कई मुश्किलें आने लगती हैं 35 के बाद प्रेग्नेंसी में, लेट कंसीव करने की चुनौतियां और प्लानिंग?

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कई मुश्किलें आने लगती हैं 35 के बाद प्रेग्नेंसी में, लेट कंसीव करने की चुनौतियां और प्लानिंग?

जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

आज के दौर में बदलती जीवनशैली और महत्वाकांक्षाओं के चलते, शादीशुदा जोड़े अक्सर प्रेग्नेंसी की प्लानिंग में देरी कर देते हैं। करियर बनाने और आर्थिक स्थिरता प्राप्त करने की होड़ में, कई बार वे जैविक घड़ी के महत्व को नजरअंदाज कर देते हैं, जिससे बाद में गर्भधारण में मुश्किलें आने लगती हैं। यह समस्या इतनी आम हो गई है कि निःसंतान के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, और ऐसे में कपल्स को अक्सर यह समझ नहीं आता कि कहाँ से शुरुआत करें।

आशा आयुर्वेदा की डायरेक्टर और स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. चंचल शर्मा के अनुसार, उनके पास निःसंतानता के इलाज के लिए आने वाले लगभग 40 प्रतिशत मरीजों की उम्र 35 साल से अधिक होती है। इन महिलाओं से पूछने पर अक्सर यह सामने आता है कि उनकी शादी देरी से हुई थी या उन्होंने करियर को प्राथमिकता दी, और जब तक उन्होंने प्रेग्नेंसी की प्लानिंग शुरू की, तब तक गर्भधारण में दिक्कतें आने लगी थीं। दरअसल, 35 साल की उम्र के बाद ओवेरियन रिजर्व तेजी से घटने लगता है। यही कारण है कि उम्र बढ़ने के साथ महिलाओं की प्रजनन क्षमता में स्वाभाविक रूप से कमी आती है।

यदि आपकी उम्र 35 साल से कम है, तो आपको एक साल तक गर्भधारण का प्रयास करने के बाद ही डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। वहीं, यदि आपकी उम्र 35 साल से ज्यादा है, तो 6 महीने तक गर्भधारण का प्रयास करने के बाद ही बिना देरी किए विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए।

जैसे-जैसे महिला की उम्र बढ़ती है, उनकी प्रजनन क्षमता में स्वाभाविक गिरावट आती है। 30 साल की उम्र के बाद प्रजनन क्षमता घटने लगती है, लेकिन 35 साल के बाद इसमें और भी तेजी से गिरावट आती है। इसलिए, यदि आप बढ़ती उम्र में प्रेग्नेंसी की योजना बना रही हैं, तो इन बातों पर विशेष ध्यान देना आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण है। उम्र बढ़ने के साथ प्रेग्नेंसी प्लानिंग के लिए किसी प्रजनन विशेषज्ञ या स्त्री रोग विशेषज्ञ की सलाह लेना अत्यंत आवश्यक है। वे आपकी शारीरिक स्थिति का आकलन करेंगे और आपको सही मार्गदर्शन प्रदान करेंगे।

अपने भोजन में फॉलिक एसिड, आयरन, कैल्शियम और विटामिन डी जैसे पोषक तत्वों को भरपूर मात्रा में शामिल करें। ये पोषक तत्व आपकी फर्टिलिटी को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। हरी पत्तेदार सब्जियां, फल, साबुत अनाज और प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों को अपने आहार का हिस्सा बनाएं।

नियमित योग, व्यायाम और ध्यान करने से तनाव कम होता है, शरीर शारीरिक रूप से सक्रिय रहता है, और इससे फर्टिलिटी बेहतर होती है। तनाव प्रजनन क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है, इसलिए इसे प्रबंधित करना महत्वपूर्ण है।

बढ़ती उम्र में प्रेग्नेंसी प्लान करने से पहले और उसके दौरान अपने स्वास्थ्य की उचित जांच करवाते रहना बेहद ज़रूरी है। इससे आपको उन बीमारियों या स्थितियों के बारे में पता चल जाएगा जो प्रेग्नेंसी को प्रभावित कर सकती हैं। उम्र बढ़ने के साथ पीरियड्स अनियमित होना, ब्लड प्रेशर बढ़ना, या डायबिटीज जैसी समस्याएं होने की संभावना बढ़ जाती है, इसलिए रेगुलर चेकअप बहुत आवश्यक है।

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