मन कस्तूरी रे के एक्टर तुषार घाडीगांवकर ने की आत्महत्या, काम की कमी से जूझ रहे थे; परिवार ने साजिश की जताई आशंका

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

मराठी फिल्म और टेलीविजन इंडस्ट्री से एक चौंकाने वाली और दुखद खबर सामने आई है। टीवी शो ‘मन कस्तूरी रे’ में तेजस्वी प्रकाश के साथ नज़र आ चुके अभिनेता तुषार घाडीगांवकर ने 20 जून की रात को आत्महत्या कर ली। उनका शव मुंबई के गोरेगांव स्थित SRA हाउसिंग सोसाइटी में उनके फ्लैट में सीलिंग फैन से लटका हुआ मिला। 21 जून को उनका अंतिम संस्कार भांडुप श्मशान घाट में किया गया। इस घटना ने न सिर्फ मनोरंजन जगत को झकझोर दिया है, बल्कि उनके प्रशंसकों और करीबी दोस्तों को गहरा आघात पहुंचाया है।

पुलिस सूत्रों के अनुसार, घटना के समय तुषार घर में अकेले थे। परिवार के लोगों ने जब उन्हें बार-बार फोन किया और कोई उत्तर नहीं मिला, तो उन्होंने पड़ोसियों से मदद मांगी। काफी देर तक दरवाजा खटखटाने के बाद जब कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली, तो दरवाजा तोड़ा गया और तुषार का शव पंखे से लटका मिला। घर में कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है, जिससे मामले में और भी सवाल खड़े हो गए हैं।

हालांकि, इस मामले में सिर्फ आत्महत्या का ही एंगल सामने नहीं आया है। तुषार की पत्नी और पिता ने साजिश की आशंका जताई है और दूसरे एंगल से जांच की मांग की है। फिलहाल पुलिस ने एक्सीडेंटल डेथ रिपोर्ट दर्ज कर ली है और मामले की जांच की जा रही है।

तुषार के एक करीबी दोस्त अंकुर विठ्ठलराव ने सोशल मीडिया पर एक भावुक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा कि, “क्यों मेरे दोस्त? काम आता है और जाता है। हमें कोई रास्ता निकालना चाहिए। माना कि मौजूदा स्थिति कठिन है, लेकिन यह हल नहीं हो सकता। तुषार, तुम हार गए और तुम्हारे साथ हम सब हार गए।” यह पोस्ट इंडस्ट्री में काम की अनिश्चितता और कलाकारों के मानसिक तनाव की गंभीरता को उजागर करता है।

तुषार घाडीगांवकर मराठी टेलीविजन और सिनेमा के एक सक्रिय और प्रतिभाशाली कलाकार रहे हैं। उन्होंने डी.जी. रूपारेल कॉलेज से थिएटर की पढ़ाई की थी और करियर की शुरुआत छोटे-मोटे रोल्स से की थी। समय के साथ वे ‘लवंगी मिर्ची’, ‘मन कस्तूरी रे’, ‘सुखच्या सारिटी हे मन बावरे’, और ‘सखा माझा पांडुरंग’ जैसे लोकप्रिय मराठी शोज का हिस्सा बने। इसके अलावा वे मराठी फिल्मों ‘भौबली’, ‘उनाद’, और ‘जोम्बिवली’ में भी अभिनय कर चुके हैं।

उनकी मौत मनोरंजन जगत के लिए एक गहरी क्षति है और यह फिर से इस सवाल को उठाती है कि कैसे इंडस्ट्री में काम की अनिश्चितता और मानसिक तनाव कई कलाकारों को आत्मघाती कदम उठाने पर मजबूर कर देता है। यह घटना इस ओर भी इशारा करती है कि इंडस्ट्री के भीतर मानसिक स्वास्थ्य को लेकर अधिक संवेदनशीलता और सहयोग की ज़रूरत है।

अब देखना यह है कि पुलिस की जांच किस दिशा में आगे बढ़ती है और क्या तुषार की मौत का सच सामने आ पाता है या नहीं।

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