‘मध्यप्रदेश माइनिंग कॉन्क्लेव-2024’: मुख्य सचिव अनुराग जैन ने दीप प्रज्ज्वलन कर किया शुभारंभ, 600 से अधिक प्रतिनिधियों की रहेगी भागीदारी

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

मध्यप्रदेश में दो दिवसीय माइनिंग कॉन्क्लेव की 17 अक्टूबर, गुरुवार से शुरुआत हो गई है। बता दें, भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में आयोजित ‘मध्यप्रदेश माइनिंग कॉन्क्लेव-2024’ का शुभारंभ मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव अनुराग जैन ने दीप प्रज्ज्वलन कर किया। साथ ही जैन ने दो दिवसीय मध्यप्रदेश माइनिंग कॉन्क्लेव की प्रदर्शनी का उद्घाटन कर अवलोकन किया।

इस अवसर पर हाईड्रोकॉर्बन की डीजी पल्लवी जैन, मिनरल एक्सप्लोरेशन कॉर्पोरेशन लिमिटेड के एमडी इंद्रदेव नारायण, उद्योग विभाग के प्रमुख सचिव राघवेन्द्र सिंह, सीआईआई मप्र के चेयरमैन आशीष वैश्य मौजूद थे। इस दो दिवसीय माइनिंग कॉन्क्लेव में 600 से अधिक प्रतिनिधियों की भागीदारी होगी। जिसमें कई प्रमुख कंपनियों के प्रतिनिधि और अन्य राज्यों के उद्योगपति शामिल होंगे।

कॉन्क्लेव में अपने संबोधन के दौरान अनुराग जैन ने बताया कि मध्यप्रदेश खनिज संसाधनों के मामले में देश के प्रमुख राज्यों में से एक है। उन्होंने यह भी कहा कि खनिज क्षेत्र में उद्योगों के लिए प्रदेश में कई अच्छे अवसर उपलब्ध हैं, क्योंकि हीरा उत्पादन में मध्यप्रदेश पहले स्थान पर है और साथ ही कॉपर, मैंगनीज, रॉक फॉस्फेट और कोयले के क्षेत्र में भी मध्यप्रदेश समृद्ध है।

उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि मध्यप्रदेश खनिज संसाधन और प्रबंधन में लगातार उत्कृष्टता की ओर बढ़ रहा है। खनिज संसाधन विभाग (एमआरडी) ने खनिज ब्लॉक नीलामी में देश में अग्रणी भूमिका निभाई है। प्रदेश ने 2022-23 में खनिज ब्लॉक नीलामी में पहले स्थान पर कब्जा किया है। भारत सरकार ने मुख्य और गौण खनिज नीलामी के लिए भी इसे प्रथम पुरस्कार प्रदान किया है। जैन ने कहा कि ये सभी उपलब्धियां मध्यप्रदेश को खनिज क्षेत्र में निवेश के लिए एक आदर्श प्रदेश बनाती हैं।

बता दें, मध्यप्रदेश माइनिंग कॉन्क्लेव-2024 का उद्देश्य राज्य की खनन क्षमता को तकनीकी नवाचारों और सतत निवेश के माध्यम से नई ऊंचाइयों तक पहुंचाना है। साथ ही यह दो दिवसीय कॉन्क्लेव उभरते स्टार्ट-अप को भी मंच प्रदान करेगा। इससे स्टार्ट-अप खनन, खनिज आधारित उद्योगों में डिजिटलीकरण की क्षमता को प्रदर्शित कर सकेंगे और खनन क्षेत्र में दक्षता और सुरक्षा को बढ़ाने के साथ-साथ प्रमुख उद्योगों से सहयोग, समर्थन ले सकेंगे। साथ ही निवेश के लिए ध्यान आकर्षित कर सकेंगे।

वहीं, खनिज विभाग के प्रमुख सचिव संजय शुक्ल ने कॉन्क्लेव के दौरान कहा कि मध्य प्रदेश में पिछले कई वर्षों से निवेशकों की समिट आयोजित की जा रही है, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों पर चर्चा होती है। हालांकि, कुछ क्षेत्रों ने देश में अपनी-अपनी प्रैक्टिस स्थापित कर ली हैं, जैसे कि दिल्ली में ऑटो शो और बैंगलोर में प्रदर्शनी। इसी प्रकार, मध्य प्रदेश माइनिंग के क्षेत्र में एक उभरता हुआ राज्य है। इसलिए, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने निर्देश दिया कि माइनिंग के लिए एक विशेष कॉन्क्लेव आयोजित किया जाए, ताकि माइनिंग क्षेत्र में रोजगार और देश की जीडीपी को बढ़ाने के अवसरों पर चर्चा की जा सके।

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