जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
जून और जुलाई में जमकर बरसने वाले मानसून ने अगस्त में रफ्तार धीमी कर दी है। मध्य प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में बीते कुछ दिनों से तेज बारिश का सिलसिला थमता दिख रहा है, और रिमझिम बूंदाबांदी ने धूप और उमस को रास्ता दे दिया है। खासतौर पर भोपाल, इंदौर, उज्जैन जैसे शहरों में बारिश की रफ्तार सुस्त पड़ गई है और अब तापमान भी धीरे-धीरे 35 डिग्री के पार पहुंचने लगा है।
रक्षाबंधन पर रहेगा साफ मौसम, नहीं बरसेगा बादल
मौसम विभाग की ताजा भविष्यवाणी के अनुसार, अगले चार दिनों तक किसी भी प्रभावी सिस्टम की सक्रियता नहीं दिख रही है, जिससे त्योहारों के मौसम में राहत की उम्मीद की जा रही है। रक्षाबंधन के दिन यानी 9 अगस्त को प्रदेश के अधिकतर जिलों में मौसम साफ रहेगा। भोपाल, इंदौर और उज्जैन जैसे प्रमुख शहरों में तेज धूप निकलने की संभावना है, जिससे दिन के तापमान में बढ़ोतरी होगी।
ग्वालियर-चंबल संभाग में फिर से भारी बारिश की चेतावनी
हालांकि प्रदेश के उत्तरी हिस्सों की बात करें तो वहां स्थिति कुछ अलग है। ग्वालियर, दतिया, भिंड और मुरैना जिलों के लिए मौसम विभाग ने 6 अगस्त को भारी बारिश और बिजली गिरने का अलर्ट जारी किया है। इन इलाकों में स्थानीय लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। ये संभावना मौसमी सिस्टम की हलचल और ट्रफ रेखा की स्थिति के कारण जताई जा रही है, जो इन जिलों को प्रभावित कर सकती है।
मौसम प्रणाली का बदला स्वरूप, इन कारणों से बन रही है अस्थिरता
वर्तमान में मध्य प्रदेश के ऊपर और आसपास कई मौसम प्रणालियां सक्रिय हैं। मानसून ट्रफ रेखा अमृतसर से होते हुए पूर्वोत्तर भारत तक फैली हुई है। इसके अलावा एक ऊपरी हवा का चक्रवात सौराष्ट्र और दूसरा दक्षिण राजस्थान के ऊपर स्थित है। साथ ही एक अन्य ट्रफ रेखा उत्तर प्रदेश से बिहार की ओर फैली हुई है। इन सभी मौसमी बदलावों की वजह से प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में बादल छा रहे हैं और कहीं-कहीं बारिश की गतिविधियां भी जारी हैं।
अब तक औसत से 47% ज्यादा बारिश, फिर भी कुछ जिले पीछे
अगर आंकड़ों पर नजर डालें तो 1 जून से 4 अगस्त तक प्रदेश में औसतन 28.6 इंच बारिश दर्ज की गई है, जो सामान्य से करीब 47% अधिक है। पूर्वी मध्य प्रदेश में 52% और पश्चिमी हिस्सों में 46% अधिक बारिश दर्ज की गई है। ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, मुरैना, अशोकनगर, छतरपुर, निवाड़ी जैसे जिलों ने सामान्य से कहीं अधिक वर्षा हासिल कर ली है। हालांकि, भोपाल, इंदौर, उज्जैन और जबलपुर जैसे बड़े शहर अब भी अपने सीजनल लक्ष्य से पीछे हैं।
मुख्यमंत्री का निर्देश – हर प्रभावित को मिले सहायता
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बारिश और बाढ़ से प्रभावित लोगों के लिए राहत कार्यों को तेज करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया है कि जिन भी परिवारों को नुकसान हुआ है, उनका सर्वे जल्द से जल्द पूरा किया जाए और डीबीटी के जरिए सहायता राशि सीधे उनके खातों में पहुंचाई जाए। साथ ही प्रशासन को अलर्ट मोड पर रहने और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने का आदेश भी दिया गया है।
INSAT-3R सैटेलाइट से मिले संकेत – देश के कई हिस्सों में भारी बारिश के संकेत
INSAT-3R सैटेलाइट से मिले डेटा के मुताबिक, देश के कई हिस्सों में गहरे और घने बादल बन रहे हैं। जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, ओडिशा, तेलंगाना, कर्नाटक, कोंकण और गोवा समेत कई राज्यों में भारी बारिश की संभावनाएं जताई गई हैं। मध्य प्रदेश के कुछ सीमावर्ती जिलों पर इसका असर देखने को मिल सकता है।
जनता के लिए अलर्ट – सुरक्षित रहें, सतर्क रहें
प्रदेश सरकार और मौसम विभाग ने आम लोगों से अपील की है कि वे बारिश या खराब मौसम के दौरान सतर्कता बरतें। बिजली की तारों, पुराने पेड़ों और कमजोर निर्माणों से दूर रहें और जब तक आवश्यक न हो, तब तक घरों से बाहर न निकलें। प्रशासन किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है, लेकिन नागरिकों का सहयोग भी उतना ही आवश्यक है।