मध्यप्रदेश संस्कृति विभाग ने घोषित किए 2024-25 के राष्ट्रीय सम्मान, प्रसून जोशी से लेकर संजय लीला भंसाली तक को मिलेगा गौरव; कला, संगीत, तकनीक और साहित्य के 16 दिग्गजों को मिलेगा राज्य का सर्वोच्च सम्मान!

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

मध्यप्रदेश संस्कृति विभाग ने गुरुवार को वर्ष 2024 और 2025 के लिए अपने 8 प्रमुख राष्ट्रीय सम्मानों के विजेताओं की घोषणा की, जो कला, साहित्य, संगीत, तकनीक और सामाजिक सेवा जैसे विविध क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान देने वाले व्यक्तित्वों और संस्थाओं को सम्मानित करेंगे। इन सम्मानों को राष्ट्रीय स्तर पर कला, भाषा और समाज में विशिष्ट कार्य करने वालों की उपलब्धियों को पहचानने और प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से स्थापित किया गया है।

घोषणा के अनुसार, प्रतिष्ठित राष्ट्रीय किशोर कुमार सम्मान वर्ष 2024 में गीत लेखन के लिए प्रख्यात गीतकार, पटकथा लेखक और सेंसर बोर्ड अध्यक्ष प्रसून जोशी को प्रदान किया जाएगा, जबकि वर्ष 2025 में निर्देशन के क्षेत्र में अपनी अद्वितीय दृष्टि और भव्य प्रस्तुतियों के लिए मशहूर फिल्म निर्देशक संजय लीला भंसाली को यह सम्मान मिलेगा। इसी तरह, राष्ट्रीय लता मंगेशकर सम्मान वर्ष 2024 के लिए लोकप्रिय संगीतकार जोड़ी शंकर-एहसान-लॉय और वर्ष 2025 के लिए सुरों के बादशाह सोनू निगम को दिया जाएगा।

संस्कृति विभाग ने इन आयोजनों के प्रमुख स्थलों और तारीखों की भी घोषणा की है। राष्ट्रीय लता मंगेशकर सम्मान का समारोह 28 सितंबर 2025 को इंदौर में, राष्ट्रीय किशोर कुमार सम्मान का वितरण 13 अक्टूबर 2025 को खंडवा में और राष्ट्रीय महात्मा गांधी सम्मान का आयोजन 2 अक्टूबर 2025 को भोपाल में होगा। वहीं, शेष पांच सम्मान 14 सितंबर 2025 को हिंदी दिवस पर भोपाल में प्रदान किए जाएंगे।

2024 के सम्मानित व्यक्तित्वों और संस्थाओं में शामिल हैं—

  • राष्ट्रीय महात्मा गांधी सम्मान: आनंदधाम, भोपाल

  • राष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी सम्मान: प्रशांत पोळ, जबलपुर

  • राष्ट्रीय निर्मल वर्मा सम्मान: रीता कौशल, ऑस्ट्रेलिया

  • राष्ट्रीय फादर कामिल बुल्के सम्मान: डॉ. इंदिरा गाजिएवा, रूस

  • राष्ट्रीय गुणाकर मुले सम्मान: डॉ. राधेश्याम नापित, शहडोल

  • राष्ट्रीय हिंदी सेवा सम्मान: डॉ. केसी अजय कुमार, तिरुवनंतपुरम

2025 के लिए चयनित हस्तियां और संस्थाएं हैं—

  • राष्ट्रीय महात्मा गांधी सम्मान: पुनरुत्थान समरसता गुरुकुलम, पुणे

  • राष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी सम्मान: लोकेन्द्र सिंह राजपूत, भोपाल

  • राष्ट्रीय निर्मल वर्मा सम्मान: डॉ. वंदना मुकेश, इंग्लैंड

  • राष्ट्रीय फादर कामिल बुल्के सम्मान: पद्मा जोसेफिन वीरसिंघे, श्रीलंका

  • राष्ट्रीय गुणाकर मुले सम्मान: डॉ. सदानंद दामोदर सप्रे, भोपाल

  • राष्ट्रीय हिंदी सेवा सम्मान: डॉ. विनोद बब्बर, दिल्ली

इन सम्मानों की विशेषता यह है कि इनमें कला और संगीत के क्षेत्र में योगदान के साथ-साथ तकनीकी नवाचार, सामाजिक समरसता, साहित्य और भाषा संवर्द्धन जैसे क्षेत्रों में भी उत्कृष्ट कार्य करने वालों को मंच प्रदान किया जाता है। विशेष रूप से, फादर कामिल बुल्के और निर्मल वर्मा सम्मान विदेशों में हिंदी के प्रचार-प्रसार में योगदान देने वाले प्रवासी भारतीयों और विदेशी मूल के लोगों को सम्मानित करते हैं। वहीं, सूचना प्रौद्योगिकी सम्मान डिजिटल युग में हिंदी के तकनीकी विकास और उपयोगिता को बढ़ावा देने के लिए दिया जाता है।

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