जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
जबलपुर के घंटाघर स्थित नेताजी सुभाषचंद्र बोस सांस्कृतिक सूचना केंद्र सोमवार को एक ऐतिहासिक पल का साक्षी बना। यहां आयोजित स्वास्थ्य विभाग के भव्य कार्यक्रम में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा रसायन एवं उर्वरक मंत्री जगत प्रकाश नड्डा और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मौजूदगी में प्रदेश को चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण सौगातें मिलीं।
श्योपुर और सिंगरौली को मिले नए मेडिकल कॉलेज
कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री नड्डा और मुख्यमंत्री यादव ने रिमोट का बटन दबाकर श्योपुर और सिंगरौली जिले में नवनिर्मित शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों का वर्चुअल लोकार्पण किया। दोनों कॉलेजों को एमबीबीएस पाठ्यक्रम की 100-100 सीटों के लिए अनुमति पत्र (Letter of Permission) भी सौंपा गया। इसके साथ ही प्रदेश में चिकित्सा शिक्षा का दायरा और बड़ा हो गया।
नड्डा ने कहा कि मध्यप्रदेश स्वास्थ्य क्षेत्र में पूरे देश के लिए एक मिसाल बन चुका है। केंद्र की योजनाओं को राज्य सरकार ने जिस तेजी और पारदर्शिता से लागू किया है, वह सराहनीय है।
PPP मॉडल पर 4 नए कॉलेज, 8 लाख बुजुर्गों के लिए “वय वंदना कार्ड”
इस अवसर पर बैतूल, पन्ना, धार और कटनी जिलों में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल पर नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना के लिए अनुबंध पत्रों पर हस्ताक्षर और आदान-प्रदान भी हुआ। केंद्रीय मंत्री और मुख्यमंत्री ने प्रदेश के 8 लाख वरिष्ठ नागरिकों के लिए ‘वय वंदना कार्ड’ वितरण अभियान का शुभारंभ किया और मंच से 5 वरिष्ठजनों को प्रतीक स्वरूप कार्ड सौंपे। इस कार्ड के माध्यम से बुजुर्गों को निःशुल्क स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
नई पहलें: आयुष्मान सखी चैटबॉट और “स्वस्थ यकृत मिशन”
कार्यक्रम में ‘आयुष्मान सखी स्मार्ट चैटबॉट’, ‘आशा संवाद कार्यक्रम’, ‘मातृ-गर्भावस्था आहार प्रचार सामग्री’ और ‘मातृ-शिशु सुरक्षा कार्ड’ का भी शुभारंभ हुआ।
प्रदेश सरकार द्वारा शुरू किए गए स्वस्थ यकृत मिशन के तहत अब तक 1 करोड़ से अधिक नागरिकों की लिवर स्क्रीनिंग पूरी हो चुकी है। केंद्रीय मंत्री नड्डा ने इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य अमले को बधाई दी।
स्वास्थ्य नीति में बड़ा बदलाव: “इलाज से पहले रोकथाम”
अपने संबोधन में नड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की दूरदर्शिता के कारण स्वास्थ्य नीति अब केवल बीमारी के बाद इलाज तक सीमित नहीं है, बल्कि रोकथाम और स्वास्थ्य संवर्धन (Preventive & Promotive Care) पर जोर दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा –
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भारत पहला देश है जिसने अपनी अधिकतम आबादी को 5 लाख रुपए सालाना स्वास्थ्य कवरेज दिया।
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आयुष्मान भारत योजना ने 12.74 करोड़ परिवारों (50 करोड़ से अधिक लोग) को सुरक्षा दी है।
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देशभर में 1.77 लाख आरोग्य मंदिर स्थापित किए गए हैं, जहां डेंटल, मानसिक स्वास्थ्य और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों की स्क्रीनिंग की जा रही है।
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अब तक 5 करोड़ से अधिक गर्भवती माताओं और बच्चों की डिजिटल स्क्रीनिंग की गई है।
मध्यप्रदेश में चिकित्सा शिक्षा का विस्तार
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि वर्ष 2003 तक प्रदेश में केवल 5 मेडिकल कॉलेज थे। अब 17 सरकारी और 13 निजी कॉलेजों के साथ 32 मेडिकल कॉलेज हो चुके हैं। श्योपुर और सिंगरौली में लोकार्पित नए कॉलेजों के बाद यह संख्या और बढ़ी है। डॉ. यादव ने बताया कि सरकार का लक्ष्य है कि हर जिले में मेडिकल या आयुर्वेदिक कॉलेज की स्थापना की जाए ताकि प्रदेशवासियों को उच्चस्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं नजदीक ही मिल सकें।
बुजुर्गों और जरूरतमंदों के लिए नई सुविधाएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार गरीबों और जरूरतमंदों को निःशुल्क एयर एम्बुलेंस और शव वाहन सुविधा भी उपलब्ध करा रही है। इसके अलावा ‘राहवीर योजना’ के तहत सड़क हादसों में घायलों को अस्पताल पहुंचाने वाले व्यक्ति को 25 हजार रुपये का पुरस्कार और मरीज को 1.5 लाख रुपये तक का इलाज मुफ्त दिया जाएगा।
स्वास्थ्य सेवाओं में ऐतिहासिक सुधार
कार्यक्रम में उप-मुख्यमंत्री एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री राजेंद्र शुक्ल ने कहा कि मध्यप्रदेश में अब 19 सरकारी और 13 निजी मेडिकल कॉलेज हैं। अगले कुछ वर्षों में यह संख्या और बढ़कर 26 तक पहुंच जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं का तेजी से विस्तार हो रहा है और यह दिन मध्यप्रदेश की चिकित्सा शिक्षा के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में दर्ज होगा।