जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
बलराम जयंती (14 अगस्त 2025) और श्रीकृष्ण जन्माष्टमी (16 अगस्त 2025) के पावन अवसर पर मध्यप्रदेश संस्कृति विभाग इस बार पूरे प्रदेश को भक्ति, अध्यात्म और संस्कृति के रंग में रंगने जा रहा है। 14 से 18 अगस्त तक राज्यभर में ‘श्रीकृष्ण पर्व : हलधर महोत्सव’ और ‘लीलाधारी का प्रकटोत्सव’ का अद्भुत संगम देखने को मिलेगा।
3000 मंदिरों में धार्मिक अनुष्ठान और 155 से अधिक सांस्कृतिक कार्यक्रम
संस्कृति विभाग के संचालक एन.पी. नामदेव के अनुसार, इस पर्व के अंतर्गत 3000 से अधिक श्रीकृष्ण मंदिरों में भव्य धार्मिक अनुष्ठान होंगे, वहीं 100 से अधिक प्रमुख स्थलों पर 155+ सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इन कार्यक्रमों में 1000 से अधिक कलाकार अपनी सुमधुर प्रस्तुतियों के जरिए श्रीकृष्ण भक्ति संगीत, भजन, कीर्तन और रासलीला का रसपान कराएंगे।
यह आयोजन केवल धार्मिक आस्था तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि मध्यप्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और लोककला को भी प्रदर्शित करेगा। बलराम जी और भगवान श्रीकृष्ण के जीवन प्रसंगों पर आधारित साहित्यिक परिचर्चाएं होंगी, जिसमें उनके लोककल्याणकारी कार्यों और अवदान पर विस्तृत संवाद होगा।
मटकी-फोड़, रासलीला और श्रृंगार प्रतियोगिता
कार्यक्रमों की श्रृंखला में मंदिरों में मटकी-फोड़, रासलीला, भजन संध्या, और श्रृंगार प्रतियोगिता का आयोजन होगा। मंदिरों में अनुपम श्रृंगार के लिए विशेष पुरस्कार भी रखे गए हैं —
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₹1.50 लाख के 3 पुरस्कार
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₹1.00 लाख के 5 पुरस्कार
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₹51,000 के 7 पुरस्कार
इसके साथ ही प्रदेश के सभी होटलों में जन्माष्टमी मनाने की विशेष पहल भी की जा रही है, जिससे पर्यटक और श्रद्धालु दोनों इस पवित्र पर्व के वातावरण का आनंद ले सकेंगे।
भजन-कीर्तन मंडलियों की प्रस्तुतियां
संस्कृति विभाग ने चिन्हित मंदिरों और स्थलों पर भजन-कीर्तन एवं अन्य भक्तिमय कार्यक्रमों के लिए सांस्कृतिक दलों और मंडलियों की विशेष प्रस्तुतियां संयोजित की हैं, जिससे हर स्थान पर भक्ति का माहौल बना रहेगा।
मुख्यमंत्री और जनप्रतिनिधियों की सहभागिता
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव विभिन्न स्थानों पर आयोजित हो रहे श्रीकृष्ण पर्व में स्वयं शामिल होंगे और प्रदेशवासियों के साथ हलधर महोत्सव एवं लीलाधारी का प्रकटोत्सव मनाएंगे। इसके अलावा, मंत्री, विधायक और अन्य जनप्रतिनिधि भी अपने-अपने क्षेत्रों में होने वाले आयोजनों में भाग लेंगे।
राज्य स्तरीय इस भव्य आयोजन से मध्यप्रदेश के कोने-कोने में जन्माष्टमी एक उत्सव के रूप में मनाई जाएगी। चारों ओर श्रीकृष्ण भक्ति, अध्यात्म और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का ऐसा संगम होगा, जो श्रद्धालुओं के लिए अविस्मरणीय अनुभव बनेगा।