जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
मध्यप्रदेश में एक बार फिर मानसून एक्टिव हो गया है। बुधवार सुबह उज्जैन, गुना और इटारसी सहित कई इलाकों में तेज बारिश हुई, जिससे जनजीवन प्रभावित हुआ। इटारसी के बाजारों में पानी भर गया, वहीं जमानी का बिजली सब स्टेशन जलमग्न हो गया, जिससे इलाके में बिजली आपूर्ति पर असर पड़ा। सिवनी मालवा के ग्रामीण क्षेत्रों में खेतों और रास्तों पर पानी भर जाने से आवागमन बाधित हो गया।
मौसम विभाग ने आगामी 24 घंटों के लिए जबलपुर, श्योपुर, मुरैना, नर्मदापुरम, बैतूल, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, सागर, दमोह, सिवनी, मंडला, बालाघाट, डिंडौरी और अनूपपुर जैसे जिलों में साढ़े 4 इंच तक बारिश की चेतावनी जारी की है। इसके अलावा राज्य के अन्य हिस्सों में गरज-चमक, तेज हवाएं और हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जताई गई है।
बारिश से जुड़ी घटनाओं में शाजापुर जिले के एक गांव में नदी के पास मछली पकड़ने गए 27 वर्षीय युवक विशाल केवट की आकाशीय बिजली की चपेट में आने से मौत हो गई। बीते 24 घंटे में गुना जिले में सर्वाधिक 3 इंच बारिश दर्ज की गई है। इसके अतिरिक्त भोपाल, इंदौर, रायसेन, बालाघाट, हरदा, ग्वालियर, उज्जैन, सागर, दमोह, सतना, सीहोर, धार, रतलाम, मंडला जैसे जिलों में भी अच्छी बारिश हुई।
वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक के अनुसार, फिलहाल मध्यप्रदेश में दो सक्रिय चक्रवाती परिसंचरण (Cyclonic Circulation) सिस्टम और मानसून ट्रफ रेखा की उपस्थिति के कारण भारी वर्षा की संभावना बनी हुई है। यह स्थिति अगले चार दिनों तक बनी रह सकती है।
भोपाल में मौसम ने एक बार फिर करवट बदली। मंगलवार को दिनभर धूप रही, लेकिन शाम 4 बजे के बाद अचानक बादल घिर आए और तेज बारिश ने पूरे शहर को भिगो दिया। इसी तरह टीकमगढ़, छिंदवाड़ा, उज्जैन, शाजापुर, हरदा जैसे कई जिलों में भी दिन और रात के समय बारिश का दौर जारी रहा।
इस बार मानसून सामान्य से आगे चल रहा है। राज्य में अब तक औसतन 21 इंच बारिश हो चुकी है, जबकि इस समय तक सामान्य औसत 13.7 इंच मानी जाती है। यानी प्रदेश में अभी तक 7.3 इंच अधिक वर्षा दर्ज की गई है, जो सामान्य से 53% अधिक है। निवाड़ी, टीकमगढ़ और श्योपुर जैसे जिलों में तो बारिश का निर्धारित कोटा पहले ही पूरा हो चुका है। वहीं ग्वालियर सहित 5 जिले ऐसे हैं जहां 80 से 95% तक बारिश हो चुकी है।
हालांकि, इंदौर और उज्जैन संभाग अब भी पीछे हैं। विशेषकर उज्जैन जिले की बात करें तो बीते 24 घंटे में औसतन 7.7 मिमी वर्षा दर्ज की गई। जिसमें तराना तहसील में सबसे अधिक 54 मिमी बारिश हुई, जबकि उज्जैन शहर में 12 मिमी और माकड़ौन में मात्र 3 मिमी बारिश दर्ज की गई। वर्ष 2025 की शुरुआत से अब तक जिले में कुल 221.8 मिमी वर्षा हो चुकी है, जो पिछले वर्ष इसी अवधि की तुलना में कम है। 2024 में अब तक 280 मिमी बारिश दर्ज की गई थी।
राज्य प्रशासन ने जलभराव और बिजली की समस्या को देखते हुए सभी जिला मुख्यालयों को सतर्क रहने और राहत कार्यों की तैयारी रखने के निर्देश दिए हैं। आगामी नागपंचमी और श्रावण सोमवार के मद्देनज़र भीड़भाड़ वाले इलाकों में विशेष सतर्कता बरतने को कहा गया है।