जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
हैदराबाद के हाइटेक्स एग्जीबिशन सेंटर में ग्लैमर, ग्रेस और ग्लोरी से सजी दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित सौंदर्य प्रतियोगिता ‘मिस वर्ल्ड 2025’ का शानदार आयोजन हुआ। इस साल का खिताब थाईलैंड की 21 वर्षीय ओपल सुचाता चुआंगश्री ने अपने नाम किया। उन्होंने 108 देशों की प्रतिभागियों को पछाड़कर यह मुकुट हासिल किया। बीते साल की विनर क्रिस्टीना पिस्जकोवा ने उन्हें क्राउन पहनाया। वहीं, एथियोपिया की हासेट डेरेज फर्स्ट रनर-अप रहीं, जबकि पोलैंड की माजा क्लाज्दा सेकंड रनर-अप और मार्टिनिक की ओरेली जोआचिम थर्ड रनर-अप के रूप में चुनी गईं।
ओपल सुचाता के विजयी क्षण बेहद भावुक रहे। मंच पर मिस वर्ल्ड का ताज पहनने के बाद उन्होंने कहा, “ये सिर्फ मेरी जीत नहीं है, बल्कि उन लाखों लड़कियों की जीत है, जो दुनिया में बदलाव लाना चाहती हैं। मिस वर्ल्ड के इस मंच से मैं आवाज़ बनना चाहती हूं—उनके सपनों की, उनके संघर्षों की।”
वहीं, भारत की नंदिनी गुप्ता ने भी प्रतियोगिता में शानदार प्रदर्शन करते हुए टॉप-20 तक का सफर तय किया। कोटा (राजस्थान) की रहने वालीं नंदिनी ने “टॉप मॉडल” का टाइटल भी अपने नाम किया। हालांकि, वह टॉप-8 में जगह नहीं बना सकीं, लेकिन उनके कॉन्फिडेंस और स्टाइल ने दुनियाभर के दर्शकों का दिल जीत लिया।
इस इवेंट में भारतीय सितारों की भी जबरदस्त मौजूदगी रही। फिनाले में बॉलीवुड एक्टर सोनू सूद को ‘मिस वर्ल्ड ह्यूमैनिटेरियन अवॉर्ड’ से नवाज़ा गया। ये अवॉर्ड उन्हें कोविड महामारी के दौरान उनके अभूतपूर्व सामाजिक कार्यों और ज़रूरतमंदों की मदद के लिए दिया गया। दिलचस्प बात ये रही कि सोनू सूद इस साल मिस वर्ल्ड के ज्यूरी पैनल में भी शामिल थे और उन्होंने ही ओपल सुचाता से फाइनल सवाल पूछा था।
फिनाले को और भी यादगार बना दिया जैकलीन फर्नांडिस और ईशान खट्टर की धमाकेदार परफॉर्मेंस ने। दर्शकों में मौजूद चिरंजीवी, मानुषी छिल्लर और विजय देवरकोंडा जैसे सितारों ने भी शो में चार चांद लगा दिए।
अगर इतिहास की बात करें, तो मिस वर्ल्ड का सफर भी काफी दिलचस्प रहा है। इसकी शुरुआत 1951 में इंग्लैंड के टीवी होस्ट एरिक मोर्ले ने एक बिकिनी कॉन्टेस्ट के रूप में की थी, जिसे “फेस्टिवल ऑफ ब्रिटेन” के तहत आयोजित किया गया था। तब इसका मकसद सिर्फ बिकिनी को प्रमोट करना और पब्लिक अट्रैक्शन बढ़ाना था। लेकिन जब विदेशी मीडिया ने इसे “मिस वर्ल्ड” कहकर प्रचारित किया, तो अचानक ये चर्चा में आ गया। इस कॉन्टेस्ट की पहली विनर कीकी हकानसन थीं, जिन्होंने क्राउनिंग के दौरान भी बिकिनी पहनी थी। इस कॉन्टेस्ट को टेलीविजन पर दिखाए जाने के बाद चर्च के धार्मिक नेताओं और कई देशों ने इसकी कड़ी आलोचना की। लेकिन पॉपुलैरिटी इतनी तेज़ थी कि बाद में इसे आधिकारिक रूप से “मिस वर्ल्ड” के नाम से रजिस्टर कर वार्षिक आयोजन बना दिया गया।