जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
मध्यप्रदेश में मानसून फिलहाल टर्फ और साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम के असर में है। इसी कारण सोमवार को प्रदेश के कई जिलों में रुक-रुककर बारिश हुई, जबकि कुछ स्थानों पर भारी बरसात के हालात बने। मौसम विभाग ने मंगलवार को नीमच और मंदसौर जिलों के लिए भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है, वहीं भोपाल समेत अन्य हिस्सों में हल्की बारिश की संभावना जताई गई है।
कई जिलों में झमाझम, शिवना नदी उफान पर
सोमवार को भोपाल, ग्वालियर, नर्मदापुरम, इंदौर, पचमढ़ी, रतलाम, शाजापुर, श्योपुर, उज्जैन, छिंदवाड़ा, सागर, सतना और धार सहित 15 से अधिक जिलों में हल्की से मध्यम बारिश हुई। राजधानी भोपाल में दोपहर के समय करीब आधे घंटे तक तेज पानी बरसा। रतलाम में सुबह साढ़े सात बजे से करीब एक घंटे तक जोरदार बारिश हुई, जिससे फ्रीगंज चौराहे और दो बत्ती इलाके में जलजमाव हो गया। मंदसौर में शिवना नदी नाहरगढ़-बिल्लोद पुलिया के ऊपर से बहने लगी, वहीं भानपुरा के बड़ा महादेव मंदिर परिसर का झरना भी बह निकला।
जबलपुर में बांध के गेट खुले, नर्मदा किनारे अलर्ट
जबलपुर के बरगी बांध के पांच गेट आधा मीटर तक खोले गए हैं, जिससे नर्मदा नदी का जलस्तर बढ़ने की संभावना है। एहतियातन मंडला, नरसिंहपुर और नर्मदापुरम जिले के नदी किनारे बसे गांवों में अलर्ट जारी किया गया है।
हादसे भी सामने आए
ग्वालियर में सोमवार को तेज बारिश के दौरान रंगियाना मोहल्ला स्थित एक 60 साल पुराना मकान ढह गया। इस हादसे में तीन लोग मलबे में दब गए, जिनमें से एक की मौत हो गई। स्थानीय लोगों का कहना था कि मकान काफी जर्जर हो चुका था। नगर निगम द्वारा पहले ही नोटिस जारी किया गया था।
मौसम विभाग का पूर्वानुमान
मौसम वैज्ञानिक ने बताया कि मंगलवार से सिस्टम कमजोर होगा। अगले तीन दिनों में सिर्फ चुनिंदा जिलों में ही भारी बारिश की संभावना है, जबकि अधिकांश जिलों में हल्की बूंदाबांदी का दौर जारी रहेगा। भोपाल समेत अन्य इलाकों के लिए विभाग ने यलो अलर्ट जारी किया है।
इस सीजन में 96% बारिश पूरी
प्रदेश में इस मानसून सीजन अब तक औसतन 35.5 इंच बारिश दर्ज हो चुकी है। सामान्य तौर पर अब तक 28.6 इंच पानी गिरना चाहिए था, यानी औसत से करीब 6.9 इंच ज्यादा बारिश हो चुकी है। प्रदेश की वार्षिक सामान्य बारिश 37 इंच है। इस हिसाब से 96 प्रतिशत कोटा पूरा हो चुका है और केवल डेढ़ इंच पानी गिरते ही इस सीजन की पूरी बारिश का लक्ष्य भी पूरा हो जाएगा।
सबसे ज्यादा और सबसे कम बारिश वाले जिले
अब तक सबसे ज्यादा बारिश गुना में दर्ज की गई है, जहां 53.3 इंच पानी गिर चुका है। इसके अलावा मंडला (52.7 इंच), अशोकनगर (50.3 इंच), रायसेन (49.7 इंच) और श्योपुर (49.5 इंच) शीर्ष पर हैं। वहीं, इंदौर, धार, बड़वानी, बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन और शाजापुर जैसे जिलों में बारिश का आंकड़ा अभी 20 इंच तक भी नहीं पहुंच पाया है।