मध्यप्रदेश में मानसून का मिश्रित असर: आधे से ज्यादा जिलों में बारिश का कोटा पूरा, इंदौर-उज्जैन में सूखे जैसे हालात; 11 इंच पर अटकी इंदौर की बरसात!

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

मध्यप्रदेश में मानसून को आए करीब ढाई महीने हो चुके हैं और अब तक औसतन 29.3 इंच बारिश दर्ज की गई है, जो सीजन के तय औसत का लगभग 79% है। राज्य के 10 जिलों—ग्वालियर, राजगढ़, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, मुरैना और श्योपुर—ने अपना वार्षिक बारिश का कोटा पूरा कर लिया है। इनमें से कुछ इलाकों में बारिश औसत से 150% तक ज्यादा हुई है।
हालांकि, अगस्त का पहला पखवाड़ा अधिकांश जिलों के लिए अपेक्षाकृत सूखा रहा, और अब मौसम विभाग को उम्मीद है कि अगस्त के दूसरे हिस्से में फिर से तेज बारिश का दौर शुरू होगा।

कहाँ हुई सबसे ज्यादा और सबसे कम बारिश

इस सीजन में गुना जिले ने बारिश के मामले में बाजी मारी है, जहां अब तक 46 इंच से अधिक पानी गिर चुका है। इसके अलावा मंडला (44.1 इंच), टीकमगढ़ (44.2 इंच), निवाड़ी (45.2 इंच) और अशोकनगर (42.1 इंच) भी टॉप रेनफॉल जिलों में शामिल हैं।
दूसरी ओर, इंदौर (11 इंच), बुरहानपुर (11.2 इंच), बड़वानी (11.5 इंच), खरगोन (11.9 इंच) और खंडवा (12.8 इंच) में अब तक औसत से काफी कम बारिश हुई है, जिससे यहां सूखे जैसी स्थिति बन रही है।

संभागवार तस्वीर

  • ग्वालियर और जबलपुर संभाग: बारिश के मामले में सबसे बेहतर स्थिति, यहां के अधिकांश जिलों ने बारिश का कोटा पूरा किया। ग्वालियर-चंबल क्षेत्र के 8 में से 6 जिलों में औसत से अधिक बारिश हुई।

  • इंदौर और उज्जैन संभाग: सबसे कमजोर प्रदर्शन, 15 में से 9 जिलों में कोटे की आधी बारिश भी नहीं हुई।

  • भोपाल संभाग: राजधानी भोपाल में अब तक 28 इंच बारिश हो चुकी है, जो कोटे का 70% है। रायसेन जिले में 41 इंच से अधिक पानी गिर चुका है।

  • सागर और रीवा संभाग: कई जिलों में 30 इंच से ज्यादा बारिश दर्ज, जिससे जल संसाधनों में पर्याप्त भराव हुआ है।

डैम और जलाशयों में पानी की स्थिति

राज्य के बड़े जलाशयों में इस सीजन की बारिश से अच्छी भराव क्षमता देखने को मिली है। भोपाल का बड़ा तालाब अब सिर्फ ढाई फीट खाली है। केरवा और कलियासोत डैम में भी पानी का स्तर बढ़ा है।
बरगी, इंदिरासागर, तवा, अटल सागर, सुजारा, जौहिला, बारना जैसे प्रमुख डैमों के गेट पानी छोड़ने के लिए खोले जा चुके हैं। 54 बड़े डैमों में पर्याप्त मात्रा में पानी भर चुका है, जिससे आने वाले महीनों में पेयजल और सिंचाई की स्थिति बेहतर रहने की उम्मीद है।

मौसम विभाग का अनुमान

सीनियर मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन के अनुसार, 13 अगस्त से नया मानसूनी सिस्टम सक्रिय होने की संभावना है, जिसकी वजह से मध्यप्रदेश के अधिकांश हिस्सों में फिर से तेज बारिश हो सकती है।
अगले पखवाड़े में खासतौर पर इंदौर, उज्जैन, बुरहानपुर, खरगोन और बड़वानी जैसे जिलों में राहत भरी बारिश के आसार हैं, जो अब तक पिछड़ चुके हैं।

  • 40 इंच से ज्यादा बारिश: गुना, रायसेन, मंडला, शिवपुरी, अशोकनगर, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, श्योपुर

  • 30–40 इंच बारिश: नर्मदापुरम, सिंगरौली, सीधी, रीवा, पन्ना, सागर, ग्वालियर, डिंडौरी, बालाघाट, नरसिंहपुर, राजगढ़, विदिशा

  • 20–30 इंच बारिश: भोपाल, सीहोर, अलीराजपुर, झाबुआ, कटनी, छिंदवाड़ा, सिवनी, दतिया, दमोह, रतलाम, नीमच, भिंड, मुरैना, हरदा, बैतूल, शहडोल, अनूपपुर

  • 10–19 इंच बारिश: इंदौर, धार, बड़वानी, बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन, उज्जैन, देवास, शाजापुर, मंदसौर, आगर-मालवा

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