में बना लो प्रेशर एरिया, एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन, वेस्टर्न डिस्टर्बेंस और ट्रफ लाइन की तीव्रता। इन कारणों से आगामी चार दिनों तक मध्यप्रदेश का मौसम अस्थिर बना रहेगा और कहीं-कहीं पर भारी बारिश की भी चेतावनी है। कुछ जिलों में अगले 24 घंटे में 4 इंच से अधिक बारिश दर्ज की जा सकती है।

गौरतलब है कि इस बार मानसून एक दिन की देरी से मध्यप्रदेश पहुंचा है। देश के कई हिस्सों में मानसून पहले ही समय से 8 दिन पहले आ गया था, जिससे उम्मीद थी कि एमपी में यह जून के पहले सप्ताह में ही पहुंच जाएगा। लेकिन महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में मानसून के अटक जाने के कारण मध्यप्रदेश में इसकी एंट्री 13-14 जून तक टल गई। सामान्य तौर पर प्रदेश में मानसून के आगमन की तिथि 15 जून मानी जाती है, जबकि पिछले साल यह 21 जून को पहुंचा था।

मौसम विभाग और प्रशासन द्वारा नागरिकों को चेतावनी दी गई है कि वे भारी बारिश और आकाशीय बिजली से सतर्क रहें। राज्य के संवेदनशील इलाकों में जिला प्रशासन को अलर्ट रहने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि किसी भी आपदा की स्थिति में त्वरित राहत पहुंचाई जा सके।

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