जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
जबलपुर में सेना से सेवानिवृत्त एक कर्मचारी द्वारा बेरोजगार युवाओं को सेना में भर्ती कराने का झांसा देकर लाखों रुपये ठगने का मामला सामने आया है। मिलिट्री इंटेलिजेंस ने गुरुवार-शुक्रवार की दरमियानी रात इस गिरोह के मास्टरमाइंड राजेश कुमार राजभर को मढ़ई स्थित उसके घर से दबोचा और रांझी पुलिस के हवाले कर दिया। शुरुआती जांच में सामने आया है कि आरोपी अब तक एक दर्जन से अधिक लोगों से करीब 45 लाख रुपये की ठगी कर चुका है।
शिकायत पर शुरू हुई कार्रवाई
मामले की शुरुआत तब हुई जब सेना भर्ती कार्यालय में लगातार कुछ युवक-युवतियां फर्जी दस्तावेजों के साथ नौकरी के लिए पहुंचने लगे। अधिकारियों ने जब दस्तावेजों की जांच की, तो उनमें गंभीर अनियमितताएं पाई गईं। पूछताछ में युवाओं ने बताया कि उन्हें ये नियुक्ति पत्र राजेश कुमार राजभर ने दिए थे, जिसने खुद को सेना के उच्च अधिकारियों से जुड़ा हुआ बताया था।
रिटायरमेंट के बाद शुरू किया गोरखधंधा
राजेश कुमार वर्ष 2016 में मिलिट्री अस्पताल से सेवानिवृत्त हुआ था। अस्पताल में पदस्थ रहने के दौरान उसकी कई अधिकारियों और कर्मचारियों से पहचान बन गई थी। इसी पहचान का फायदा उठाकर उसने बेरोजगार युवाओं को भरोसे में लिया और कहा कि उनके सिर्फ शारीरिक व चिकित्सकीय परीक्षण होंगे, जिन्हें वह “जुगाड़” से पास करवा देगा और फिर वरिष्ठ अधिकारियों से कहकर नियुक्ति पक्की करवा देगा।
फर्जी नियुक्ति पत्र और दस्तावेज बरामद
मिलिट्री इंटेलिजेंस ने आरोपी के घर की तलाशी ली, जिसमें कई फर्जी जॉइनिंग लेटर, नियुक्ति पत्र और दस्तावेज मिले। इन पर सेना के विभिन्न विभागों की सील लगी हुई थी। बरामद दस्तावेजों में हेड क्वार्टर एरिया जबलपुर चिकित्सा शाखा, कमांडेंट मिलिट्री हॉस्पिटल जबलपुर, 506 आर्मी बेस वर्कशॉप, जैक आरआरसी जबलपुर जैसे विभागों के नाम दर्ज हैं।
पीड़ितों की लंबी सूची
पुलिस जांच में पता चला है कि राजेश ने कई लोगों से अलग-अलग रकम ली, जिनमें से कुछ प्रमुख मामले इस प्रकार हैं:
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अरविंद कोल – ₹4,80,000
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भगवान दास राय – ₹1,70,000
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प्रीति घोष – ₹4,65,000
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अशोक कुशवाहा – ₹10,00,000
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संजय सेंगर – ₹4,00,000
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नीलम सिंह राजपूत – ₹3,50,000
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संतोष गुप्ता – ₹3,75,000
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पूजा गुप्ता – ₹6,35,000
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संतोष कुमार – ₹2,84,000
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आशीष कोल – ₹2,30,000
पुलिस की जांच जारी
फिलहाल रांझी पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया है। उसके बैंक खातों और कॉल डिटेल्स की जांच की जा रही है, ताकि पूरे नेटवर्क का पता लगाया जा सके। पुलिस को शक है कि इस मामले में और भी लोग शामिल हो सकते हैं।