3 जून को पचमढ़ी में आयोजित होगी मोहन सरकार की कैबिनेट बैठक: प्रशासन ने पूरी कीं तैयारियाँ, 33.88 करोड़ के विकास कार्यों का लोकार्पण एवं भूमिपूजन भी करेंगे CM यादव!

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

मध्यप्रदेश सरकार एक बार फिर इतिहास, परंपरा और विकास को जोड़ने की दिशा में कदम उठाते हुए अपनी अगली कैबिनेट बैठक भोपाल से बाहर आयोजित करने जा रही है। इस बार यह महत्वपूर्ण बैठक सतपुड़ा की रानी कहे जाने वाले प्रदेश के एकमात्र हिल स्टेशन पचमढ़ी में 3 जून को आयोजित की जाएगी। यह बैठक केवल प्रशासनिक कार्यवाही नहीं होगी, बल्कि यह वीरता और बलिदान के प्रतीक गोंड़ राजा भभूत सिंह की स्मृति को समर्पित होगी, जिन्होंने प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के दौरान अंग्रेजों के विरुद्ध निर्णायक संघर्ष किया था।

बैठक की तैयारियों में स्थानीय प्रशासन ने पूरी ताकत झोंक दी है। मौसम को ध्यान में रखते हुए, पहले जहां पाइन फॉरेस्ट और ग्रैंड व्यू होटल का लॉन इस बैठक के लिए चिन्हित किए गए थे, वहीं अब अंतिम निर्णय में इसे पचमढ़ी स्थित राजभवन में आयोजित करने का फैसला लिया गया है। मौसम में हो रहे लगातार बदलाव के चलते यह निर्णय लिया गया, जिससे कैबिनेट की कार्यवाही सुचारु रूप से संपन्न की जा सके।

इस विशेष बैठक में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव अपनी कैबिनेट के साथ मिलकर 33.88 करोड़ रुपये के पर्यटन और अन्य विकास कार्यों का लोकार्पण एवं भूमिपूजन भी करेंगे। इसके तहत पचमढ़ी और नर्मदांचल क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण परियोजनाएं शुरू होंगी, जिनका उद्देश्य क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देना, सांस्कृतिक धरोहरों का संरक्षण करना और स्थानीय रोजगार के अवसरों को सशक्त बनाना है।

बैठक में विशेष रूप से राजा भभूत सिंह की स्मृति में पचमढ़ी में उनकी प्रतिमा की स्थापना और नर्मदांचल क्षेत्र के किसी संस्थान या परियोजना को उनके नाम पर समर्पित करने का प्रस्ताव भी शामिल है। माना जा रहा है कि इस निर्णय से न केवल क्षेत्रीय अस्मिता को बल मिलेगा, बल्कि प्रदेश की नई पीढ़ी को अपने गौरवशाली इतिहास से जोड़ने में भी सहायता मिलेगी।

राजा भभूत सिंह को नर्मदांचल का शिवाजी कहा जाता है। उन्होंने अंग्रेजों के विरुद्ध गोरिल्ला युद्ध तकनीक अपनाकर उन्हें कड़ी टक्कर दी थी। पचमढ़ी और आसपास का पहाड़ी क्षेत्र उनके सैन्य अभियानों और सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र रहा है। पचमढ़ी की ऊँचाई पर स्थित धूपगढ़, जो समुद्र तल से लगभग 1350 मीटर ऊपर है, न केवल प्राकृतिक दृष्टि से आकर्षण का केंद्र है, बल्कि गोंड़ साम्राज्य की रणनीतिक समझ का प्रतीक भी है। इससे पहले भी पचमढ़ी में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल में कैबिनेट बैठकों और बीजेपी चिंतन शिविरों का आयोजन होता रहा है।

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