दुल्हन की तरह सजा महेश्वर: 22 साल बाद हो रही मंत्रिपरिषद की डेस्टिनेशन बैठक, महेश्वर किले जैसा सभागार और मां अहिल्यादेवी के दरबार के रूप में सजाया गया बैठक स्थल

You are currently viewing दुल्हन की तरह सजा महेश्वर: 22 साल बाद हो रही मंत्रिपरिषद की डेस्टिनेशन बैठक, महेश्वर किले जैसा सभागार और मां अहिल्यादेवी के दरबार के रूप में सजाया गया बैठक स्थल

जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

मध्य प्रदेश के खरगोन जिले का महेश्वर 24 जनवरी को एक ऐतिहासिक अवसर का साक्षी बनने जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद की डेस्टिनेशन कैबिनेट बैठक आयोजित हो रही है, जो पूरी तरह से लोकमाता अहिल्यादेवी होलकर की 300वीं जयंती को समर्पित है। यह बैठक न केवल उनके महान कार्यों को श्रद्धांजलि देने का जरिया बनेगी, बल्कि प्रदेश में जनकल्याण से जुड़ी योजनाओं को भी नया आयाम देगी।

महेश्वर, जो एक ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल के रूप में जाना जाता है, 22 साल बाद कैबिनेट बैठक का गवाह बनेगा। यह जगह, जहां पहले 2003 में तत्कालीन मुख्यमंत्री उमा भारती के कार्यकाल में कैबिनेट बैठक हुई थी, अब फिर से महत्वपूर्ण निर्णयों का साक्षी बनेगी। आपको जानकर खुशी होगी कि इस बार यहां की तैयारियां पहले से कहीं ज्यादा भव्य हैं।

प्रदेश सरकार ने इस ऐतिहासिक मौके को संजोते हुए महेश्वर को दुल्हन की तरह सजाया है। सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं, और पूरा शहर छावनी में तब्दील हो चुका है। महेश्वर से मंडलेश्वर तक हर जगह निगरानी रखी जा रही है, और विशेष रूप से नर्मदा रिट्रीट भवन के आसपास पुलिस के जवान तैनात किए गए हैं। सुरक्षा के कड़े इंतजामों के बीच, 800 से अधिक पुलिसकर्मी और प्रशासनिक अधिकारी अपनी भूमिका निभा रहे हैं।

कैबिनेट बैठक की तैयारी पूरी तरह से भव्य है। बैठक स्थल को मां अहिल्यादेवी के दरबार के रूप में सजाया गया है, और सभागार महेश्वर किले की आकृति में बनाया गया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के लिए आवास तैयार किया गया है, जबकि 30 मंत्रियों के लिए अलग-अलग कमरे बनाए गए हैं। खास बात यह है कि इस बार की बैठक में 6 एलईडी स्क्रीन और एक बड़ी स्क्रीन का इंतजाम किया गया है, ताकि विकास योजनाओं पर प्रभावी चर्चा हो सके।

बैठक के बाद मंत्रियों के लिए लंच और डिनर की व्यवस्था भी खास तरीके से की गई है। खरगोन वैभव हॉल में मंत्रीगण अपनी बैठक के दौरान लंच और डिनर का आनंद लेंगे। और यही नहीं, प्रेस वार्ता के लिए भी एक विशेष हॉल तैयार किया गया है। वहीं, मुख्यमंत्री अपनी कैबिनेट के साथ मक्का की रोटी और अमाड़ी की भाजी का स्वाद चखेंगे। वैसे खरगोन का मुख्य व्यंजन दाल-बाटी है, यह निमाड़ का भी एक प्रमुख व्यंजन है, पूरण-पोली भी इस क्षेत्र के लोकप्रिय व्यंजन हैं।

Leave a Reply