13,850 करोड़ के घोटाले का मास्टरमाइंड गिरफ्तार: बेल्जियम में पकड़ा गया मेहुल चोकसी, भारत ने शुरू की प्रत्यर्पण प्रक्रिया; फर्जी दस्तावेज़ों से बेल्जियम में छिपा था मेहुल चोकसी

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

हीरा कारोबारी और पंजाब नेशनल बैंक घोटाले का मुख्य आरोपी मेहुल चोकसी एक बार फिर सुर्खियों में है। सालों से फरार चल रहा यह भगोड़ा आखिरकार बेल्जियम में गिरफ्तार कर लिया गया है। सूत्रों के मुताबिक, चोकसी को 12 अप्रैल को भारतीय जांच एजेंसियों की अपील पर गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तारी के समय पुलिस ने मुंबई की अदालत द्वारा जारी दो पुराने वारंट का हवाला दिया — एक 2018 का और दूसरा 2021 का।

चोकसी ने बेल्जियम की अदालत में अपनी गिरफ़्तारी के तुरंत बाद ज़मानत की अर्जी दी, जिसमें उसने खराब सेहत और इलाज की जरूरत का हवाला दिया। उसने दावा किया कि वह अपनी पत्नी के साथ एंट्वर्प में रह रहा था और इलाज के मकसद से बेल्जियम आया था। दिलचस्प बात यह है कि उसकी पत्नी प्रीति चोकसी को बेल्जियम की नागरिकता प्राप्त है, और उसी के सहारे मेहुल ने पिछले साल नवंबर में ‘एफ रेजिडेंसी कार्ड’ हासिल किया। अब आरोप है कि उसने यह कार्ड फर्जी दस्तावेज़ों और झूठी जानकारी देकर लिया — जिसमें उसने न सिर्फ अपनी भारतीय नागरिकता छिपाई, बल्कि एंटीगुआ की नागरिकता भी।

भारत सरकार ने बेल्जियम से उसके प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू कर दी है, लेकिन कानूनी लड़ाई लंबी और जटिल हो सकती है। चोकसी के वकील विजय अग्रवाल का दावा है कि उनका मुवक्किल न सिर्फ जमानत मांगेगा, बल्कि प्रत्यर्पण रोकने के लिए यह भी कहेगा कि वह कैंसर से पीड़ित है और भारतीय जेलों की हालत मानवाधिकारों के खिलाफ है।

चोकसी इससे पहले भी एक बार मई 2021 में एंटीगुआ से भागकर डोमिनिका पहुंचा था, जहां उसे 51 दिन जेल में रहना पड़ा था। हालांकि, तब भी वह कानूनी चालों से बच निकला और आखिरकार एंटीगुआ लौटने में कामयाब रहा। अब फिर से यही दोहराव दिख रहा है ।

गौरतलब है कि मेहुल चोकसी ने 2018 में भारत छोड़ने से पहले ही 2017 में एंटीगुआ-बारबूडा की नागरिकता ले ली थी। उसके भतीजे नीरव मोदी को भी इसी घोटाले में आरोपी बनाया गया है, जो फिलहाल लंदन में प्रत्यर्पण कार्यवाही का सामना कर रहा है।

PNB घोटाले के व्हिसलब्लोअर हरिप्रसाद एसवी ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि चोकसी का भारत वापस आना आसान नहीं होगा, क्योंकि वह यूरोप के सबसे महंगे वकीलों की टीम लेकर आएगा, जैसे विजय माल्या ने किया। हालांकि उन्होंने उम्मीद जताई कि इस बार सरकार सफलता हासिल करेगी।

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