जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
मध्यप्रदेश में मानसून एक बार फिर पूरी रफ्तार पकड़ चुका है। मौसम विभाग ने शुक्रवार को इंदौर, उज्जैन, जबलपुर सहित 23 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है, जबकि देवास, खंडवा और बुरहानपुर जिलों के लिए अति भारी वर्षा की चेतावनी दी गई है। इन तीन जिलों में अगले 24 घंटों में करीब 8 इंच तक पानी गिरने की संभावना जताई गई है। इसके अलावा इंदौर, उज्जैन, खरगोन, धार, बड़वानी, अलीराजपुर, झाबुआ, रतलाम, नीमच, मंदसौर, सीहोर, हरदा, रायसेन, नर्मदापुरम, बैतूल, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, जबलपुर, बालाघाट, मंडला और डिंडौरी में 4 इंच से अधिक वर्षा हो सकती है। भोपाल और ग्वालियर समेत शेष जिलों में हल्की बारिश का सिलसिला जारी रहेगा।
राज्य में शुक्रवार की सुबह बड़वानी के सेंधवा में झमाझम बारिश हुई, वहीं शाजापुर के अकोदिया में कोहरा छाया रहा। गुरुवार को भी पचमढ़ी में 1.75 इंच, गुना में 1.5 इंच और इंदौर में आधा इंच बारिश दर्ज की गई। बैतूल, दतिया, नर्मदापुरम, राजगढ़, उज्जैन, जबलपुर, टीकमगढ़ और शाजापुर सहित कई जिलों में पिछले 24 घंटों से वर्षा का दौर जारी है।
सीनियर मौसम वैज्ञानिक के अनुसार, इस समय मध्यप्रदेश से एक ट्रफ लाइन गुजर रही है। साथ ही एक सक्रिय मानसून ट्रफ, तीन साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम और लो-प्रेशर एरिया की वजह से वर्षा की तीव्रता बढ़ी है। इन मौसमीय परिस्थितियों के कारण राज्य में बारिश का दौर अगले कुछ दिनों तक जारी रहने के आसार हैं।
आंकड़ों के अनुसार, इस सीजन में अब तक मध्यप्रदेश में 30.3 इंच बारिश हो चुकी है, जो औसत 37 इंच के मुकाबले 82% है। यानी अब बारिश के कोटे को पूरा करने के लिए मात्र 6.7 इंच पानी और चाहिए। दिलचस्प बात यह है कि पिछले साल के मुकाबले इस बार औसतन 6.4 इंच ज्यादा बारिश हुई है।
मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि अगस्त के दूसरे पखवाड़े से तेज बारिश का नया दौर शुरू होगा, जो महीने के अंत तक चलेगा। इस दौरान कई जिलों में अगस्त में ही सालाना बारिश का कोटा पूरा हो जाएगा। वर्तमान में ग्वालियर समेत 10 जिलों में यह लक्ष्य पहले ही हासिल हो चुका है, हालांकि इंदौर और उज्जैन संभाग में स्थिति अभी भी औसत से कमतर है।
बारिश के वितरण पर नजर डालें तो राज्य के पूर्वी हिस्से—जबलपुर, सागर, शहडोल और रीवा संभाग—में औसत से 34% अधिक बारिश हुई है, जबकि पश्चिमी हिस्से—भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, चंबल और नर्मदापुरम संभाग—में यह आंकड़ा 21% अधिक है। समग्र रूप से अब तक मध्यप्रदेश में 27% ज्यादा वर्षा दर्ज की गई है।