मध्यप्रदेश में मानसून का कहर: 48 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट, कई सड़कें तालाब में तब्दील!

You are currently viewing मध्यप्रदेश में मानसून का कहर: 48 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट, कई सड़कें तालाब में तब्दील!

जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

मध्यप्रदेश में मानसून ने आखिरकार दस्तक दे ही दी है, लेकिन इस बार यह अपने साथ कुछ ज्यादा ही तीखापन लेकर आया है। बुधवार सुबह से ही भोपाल, उज्जैन, नर्मदापुरम, रतलाम, नीमच और राजगढ़ जैसे शहरों में तेज बारिश ने ऐसा कहर बरपाया कि कई इलाकों की सड़कें तालाब में तब्दील हो गईं। लोग ऑफिस और बाजार निकलने से पहले ही परेशान हो गए। इस बीच मौसम विभाग ने भी साफ कर दिया है कि यह महज शुरुआत है। अगले 4 दिन तक पूरे प्रदेश में तेज बारिश का दौर जारी रहेगा और सिस्टम और ज्यादा स्ट्रॉन्ग होता जाएगा।

सीनियर मौसम वैज्ञानिक ने बताया कि इस समय मध्यप्रदेश पर तीन बड़े सिस्टम एक्टिव हैं। पहला, एक मानसून ट्रफ लाइन जो प्रदेश के ऊपर से गुजर रही है। दूसरा, एक और ट्रफ लाइन, और तीसरा — बंगाल की खाड़ी से उठा लो-प्रेशर एरिया जो प्रदेश में भारी नमी लेकर आ रहा है। यही वजह है कि पूरे मध्यप्रदेश में जोरदार बारिश का सिलसिला बना हुआ है। 5 जुलाई को यह सिस्टम अपने सबसे ज्यादा स्ट्रॉन्ग पॉइंट पर रहेगा और उस दिन पूरे 48 जिलों में अति भारी या भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है।

सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात यह है कि प्रदेश के 8 जिलों — नीमच, मंदसौर, रतलाम, सीधी, सिंगरौली, मंडला, डिंडौरी और बालाघाट — में अगले 24 घंटों में 8 इंच तक बारिश हो सकती है। यहां अति भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। वहीं भोपाल, उज्जैन, आगर-मालवा, शाजापुर, राजगढ़, देवास, सीहोर, विदिशा, रायसेन, शिवपुरी, निवाड़ी, पन्ना, सतना, रीवा, मऊगंज, मैहर, शहडोल और अनूपपुर समेत कुल 18 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर जैसे बड़े शहरों में भी यलो अलर्ट जारी है। यानी लोगों को अलर्ट रहने की जरूरत है क्योंकि कभी भी तेज बारिश की बौछारें सबको चौंका सकती हैं।

दरअसल इस बार मानसून मध्यप्रदेश में एक दिन देरी से पहुंचा। जबकि देश के कई हिस्सों में यह समय से पहले ही पहुंच गया था। महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में तो मानसून ने जून के पहले हफ्ते में ही एंट्री कर ली थी, लेकिन मध्यप्रदेश में यह 13-14 जून के आसपास ही दाखिल हो पाया। फिर भी मानसून ने तेज रफ्तार पकड़ते हुए महज 5 दिन में पूरे प्रदेश के 53 जिलों को अपने घेरे में ले लिया। इस दौरान भिंड और मऊगंज में सबसे आखिर में मानसून ने दस्तक दी। दिलचस्प बात यह है कि पिछले साल मानसून एमपी में 21 जून को आया था। इस लिहाज से इस साल यह सामान्य तारीख (15 जून) के आसपास ही प्रदेश में पूरी तरह छा गया।

सरकारी एजेंसियों और जिला प्रशासन को भी अलर्ट कर दिया गया है ताकि कहीं भी जलभराव या बाढ़ की स्थिति बने तो तुरंत राहत कार्य किए जा सकें। लोगों से अपील की गई है कि वे नदी-नालों के पास न जाएं, बारिश के दौरान घरों से कम ही निकलें और प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करें।

Leave a Reply