जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
मध्यप्रदेश के डेयरी सेक्टर में क्रांतिकारी बदलाव की तैयारी जोरों पर है। दरअसल, मध्यप्रदेश में दुग्ध उत्पादन को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि राज्य का लक्ष्य दुग्ध उत्पादन को वर्तमान 9 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत तक पहुंचाना है। यह लक्ष्य तभी साकार हो सकता है जब राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) की विशेषज्ञता का लाभ प्रदेश के हर क्षेत्र को समान रूप से मिले। मुख्यमंत्री समत्व भवन में NDDB और मध्यप्रदेश राज्य सहकारी दुग्ध संघ के मध्य हुए अनुबंध के क्रियान्वयन की समीक्षा बैठक में बोल रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दुग्ध उत्पादन में वृद्धि के लिए अन्य राज्यों की उन्नत नस्ल की गाय-भैंसों को प्रदेश में लाने और उन्हें किसानों तक सरलता से पहुँचाने की प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाना ज़रूरी है। इसके साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाए कि प्रदेश में उत्पादित दूध का वैल्यू एडिशन यहीं हो, और इसके बाद ही डेयरी उत्पाद प्रदेश के बाहर जाएं।
बैठक में पशुपालन एवं डेयरी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) लखन पटेल, मुख्य सचिव अनुराग जैन, अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा, NDDB प्रमुख मिनेश शाह, एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर एस. रघुपति, महाप्रबंधक संजय गोबानी सहित अनेक वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में बड़ी गौशालाएं विकसित की जा रही हैं, जो दुग्ध उत्पादन को बढ़ाने में सहायक बनेंगी। उन्होंने निजी विश्वविद्यालयों को भी डेयरी टेक्नोलॉजी और पशुपालन से जुड़े कोर्स संचालित करने की सलाह दी, ताकि तकनीकी विशेषज्ञता सीधे गौशालाओं के प्रबंधन और डेयरी विकास से जुड़ सके।
बैठक में जानकारी दी गई कि अनुबंध के तहत प्रदेश के दुग्ध संघों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों का प्रभार NDDB द्वारा नामित अधिकारियों को सौंपा गया है। प्रदेश में दुग्ध सहकारी समितियों के कव्हरेज का विस्तार, दुग्ध संकलन और प्रसंस्करण के लिए अत्याधुनिक अधोसंरचना के विकास का कार्य NDDB के समन्वय से चल रहा है। NDDB अगले पांच वर्षों में प्रदेश के 50% गांवों में प्राथमिक डेयरी सहकारी समितियों की स्थापना के लक्ष्य पर कार्य कर रहा है, जिससे किसानों को स्थायी आर्थिक लाभ मिलेगा। साथ ही दूध की खरीद दरों में वृद्धि कर किसानों को दूध का उचित मूल्य दिलाने की पहल भी की गई है।
इसके अलावा दुग्ध संकलन, गुणवत्ता नियंत्रण, भंडारण व्यवस्था की विशेषज्ञ समीक्षा कर ऑटोमेटिक मिल्क कलेक्शन सिस्टम के तहत पूरी वैल्यू चेन के डिजिटलीकरण की तैयारी भी की जा रही है। मध्यप्रदेश डेयरी विकास योजना के तहत दुग्ध सहकारी कव्हरेज के सुदृढ़ीकरण, कोल्ड चैन इन्फ्रास्ट्रक्चर, मिल्क पार्लर स्थापना, ब्रांड प्रमोशन, मार्केट स्टडी जैसे कदम प्रस्तावित हैं। इसके अलावा पशुओं के पोषण और स्वास्थ्य के लिए विशेषज्ञ गतिविधियां भी संचालित होंगी।