जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
प्रयागराज के पावन संगम तट पर आज एक ऐतिहासिक क्षण देखने को मिला, जब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आस्था की तीन डुबकी लगाई। जैसे ही उन्होंने त्रिवेणी संगम में स्नान किया, पूरे क्षेत्र में आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार हुआ। सनातन संस्कृति की इस विराट धारा में राष्ट्रपति की उपस्थिति ने इस पवित्र आयोजन को और भी गौरवशाली बना दिया। इस दौरान उनके साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल भी मौजूद रहे, जिन्होंने इस शुभ अवसर पर संगम स्नान का पुण्य लाभ लिया।
राष्ट्रपति का हेलिकॉप्टर सुबह 9:30 बजे बमरौली एयरपोर्ट पर लैंड हुआ, जहां भव्य स्वागत के बाद वे अरैल घाट से नौका द्वारा संगम पहुंचीं। संगम स्नान के बाद राष्ट्रपति ने अक्षयवट और बड़े हनुमान मंदिर में दर्शन-पूजन कर देश और समाज की मंगलकामना की। इसके साथ ही, उन्होंने त्रिवेणी संगम पर पक्षियों को दाना खिलाकर जीवों के प्रति करुणा और सह-अस्तित्व का संदेश दिया।
यह क्षण ऐतिहासिक इसलिए भी है क्योंकि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू स्वतंत्र भारत की दूसरी राष्ट्रपति हैं, जिन्होंने महाकुंभ में आस्था की डुबकी लगाई। इससे पहले, 1954 में प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने भी संगम स्नान कर इस परंपरा को अपनाया था।
बता दें, महाकुंभ का आज 29वां दिन है। महाकुंभ के इस पावन अवसर पर अब तक 40 करोड़ से अधिक श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगा चुके हैं। आज सुबह 10 बजे तक 63 लाख लोग स्नान कर चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री और विपक्षी दलों के प्रमुख नेता भी इस पुण्य अवसर पर स्नान कर चुके हैं।